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Health Tips: आइए, शरीर को फौलाद बनाते हैं; कोरोना और दूसरी बीमारियों को दूर भगाते हैं

Health Tips for Coronavirus Patients आयुर्वेद रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में कारगर है। तुलसी अदरख गुड़ सोंठ गोल मिर्च का सेवन करें। कोरोना वायरस के होम आइसोलेशन वाले मरीज और सामान्य लोग भी घरेलू नुस्खे का उपयोग करें।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Sat, 10 Oct 2020 03:46 PM (IST)Updated: Sat, 10 Oct 2020 04:44 PM (IST)
Health Tips: आइए, शरीर को फौलाद बनाते हैं; कोरोना और दूसरी बीमारियों को दूर भगाते हैं
कोरोना से बचने को गर्म पानी पीने की आदत डालें।

रांची, जेएनएन। आयुर्वेद जो सदियों से हमारे यहां इलाज की पद्धति रही है, उस पर कोरोना संकट के दौर में एक बार फिर से सबसे ज्यादा भरोसा किया जा रहा है। केंद्र सरकार के आयुष मंत्रालय की ओर से आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति से इलाज की अनुमति दे दी गई है। यह सर्वमान्य है कि आयुर्वेद की इलाज पद्धति हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में कारगर है।

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तुलसी, अदरख, गुड़, सोंठ, गोल मिर्च, गिलोय आदि का सेवन सदियों से इम्युनिटी बढ़ाने के लिए हो रहा है। वैसे तो हम सभी अपने घरों में बड़े-बुजुर्गों से तरह-तरह के नुस्खों को आजमाते रहे हैं लेकिन यह भी सच है कि समय के साथ इन्हें भुलाया भी दिया गया है। कोरोना से लड़ने के लिए अपने शरीर को कैसे मजबूत बनाएं, कौन से तरीके अपनाएं, प्रस्तुत है विशेष रिपोर्ट।

रांची के आयुर्वेद चिकित्सक डा. भरत कुमार अग्रवाल का कहना है कि आयुर्वेद में प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने की बात होती है। इसके लिए तुलसी, अदरख, गुड़, सोंठ, गोल मिर्च आदि का चाय के रूप में सेवन करें। इनके सेवन से पाचन शक्ति भी मजबूत होगी। बार-बार हाथ को अच्छे तरीके से धोने के बाद ही मुंह व नाक को छूएं। हाथ संक्रमित होने के कारण नाक, मुंह आदि छूने पर वायरस तेजी फैलता है।

ऐसे में सतर्कता जरूरी है। अपनी इम्युनिटी को मजबूत बनाए रखना चाहते हैं तो उन्हें इन टिप्स को जरूर फॉलो करना चाहिए। डा. अग्रवाल ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि आयुर्वेद में ऐसे कई तरीके हैं जो रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाने के लिए प्रभावी रूप से मददगार साबित हो सकते हैं।

सबसे पहले अपनाएं यह तरीका

कोरोना वायरस के इस दौर में मौसम बदलने के कारण भी लोगों को सर्दी, जुकाम और तरह-तरह की समस्याओं से गुजरना पड़ रहा है। इस दौरान इम्युनिटी को मजबूत बनाए रखने के लिए नीचे बताई जा रही टिप्स को जरूर फॉलो करें।

कोविड से बचने के लिए सबसे पहले गर्म पानी पीने की आदत डालनी होगी।

स्टोव पर स्टील के कंटेनर में पीने के पानी को अच्छी तरह से उबालना चाहिए।

चार या पांच पिपरमिंट के पत्ते, अदरक का एक छोटा टुकड़ा और लौंग डालकर इसे 3-4 मिनट तक उबलने दें।

सुबह में एक बार इस पानी के मिश्रण को तैयार करें और इसका सेवन करें।

पूरे दिन साधारण पानी पीने के बजाय इस पानी को पीने के लिए इस्तेमाल करें।

तुलसी कटु कातिक्ता हद्योषणा दाहिपित्तकृत।

दीपना कृष्टकृच्छ् स्त्रपाश्र्व रूककफवातजित।।

अर्थ- तुलसी कड़वे व तीखे स्वाद वाली दिल के लिए लाभकारी, त्वचा रोगों में फायदेमंद, पाचन शक्ति बढ़ाने वाली और मूत्र से संबंधित बीमारियों को मिटाने वाली है। यह कफ और आंत से संबंधित बीमारियों को भी ठीक करती है।

ऐसे करें इस्तेमाल

लगभग एक लीटर पानी में तुलसी के पत्तों को अच्छी तरह उबाल लें। तुलसी के पत्तों को तब तक उबालें, जब तक एक लीटर पानी, एक चौथाई न हो जाए।

अब एक चौथाई पानी के बचे होने पर 4-6 दाने काली मिर्च, थोड़ा सा गुड़ और एक चम्मच नींबू रस डालकर इसे तैयार किया जा सकता है।

इसे हर्बल चाय के रूप में आप दिन में एक या दो बार भी पी सकते हैं। बुखार के लक्षणों की शुरुआत में केवल कुछ दिनों के लिए इसका सेवन किया जा सकता है।

सर्दी, खांसी होने पर क्या करें

कोरोना वायरस के प्रमुख लक्षणों में देखा जाए तो सर्दी, खांसी भी शामिल है। इसके लिए अदरक के कटे हुए छोटे हुए टुकड़े, 1/2 चम्मच जीरा, 1/2 चम्मच हल्दी और एक चम्मच नींबू रस को एक कप पानी में मिलाकर इसका सेवन करना है। सर्दी, खांसी से पीडि़त लोगों में इस आयुर्वेदिक ड्रिंक का फायदा बड़ी तेजी से देखने को मिलेगा। यह रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाता है और कोरोना वायरस के इस लक्षण को भी ठीक करने के काम आ सकता है।

छोटे बच्चों का भी रखें विशेष ध्यान

पेपरमिंट के तेल को दो से तीन बूंद एक चम्मच शहद में मिलाकर बच्चे को दें। यह बच्चों की इम्युनिटी बढ़ाने के लिए कारगर है। इससे श्वसन प्रणाली को सुरक्षा कवच मिलता है।

बुजुर्गों का रखें विशेष ध्यान

डायबिटीज और ब्लड प्रेशर से ग्रसित बुजुर्गों को इम्युनिटी बढ़ाने के लिए उन्हें नियमित रूप से योग और एक्सरसाइज करने की सलाह दें।

लंच के बाद न सोएं

लंच के बाद सोने की आदत अगर आपको भी है तो यह आपकी सेहत के लिए बहुत ही नुकसानदायक साबित हो सकता है। लंच करने के तुरंत बाद सोने के कारण पाचन क्रिया ठीक तरीके से नहीं होती। यह रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी कमजोर बना सकता है। दोपहर में सोने की आदत को पूरी तरह छोड़ दें।

सरसों का तेल और कपूर का करें इस्तेमाल

सरसों तेल में कपूर मिलाकर कुछ बूंदें नाक में डालें, जिससे श्वास लेने में कठिनाई नहीं होगी।

संक्रमण से बचने के लिए अदरक व मुलेठी का सेवन अधिक करें।

अदरक को आयुर्वेद में विषनाशक कहा जाता है।

चीनी की जगह गुड़ का सेवन करें।

ज्यादा भीड़ वाले इलाकों में जाने से परहेज करें।

साथ ही हल्दी डालकर दूध का सेवन रात में सोने से पहले करें।

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