कमीशन के चक्कर में गार्ड रिम्स से मरीजों को पहुंचाते हैं निजी अस्पताल
रांची रिम्स के कुछ सुरक्षा गार्ड कमीशन के चक्कर में भर्ती मरीजों को निजी अस्पताल पहुंचाकर मोटी कमाई कर रहे हैं।
जागरण संवाददाता, रांची : रिम्स के कुछ सुरक्षा गार्ड कमीशन के चक्कर में भर्ती मरीजों को निजी अस्पताल में भेजने का काम करते है। मरीजों को उन निजी अस्पतालों में ले जाया जाता है, जहा उनका कमीशन तय होता है। सुरक्षा गार्ड और ट्रॉली सुपरवाइजर की जाल में फंस चुके एक मरीज के परिजन रेशमी कुमारी ने जब मामले की शिकायत रिम्स निदेशक से की तब इस मामले का खुलासा हुआ। निदेशक ने मामले को गंभीरता से लिया है। उन्होंने जाच की सिफारिश की है।
परिजनों ने लिखित शिकायत करते हुए कहा है कि कमीशन के खेल में शामिल ब्रोकर उन मरीजों के परिजनों को पकड़ते हैं जिन्हें तत्काल इलाज की जरूरत होती है। गरीब परिवार सुरक्षा गार्डो के झासे में आ जाते है। इस तरह के मामले में एक हफ्ते के अंदर ही दूसरी बार निदेशक सेल में शिकायत दर्ज हुई है। शिकायत करते हुए रेशमी ने बताया कि उसके भाई को सड़क दुर्घटना में चोट लगी थी। रिम्स में भर्ती किया गया था। परिजन किसी काम से बाहर निकले। इतने में ट्राली सुपरवाइजर और कुछ सुरक्षाकर्मियों ने मिलकर बरियातू के लेक व्यू अस्पताल में भर्ती करा दिया गया। जहा उसके इलाज में ढाई लाख रुपये खर्च हो गए। इस चक्कर में मरीज के परिजन को गहने बेचने पड़ गए और कर्ज लेने की नौबत आ गई। इसके बाद भी निजी अस्पताल में पैसे चूसने के बाद मरीज की स्थिति बिगड़ी और उसे वापस रिम्स में लाकर एडमिट करा दिया गया जहा इलाज के दौरान उसकी मौत गई। अब मरीज के परिजनों ने रिम्स निदेशक डॉ. डीके सिंह से कार्रवाई की गुहार लगाई है। एक अन्य मरीज ने भी ट्राली सुपरवाइजर की थी शिकायत
इससे पहले भी रिम्स के सुरक्षा गार्ड सुपरवाइजर हसनैन के खिलाफ शिकायत हुई थी। जिसके बाद निदेशक डीके सिंह ने उन्हें जाच होने तक रिम्स में कार्य करने से मना कर दिया था। इसकी शिकायत एक सोशल वेलफेयर सोसायटी ने 16 मार्च को निदेशक से की थी। वहीं मामले को लेकर स्वास्थ्य मंत्री और स्वास्थ्य सचिव से भी इस मामले की शिकायत की गयी थी। उस मामले में सुपरवाइजर हसनैन पर कार्रवाई भी हुई थी। मरीज के परिजन द्वारा यह मामला मेरे संज्ञान में आया है। मरीज को आश्वस्त किया गया है कि मामले में उचित जांच कर कार्रवाई की जाएगी। हाल में इस तरह के मामले में एक सुरक्षाकर्मी को निकाला भी गया है।
-डॉ. डीके सिंह, निदेशक, रिम्स।