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चारा घोटला: लालू के खिलाफ दो मामलों में प्रोडक्शन वारंट जारी

चाइबासा कोषागार से अवैध निकासी मामले की सुनवाई अब चार को और डोरंडा मामले की सुनवाई होगी पांच जनवरी को होगी।

By Sachin MishraEdited By: Published: Tue, 02 Jan 2018 11:32 AM (IST)Updated: Tue, 02 Jan 2018 06:00 PM (IST)
चारा घोटला: लालू के खिलाफ दो मामलों में प्रोडक्शन वारंट जारी
चारा घोटला: लालू के खिलाफ दो मामलों में प्रोडक्शन वारंट जारी

जागरण संवाददाता, रांची।  चारा घोटाला मामले में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री व राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद के खिलाफ सीबीआइ के विशेष कोर्ट ने दो मामलों में प्रोडक्शन वारंट जारी किया है। लालू के अधिवक्ता प्रभात कुमार ने सीबीआइ के अलग-अलग विशेष कोर्ट में आवेदन दाखिल किया था। जिसमे कहा गया था कि लालू प्रसाद को इस मामले में भी न्यायिक हिरासत में लिया जाए।

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चाइबासा कोषागार से अवैध निकासी मामले की सुनवाई अब चार को और डोरंडा मामले की सुनवाई होगी पांच जनवरी को होगी। लालू को कोर्ट में उपस्थित होने का आदेश मिला है। जेल मैनुअल के अनुसार, लालू के अधिवक्ता मिल सकेंगे। 

अधिवक्ता प्रभात कुमार ने चाईबासा कोषागार से अवैध निकासी से संबंधित मामले में सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश एसएस प्रसाद और दुमका कोषागार से अवैध निकासी से संबंधित मामले में सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश शिवपाल सिंह व डोरंडा कोषागार मामले में प्रदीप कुमार की अदालत में आवेदन दाखिल कर प्रोडक्शन वारंट जारी करने की मांग की है। चाइबासा और दुमका मामले में अदालत ने आवेदन पर आदेश सुरक्षित रखा है।

इधर, अधिवक्ता से लालू को मिलने देने की छूट दिए जाने को लेकर भी अधिवक्ता कोर्ट में आवेदन देने की तैयारी में है। न्यायलय के दूसरी पाली में आवेदन दाखिल करेंगे।

चारा घोटालाः तीन के चक्कर में फिर लालू, सुनाई जाएगी सजा

चारा घोटाले में एक बार फिर बिहार के पूर्व सीएम व राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव तीन तारीख के चक्कर में फंसेंगे। अदालत ने देवघर मामले में सजा के बिंदुओं पर सुनवाई के लिए तीन जनवरी की तिथि निर्धारित की है। इसके पूर्व चाईबासा कोषागार से अवैध निकासी से संबंधित चारा घोटाला मामले में भी लालू सहित अन्य आरोपियों को 30 सितंबर, 2013 को दोषी करार दिया गया था। सजा के बिंदुओं पर सुनवाई तीन अक्टूबर, 2013 को हुई थी।

उस वक्त उन्हें कैदी नंबर भी तीन से जुड़ा हुआ 3312 मिला था। 23 दिसंबर को भी जब उन्हें देवघर मामले में दोषी ठहराए जाने पर जेल भेजा गया तो कैदी नंबर 3351 मिला, जो तीन से ही जुड़ा अंक है। वर्ष 2013 में लालू सहित अन्य को सजा के बिंदुओं पर सुनवाई वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से हुई थी। इसमें लालू प्रसाद को पांच वर्ष की सजा सुनाई गई थी और 25 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया था। स्पष्ट है कि चारा घोटाले में लालू प्रसाद को तीन का चक्कर नहीं छूट रहा है। हर तारीख में तीन नंबर जरूर आ रहा है। चारा घोटाले में दोषी करार 16 अभियुक्तों के खिलाफ सजा के बिंदुओं पर सुनवाई बुधवार को होगी।

यह मामला देवघर कोषागार से अवैध निकासी से संबंधित है। मामले में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद सहित अन्य अभियुक्तों को सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश शिवपाल सिंह की अदालत ने 23 दिसंबर 2017 को दोषी ठहराया था। सभी दोषी बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा में बंद हैं। यह मामला अविभाजित बिहार के देवघर कोषागार से 89.4 लाख रुपये की अवैध निकासी से संबंधित है। मामले को लेकर सीबीआइ ने चारा घोटाला कांड संख्या आरसी 64ए/96 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी।

अभियुक्तों में लालू, जगदीश शर्मा, डॉ.आरके राणा व पशुपालन विभाग के पांच अधिकारी और आठ आपूर्तिकर्ता शामिल हैं। अवैध निकासी पशु चारा, दवा व पशुपालन से जुड़े उपकरणों की खरीद और विभिन्न पशुपालन केंद्रों में उसकी आपूर्ति और अन्य मदों में की गई थी। सीबीआइ की जांच में यह सभी व्यय फर्जी पाए गए थे।

कोर्ट से अधिवक्ता करेंगे लालू से मिलाने का अनुरोध

चारा घोटाले में जेल में बंद लालू प्रसाद से अधिवक्ता को मिलने नहीं दिया जा रहा है। इसे लेकर मंगलवार को उनके अधिवक्ता लालू से मिलाने को लेकर अदालत से अनुरोध कर सकते हैं। अधिवक्ता का मानना है कि उन्हें मुवक्किल से मिलने देने की छूट देनी चाहिए, ताकि वह केस से संबंधित विचार विमर्श कर सकें। अदालत से अनुरोध करने की तैयारी उनके अधिवक्ता द्वारा की जा रही है।

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