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सिर्फ पुलिस के बूते नहीं है बच्चियों की सुरक्षा, परिवार व समाज भी आगे आए

डीजीपी एमवी राव ने बिचयों की सुरक्षा पर चिंता जताते हुए कहा कि उनकी सुरक्षा सिर्फ पुलिस के बूते की बात नहीं है। इसके लिए परिवार व समाज को भी आगे आना होगा। हाल के दिनों में प्रदेश में घटित दरिदगी की घटनाओं पर डीजीपी चितित नजर आए और अब तक हुई पुलिस की कार्रवाई पर संतोष भी जताया।

By JagranEdited By: Published: Wed, 21 Oct 2020 01:04 AM (IST)Updated: Wed, 21 Oct 2020 01:04 AM (IST)
सिर्फ पुलिस के बूते नहीं है बच्चियों की सुरक्षा, परिवार व समाज भी आगे आए
सिर्फ पुलिस के बूते नहीं है बच्चियों की सुरक्षा, परिवार व समाज भी आगे आए

रांची : डीजीपी एमवी राव ने बच्चियों की सुरक्षा पर चिंता जताते हुए कहा कि उनकी सुरक्षा सिर्फ पुलिस के बूते की बात नहीं है। इसके लिए परिवार व समाज को भी आगे आना होगा। हाल के दिनों में प्रदेश में घटित दरिदगी की घटनाओं पर डीजीपी चितित नजर आए और अब तक हुई पुलिस की कार्रवाई पर संतोष भी जताया। यह भी कहा कि पर्यटन स्थलों के आसपास गश्त तेज की जाएगी। डीजीपी मंगलवार को पुलिस मुख्यालय में मीडिया से मुखातिब थे।

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डीजीपी ने कहा कि हाल में प्रदेश के विभिन्न इलाकों में घटित बच्चियों-नाबालिगों से दुष्कर्म व हत्या की घटनाओं से मन व्यथित है। पुलिस निष्पक्ष होकर पूरी संवेदनशीलता से मामले की जांच कर रही है। सभी कांडों में 95 फीसद अभियुक्त गिरफ्तार किए जा चुके हैं। उन्हें स्पीडी ट्रायल से कठोर सजा दिलाने की कोशिश होगी। छानबीन में जानकारी मिली है कि अधिकांश मामले में अभियुक्त भुक्तभोगी के जान-पहचान का था, यूं कहें तो पुरुष मित्र था।

एमवी राव ने कहा कि चोरी, डकैती, तस्करी, दंगा, लूट, नक्सल आदि घटनाओं को रोकने के लिए पुलिस के पास अपना तंत्र है, लेकिन बच्चियों से होने वाले अपराध, दुष्कर्म के उपाय नजर नहीं आते। बच्चियों के संरक्षण के लिए सबसे पहले मां-पिता, समाज, बड़े बुजुर्ग, शिक्षक आते हैं। बच्ची की गतिविधि की जानकारी रखना, उसे संस्कार देना प्रत्येक परिवार व समाज का कार्य है। लड़कों के मामले में भी परिवार व समाज अलर्ट रहे, ताकि वह अपराध की ओर कदम नहीं बढ़ाए। इसके लिए पुलिस अभिभावकों को जागरूक करने के लिए अभियान चलाएगी।

उन्होंने कहा कि आठवीं से ऊपर के बच्चे-बच्चों के लिए वेबिनार का आयोजन होगा, जिसके माध्यम से दोनों की काउंसिलिंग की जाएगी। इसमें पुलिस के अलावा एनजीओ की भी मदद ली जाएगी। लोगों को समझाया जाएगा कि नाबालिगों को अकेले घर में या बाहर नहीं छोड़ें। उनपर नजर रखें। उन्हें समझाएं कि वे सोशल मीडिया से जुड़ने से बचें।

डीजीपी ने इस दौरान दावा किया कि राज्य में नक्सली कमजोर हुए हैं, उनमें फूट पड़ गई है। ग्रामीण भी उन्हें सहयोग नहीं कर रहे। उन्होंने राज्य में गुटखा के खिलाफ अभियान तेज करने का जहां संकेत दिए, वहीं गोवंश की तस्करी रोकने के लिए पुलिस का साथ देने की अपील आम लोगों से की। उन्होंने आश्वस्त किया कि सूचना देनेवालों की पहचान गुप्त रखी जाएगी। पुलिसकर्मियों में तनाव और खुदकुशी की घटना पर उन्होंने कहा कि तनाव से ग्रस्त साथियों की सूचना साथी पुलिसकर्मी अपने वरीय पदाधिकारियों को दें। उनकी समस्या का हल ढूंढने की कोशिश होगी।

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बच्चियों की सुरक्षा के लिए आज जारी होगा वाट्सएप नंबर

डीजीपी एमवी राव ने कहा कि बुधवार को सभी जिलों के एसपी एक वाट्सएप नंबर जारी करेंगे। थोड़ा भी असहज महसूस करने पर महिलाएं, बच्चियां, नाबालिग संबंधित नंबर पर मैसेज भेजकर मदद ले सकती हैं। मैसेज मिलने के तत्काल बाद एक डीएसपी व महिला अधिकारी उस बच्ची-महिला की सुरक्षा में पहुंच जाएंगे।

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चार प्रशिक्षु आइपीएस अधिकारी छह महीने में रोकेंगे साइबर अपराध

डीजीपी ने कहा कि साइबर अपराध रोकने में चार प्रशिक्षु आइपीएस अधिकारियों को लगाया गया है। उन्होंने दावा किया छह माह में साइबर अपराध मिटा देंगे। कहा कि बंगाल से सिमकार्ड लाकर झारखंड में ठगी की जा रही है। बंगाल पुलिस से समन्वय कर ऐसे अपराधियों की खोज जारी है।

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