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रामचंद्र चंद्रवंशी ने ली चुटकी, 'राधाकृष्‍ण जी मंत्री बनने के लिए अकबकाएल हैं'

Jharkhand Assembly. आयुष्‍मान भारत को लेकर भाजपा के सचेतक राधाकृष्ण किशोर ने सवाल दागा तो स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री ने कहा कि इनको चींटी काटने की आदत है।

By Alok ShahiEdited By: Published: Sat, 19 Jan 2019 06:00 PM (IST)Updated: Sun, 20 Jan 2019 10:47 AM (IST)
रामचंद्र चंद्रवंशी ने ली चुटकी, 'राधाकृष्‍ण जी मंत्री बनने के लिए अकबकाएल हैं'
रामचंद्र चंद्रवंशी ने ली चुटकी, 'राधाकृष्‍ण जी मंत्री बनने के लिए अकबकाएल हैं'

रांची, राज्य ब्यूरो। शुक्रवार को विधानसभा की कार्यवाही जब सुचारू रूप से चलने लगी तो सदन में मंत्रियों की घेराबंदी भी शुरू हो गई। इसका निशाना बने स्वास्थ्यमंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी। भाजपा के फूलचंद मंडल ने प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना और उससे जुड़े लाभ को लेकर सवाल उठाये थे। देखते ही देखते इसे अन्य विधायकों ने लपक लिया। विपक्ष से ज्यादा सत्तापक्ष के विधायकों ने स्वास्थ्यमंत्री की चौतरफा घेराबंदी की।

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बादल, भानु प्रताप शाही, कुणाल षाडंगी, राधाकृष्ण किशोर ने मरीजों के इलाज में कोताही पर सवाल उठाए। विधानसभा में सत्तापक्ष के मुख्य सचेतक राधाकृष्ण किशोर ने सवाल उठाया कि आयुष्मान योजना से कितने लोगों का इलाज हुआ और कितनों का भुगतान सरकार ने किया। इसपर मंत्री ने आंकड़े तो गिनाए लेकिन दोनों के बीच खूब टोकाटोकी हुई।

मंत्री ने छूटते ही कहा-इनको चींटी काटने की आदत है। एतना हड़बड़ाइएगा तो मंत्री कैसे बनिएगा? पूरा सदन जानता है कि आप (राधाकृष्ण किशोर) काहे अकबकाएल हैं। गरिमा नहीं रखते तो हम दो बार मंत्री नहीं बनते। आप तो आठ दिन मंत्री रह पाए। हालांकि स्पीकर ने स्वास्थ्यमंत्री को संभालने की कोशिश करते हुए कहा कि कल रात (गुरुवार को) इनके पोते की शादी थी। ज्यादा तंग मत कीजिए। मंत्री ने कहा कि ये लोग जबरदस्ती कर रहे हैं। वे तो टू द प्वाइंट जवाब देना चाहते हैं। उन्होंने जवाब दिया कि आयुष्मान योजना के तहत कुल 35,500 क्लेम अबतक आ चुके हैं। इसमें 35.27 करोड़ का भुगतान हो चुका है। योजना के तहत 25136 रोगियों का इलाज हो चुका है।

ढुलू महतो ने उठाया जमीन अधिग्रहण का मामला : भाजपा के विधायक ढुलू महतो ने बीसीसीएल परियोजना के विस्तार और कोयला उत्पादन में रैयतों की जमीन अधिग्र्रहण का मामला उठाया। कहा कि कंपनी द्वारा जमीन का अधिग्र्रहण किया जा चुका है लेकिन रैयतों को मुआवजा नहीं मिला है। उन्हें नौकरी भी नहीं दी गई है। मंत्री अमर कुमार बाउरी ने जानकारी दी कि जमीन 1957 में ही अधिग्र्रहीत की गई थी। यह मामला राज्य सरकार का नहीं है। स्टीफन मरांडी ने कहा कि सरकार ऐसे हाथ-पांव झाड़ देगी तो काम कैसे चलेगा। योगेश्वर महतो ने बाटुल ने भी अपने क्षेत्र में इससे जुड़े मामले गिनाए। स्पीकर ने इसपर 22 जनवरी को विस्तृत जवाब देने को कहा है।


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