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हवाला कारोबार में फंस रहा बैंकों का पैसा, एटीएम में परेशानी बरकरार

कैश की किल्लत का एक बड़ा कारण हवाला कारोबार भी है। वहीं,एटीएम में नो कैश का बोर्ड अभी भी लगातार देखने को मिल रहा है।

By Sachin MishraEdited By: Published: Tue, 24 Apr 2018 01:23 PM (IST)Updated: Tue, 24 Apr 2018 03:15 PM (IST)
हवाला कारोबार में फंस रहा बैंकों का पैसा, एटीएम में परेशानी बरकरार
हवाला कारोबार में फंस रहा बैंकों का पैसा, एटीएम में परेशानी बरकरार

जागरण संवाददाता, रांची। राजधानी रांची में हो रही कैश की किल्लत का एक बड़ा कारण हवाला कारोबार भी है। विभिन्न बैंकों के करोड़ों रुपये हवाला कारोबार में फंसे हुए हैं। यह रुपये न तो बैंक में वापस आ रहे हैं और न ही बाजार में खप रहे हैं। इन पैसों का प्रयोग बड़े स्तर पर व्यावसायिक ऑर्डर लेने और देने में किया जा रहा है। लाखों का ट्रांजेक्शन यहां पलक झपकते हो रहा है, जानकारी न तो बैंकों को मिल रही है और न ही आयकर विभाग को। कारोबार में सिर्फ दो हजार के नोटों का ही प्रयोग हो रहा है। जाहिर सी बात है एटीएम और बैंकों में दिख रही दो हजार की नोटों की कमी का एक बड़ा कारण यही है। इस बात की पुष्टि आरबीआइ के आंतरिक रिपोर्ट में की गई है। आरबीआइ के अनुसार दो हजार के नोट बाजार से वापस नहीं आ रहे हैं। नोटबंदी के बाद जितने नोट रिलीज किए गए उनमें से 60 फीसद नोट रांची के बाजार से वापस नहीं लौटे।

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राजधानी रांची के अलावा धनबाद, जमशेदपुर और बोकारो में भी कैश का ज्यादा प्रयोग हो रहा है। व्यवसायी बड़ी संख्या में कैश रख रहे हैं, जिसका प्रयोग माल खरीदने और बेचने में किया जा रहा है। इन रुपयों का प्रयोग हवाला कारोबार में हो रहा है। झारखंड में नोटबंदी से पहले राज्य में 2.97 लाख करोड़ रुपये के नोट बाजार में थे। अब 3.47 लाख करोड़ रुपये के हैं, इसके बावजूद भी बैंकों में पैसे नहीं है। जबकि नोटबंदी के पहले यह स्थिति नहीं थी। रांची कैश ट्रांजेक्शन का मुख्य सेंटर बना हुआ है। यहां हर दिन करोड़ों का कारोबार होता है। थोक ऑर्डर देने और लेने के लिए इन दिनों सबसे अधिक कैश का प्रयोग किया जा रहा है। हवाला कारोबारियों की पहुंच यहां के बाजार में सबसे अधिक है।

व्यवसायियों को पैसे एक सेंटर पर जाकर देना होता है, उसके कुछ ही मिनटों में करोड़ों रुपये देश के अन्य हिस्से में पहुंच जाते हैं। वह भी बिना किसी ऑनलाइन या ऑफलाइन रिकार्ड के। थोक कारोबारियों में सबसे अधिक इसका प्रयोग किया जा रहा है। टैक्स बचाना साथ ही आय और व्यय के ब्योरे को छिपाने के लिए सभी इसका प्रयोग कर रहे हैं। दो हजार के नोटों को वापस मंगाने के लिए दिया गया निर्देश बाजार से दो हजार के नोटों को वापस बैंकों में लाने का निर्देश आरबीआइ की ओर से दिया गया है। आरबीआइ ने सभी बैंकों को निर्देश दिया है कि वे जल्द से जल्द अपने सभी बडे़ खाताधारकों से कैश बैंक को देने की अपील करें। साथ ही करेंट एकाउंट में अधिक से अधिक संख्या में 2 हजार नोटों की संख्या बढ़ाने का भी निर्देश दिया गया है।

एटीएम अभी भी कर रहे हैं परेशान

राजधानी के एटीएम में नो कैश का बोर्ड अभी भी लगातार देखने को मिल रहा है। सोमवार को भी शहर के कुछ एटीएम में पैसे नहीं रहें, कुछ एटीएम तो अभी भी खराब हैं। दूसरी ओर 200 के नोट के लिए कई एटीएम अभी तक कैलिब्रेट भी नहीं हुए हैं। दूसरी ओर, निजी बैंकों के एटीएम में कैश की किल्लत नहीं दिख रही।

छोटे नोटों का नहीं हुआ कैलिब्रेशन

छोटो नोटों के लिए कई एटीएम अभी भी तैयार नहीं है। शहर के कई एटीएम में 200 के नोट डालने की व्यवस्था नहीं की गई है। जब तक एटीएम को इसके लिए तैयार नहीं किया जाएगा वहां कैश नहीं डाला जा सकेगा। एटीएम में दो से चार ट्रे होती हैं। अगर 2000 के नोट डाले जाते तो ज्यादा कैश मिलता, लेकिन 100 और 500 के नोट ही डाले जा रहे हैं। इससे कम कैश एटीएम में रहता है। राजधानी में सिर्फ 40 फीसद एटीएम ही 200 के नोट के लिए कैलिब्रेट हुए हैं। आरबीआइ ने सभी बैंकों को जल्द ही इस ओर कार्य करने का आदेश दिया है।

दो हजार के नोटों को लेकर विभिन्न बैंकों को निर्देश दिए गए हैं। बैंकों को कैश उपलब्ध भी करवाया जा रहा है। साथ में बाजार से भी कैश को वापस लाने के लिए कार्य किया जा रहा है। आने वाले कुछ दिनों के अंदर नोटों की समस्या पूरी तरह से समाप्त हो जाएगी।

-राजेश तिवारी, एजीएम, आरबीआइ रांची


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