स्वास्थ्य सचिव ने रिम्स में कथित शराब पार्टी मामले में निदेशक से मांगा जवाब
Jharkhand. नए वर्ष पर रिम्स में डॉक्टरों द्वारा कथित रूप से शराब पीने के मामले को स्वास्थ्य सचिव ने गंभीर माना है। निदेशक से इस संबंध में रिपोर्ट तलब की है।
रांची, राज्य ब्यूरो। स्वास्थ्य विभाग ने नए वर्ष पर रांची स्थित राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान (रिम्स) में पार्टी मनाने तथा इसमें डॉक्टरों द्वारा कथित रूप से शराब पीने के मामले को गंभीरता से लिया है। विभाग के प्रधान सचिव डॉ. नितिन मदन कुलकर्णी ने इस मामले में रिम्स निदेशक डॉ. डीके सिंह से रिपोर्ट तलब की है। उन्होंने रिम्स में शराब पहुंचने को ही दुर्भाग्यपूर्ण और अपने कत्र्तव्यों के प्रति लापरवाही बताया है।
डॉ. कुलकर्णी ने निदेशक से रिपोर्ट मांगे जाने की जानकारी देते हुए कहा है कि डॉक्टरों से इसकी अपेक्षा नहीं की जा सकती। किसी भी चिकित्सक या पदाधिकारी को अपने चैंबर में भी शराब पीने की छूट नहीं दी जा सकती। प्रधान सचिव ने इस मामले में रिपोर्ट मिलने के बाद दोषी चिकित्सकों के विरुद्ध आवश्यक कार्रवाई की भी बात कही है।
कूड़े में मेडिकल वेस्ट फेंकने वालों पर करें एफआइआर
स्वास्थ्य सचिव डॉ. नितिन मदन कुलकर्णी ने कूड़े में बायो मेडिकल वेस्ट फेंकने वाले अस्पतालों व नर्सिंग होम के प्रबंधकों की पहचान कर उनपर एफआइआर दर्ज करने का आदेश दिया है। उन्होंने बोकारो में कई अस्पतालों द्वारा कूड़े में बायो मेडिकल वेस्ट फेंकने की शिकायत पर यह आदेश बोकारो के सिविल सर्जन को दिया है। साथ ही, उन्होंने झारखंड प्रदूषण नियंत्रण पर्षद को आवश्यक कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।
दरअसल, स्वास्थ्य विभाग तथा झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद की अलग-अलग टीम के निरीक्षण में बोकारो स्टील टाउनशिप में कई अस्पतालों व नर्सिंग होम द्वारा बायो मेडिकल वेस्ट का नियमानुसार निस्तारण नहीं होने तथा कई जगहों पर उसे खुले में कूड़े फेंके जाने का मामला सामने आया था। प्रयोग किए गए सिरिंज, सैलाइन और खाली बोतल कचरों में फेंके मिले। बोकारो जनरल अस्पताल के पास स्थित एक कबाड़ी के दुकान में भी ऐसी सामग्री काफी मात्रा में मिली।
बायो मेडिकल वेस्ट को लेकर हाई कोर्ट है सख्त
बायो मेडिकल वेस्ट के सही ढंंग से निस्तारण नहीं होने को लेकर झारखंड हाई कोर्ट भी सख्त है। इसे लेकर वह कई बार स्वास्थ्य विभाग और झारखंड प्रदूषण नियंत्रण परिषद को कड़ी फटकार लगा चुका है।
रांची में भी नहीं होता सही ढंग से निस्तारण
रांची स्थित राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान (रिम्स) के अलावा रांची के कई अस्पतालों में बायो मेडिकल वेस्ट का सही ढंग से निस्तारण नहीं होता। बायो मेडिकल वेस्ट के सही ढंग से निस्तारण नहीं करा पाने को लेकर स्वास्थ्य विभाग और झारखंड राज्य प्रदूषण परिषद के बीच फेंकाफेकी भी होती है। स्वास्थ्य विभाग के पदाधिकारियों के अनुसार, इसकी मॉनीटङ्क्षरग व कार्रवाई की पूरी जिम्मेदारी झारखंड प्रदूषण नियंत्रण परिषद की है।