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उद्यान में लोगों के साथ राज्यपाल ने खिंचवाई तस्वीर, बच्चों को बांटी टाफियां

राजभवन उद्यान इन दिनों आम लोगों के लिए खुला हुआ है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 07 Feb 2020 03:16 AM (IST)Updated: Fri, 07 Feb 2020 06:17 AM (IST)
उद्यान में लोगों के साथ राज्यपाल ने खिंचवाई तस्वीर, बच्चों को बांटी टाफियां
उद्यान में लोगों के साथ राज्यपाल ने खिंचवाई तस्वीर, बच्चों को बांटी टाफियां

जागरण संवाददाता, रांची : राजभवन उद्यान इन दिनों आम लोगों के लिए खुला हुआ है। यहा राज्य के विभिन्न हिस्सों से लोग राजभवन उद्यान में लगे फूल-पौधे देखने के लिए आ रहे हैं। इसी क्रम में गुरुवार को राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू उद्यान में घूमने आए लोगों से मिलीं और उनसे बातें की। उद्यान घूमने के दौरान लोगों से बात करते हुए उन्होंने पूछा कि आप लोगों को राजभवन उद्यान घूमने में कैसा लग रहा है। इस दौरान राज्यपाल ने बच्चों के बीच चॉकलेट भी बांटे। राज्यपाल को अपने बीच पाकर लोग खुश हुए और उनसे बात की। लोगों ने राज्यपाल संग फोटो भी खिंचवाए।

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हर उम्र के लोग पहुंच रहे राजभवन

राजभवन उद्यान में बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक हर उम्र के लोग पहुंच रहे हैं। पहले दिन 3,219, दूसरे दिन 4,122, तीसरे दिन 8,480, चौथे दिन 13,606 के बाद पांचवे दिन यह बढ़कर 18,606 लोगों तक पहुंच गई। आगे साप्ताहांत तथा वैलेंटाइन वीक के अवसर पर उद्यान में और भीड़ होने की उम्मीद जतायी जा रही है। बता दें कि उद्यान घूमने का समय सुबह 10 बजे से शाम साढ़े तीन बजे तक है। इस बीच यहां भ्रमण के लिए आया जा सकता है। इस दौरान राजभवन मैदान में इंट्री मछली घर के सामने वाले द्वार तथा निकासी भी उसी रास्ते से होती है। प्रवेश शुल्क बिल्कुल निश्शुल्क है।

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दो सौ साल पुराने पौधे हैं मौजूद

राजभवन उद्यान अपने अंदर हजारों प्रकार की जैव विविधताओं को समेटे हुए है। यहा पुराने दौर के पेड़-पौधों से लेकर सैकड़ों किस्म के ऐसे फूल हैं, जिसको सिर्फ यहीं देखा जा सकता है। यहा 200 साल पुराने सीलम के पेड़ आज भी जीवित हैं। उद्यान में कुल छह गार्डेन हैं, जिनमें मूर्ति गार्डेन, अकबर गार्डेन, अशोक गार्डेन, म्यूजिकल फाउंटेन गैलरी, नेहरू गुलाब उद्यान, किचन गार्डेन और औषधि उद्यान है।

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मच्छर भगाने वाले पौधे भी हैं मौजूद

राजभवन उद्यान में अनेक बीमारियों में उपयोगी औषधीय गुण वाले लगभग 40 किस्म के पौधे मौजूद हैं। इन पौधों से व्यक्ति का घरेलू उपचार किया जा सकता है। इन पौधों में मुख्य रूप से हृदय रोग, कफ पित्त नाशक, दर्द नाशक तथा मूत्र रोग में निदान करने वाला वन प्याज, सौंदर्य प्रसाधन तथा कॉस्मेटिक्स के काम आने वाला लेमनग्रास, बवासीर, पेचिस, पीलिया, तपेदिक तथा ज्वार में बेहद फायदेमंद वासक, चर्म रोग, दुग्ध नाशक बबुई तुलसी, दांत दर्द तथा मच्छर मारने में उपयोगी अकरकरा, तंत्रिका रोग में बेहद उपयोगी मशकदाना,बाब चानी, जोड़ों के दर्द में उपयोगी गंध प्रसारणी, नेत्र रोग, लीवर तथा बालों में रूसी भगाने में उपयोगी भृंगराज, कान तथा नाक के रोग में उपयोगी हड़जोड़, घाव तथा मांसपेशी के दर्द में उपयोगी पत्थर चुर, सफेद मुसली, मधुमेह दूर करने तथा क्षुधावर्धक गुड़मार, मानसिक रोगों तथा उच्च रक्त चाप में उपयोगी सर्पगंधा, कैंसर तथा मलेरिया में उपयोगी सदाबहार, स्मरण शक्ति वर्धक सतावर के पौधे उपलब्ध हैं। इसके साथ ही मिठास के रूप में प्रयुक्त होने वाला स्टीबिया, पत्थरी की बीमारी ठीक करने में पाषाण भेद, रक्त विकार संबंधी बीमारी में उपयोगी कालमेघ, पेट दर्द, त्वचा रोग तथा जलन में उपयोगी धृतकुमारी जैसे पौधे भी यहां मौजूद हैं।


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