Move to Jagran APP

घर छोड़कर निकला बालक 26 वर्ष बाद योगी बनकर लौटा वापस, जानिए पूरी कहानी

Jharkhand. हजारीबाग के पदमा प्रखंड के सरैया (बांडी सिमर) स्थित घर से 26 वर्ष पूर्व किसी बात से नाराज होकर छात्र निकल गया था।

By Edited By: Published: Mon, 25 Nov 2019 08:46 PM (IST)Updated: Tue, 26 Nov 2019 02:19 PM (IST)
घर छोड़कर निकला बालक 26 वर्ष बाद योगी बनकर लौटा वापस, जानिए पूरी कहानी
घर छोड़कर निकला बालक 26 वर्ष बाद योगी बनकर लौटा वापस, जानिए पूरी कहानी

रांची, जेएनएन। हजारीबाग के पदमा प्रखंड के सरैया (बांडी सिमर) स्थित घर से 26 वर्ष पूर्व किसी बात से नाराज होकर निकल गया बालक सोमवार को योगी के रुप में भीक्षा मांगने घर पहुंचा। उसके गीतों के माध्यम से पहचान हुई तो परिजनों समेत पूरे गांव की आंखें नम हो गई। भीक्षा मांगने के क्रम में अपनी कहानी गीतों के माध्यम से जब गांव वालों को सुनाया तो मां-पिता भी अपने आप को नहीं रोक सके।

loksabha election banner

परंतु मोह माया से दूर जा चुका बेटे के चेहरे पर शिकन तक नहीं आई और मां पिता से गुरु के दिए आदेशों के अनुरुप वह भिक्षा लेने के बाद वापस दुबारा वापस आने की बात कह विदा हो गया। योगी बनकर घर आया व्यक्ति विजय कुशवाहा (पिता ज्ञानी महतो) सरैया है। चाचा रामचन्द्र महतो सहित अन्य लोगों ने अपने भतीजे को उसके शरीर और चेहरे पर निशानियां देखकर पहचाना।

जब 26 साल बाद बेटा को योगी बन गांव लौटने की खबर फैली तो पूरा गांव विजय के घर पर जमा हो गया। अपनी ममता की आंसू पोछते हुए बेटे को मां और पिता ने भिक्षाटन दिया। यह मार्मिक दृश्‍य सबकी गला को रुंद्ध कर दिया।

26 वर्ष पूर्व भाग कर पहुंचा था मुंबई, लूटपाट कर अपराधियों ने कर दिया अधमरा

योगी बने विजय ने परिजनों को बताया कि वह 26 वर्ष पूर्व घर से भागकर मुंबई जा पहुंचा था। वहां काम करने के बाद उसे लोगों ने रास्ते में लूट लिया और मारपीट कर गंभीर रूप से घायल कर दिया। संभवत: उसे मरा समझकर अपराधी वहां से फरार हो गए थे। इसके बाद मां मुम्बा देवी के दर्शन करने जा रहे संन्यासियों के दल ने उसे बचाया, इलाज कराया और घर जाकर माता-पिता की सेवा कर गृहस्थ धर्म अपनाने को कहा। परंतु उसकी जिद पर उसे गुरु जी ने दीक्षा दी।

12 वर्ष के वैराग्य के दौरान उससे कुछ त्रुटि हो गई। इस कारण उसे पुन: 12 वर्ष का वैराग्य का निर्देश दिया गया। इसी निर्देश पर वह सोमवार को अपने घर भिक्षाटन करने पहुंचा था। बताया कि वह जब तक मां-बाप से भिक्षा प्राप्त नहीं करेगा, उसकी साधना पूरी नहीं होगी। दो वर्ष पूर्व बड़कागांव भी आया था। बचपन में लापता हुआ युवक साधू के वेश में बड़कागांव पहुंचा था। परिजनों ने उसकी पहचान करने के बाद उसे अपने साथ रहने की जिद की थी। करीब एक सप्ताह रुकने के बाद वह चुपके से एक बार फिर घर से निकल गया था।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.