ब्रह्मर्षि महासम्मेलन में बोलीं राज्यपाल, एक-दूसरे का करें सम्मान, यही है समाज की पुकार
राज्यपाल ने कहा समाज में एक-दूसरे का लोग सम्मान करें। यही समाज की पुकार है। ब्रह्मर्षि महासम्मेलन में बोल रही थीं। इस सम्मेलन में हजारों लोग पूरे राज्य से शामिल हुए थे।
जागरण संवादाता, रांची : समाज में एक-दूसरे का लोग सम्मान करें। यही समाज की पुकार है। ब्रह्मर्षि समाज इस कार्य में अग्रणी भूमिका अदा करें। सभी को मिलकर इस राज्य को आगे बढ़ाना है। आप सभी की भागीदारी से ही हमारा राज्य आगे बढ़ेगा। आप सभी अपने कर्तव्यों का पालन देश हित में करें। ये बातें राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने कही। वे रविवार को हरमू मैदान में आयोजित विराट ब्रह्मर्षि महाधिवेशन का उद्घाटन करने के बाद उपस्थित लोगों को संबोधित कर रही थीं। उन्होंने कहा कि आप ऐसा कार्य करें कि आपके जाने के बाद भी आपकी कृति को लोग याद करें। कहा, भारत एक ऐसा देश है जहां विभिन्न भाषा के लोग रहते हैं। उनका पहनावा भी अलग-अलग है। विभिन्नता में एकता ही हमारी पहचान है। एकता और अखंडता के लिए ही विराट ब्रह्मर्षि महाधिवेशन का आयोजन किया गया है। बतौर विशिष्ट अतिथि जगत गुरू डंडी स्वामी अनंतानंद सरस्वती ने समाज के इतिहास पर प्रकाश डाला। इस महाधिवेशन में सभासदों ने तीन प्रस्ताव पारित किए पहला, राज्य व केंद्र सरकार अपने बजट का 25 फीसद हिस्सा कृषि व कृषि संबंधी योजना पर खर्च करे। सस्ते दर पर बीज आसानी से उपलब्ध कराया जाए। गाय व बैल पालने वाले किसानों को प्रति पशुधन अनुदान राशि दी जाए। दूसरा, ब्रह्मर्षि समाज में तिलक व दहेज प्रथा को खत्म किया जाए। शादी-विवाह, श्राद्धकर्म में कुटुंब भोज एक वक्त में ही किया जाए। तीसरा, ब्रह्मर्षि एकता बनाएं। इस अवसर पर मंच पर बिहार के पूर्व सांसद डॉ. अरुण कुमार, पूर्व सांसद डॉ. रवींद्र राय, कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष राजेश ठाकुर, सीमा शर्मा, प्रवक्ता बबलू पांडेय, उमेश राय, दारोगा सिंह, नवल किशोर सिंह, शैलेंद्र सिंह समेत कई उपस्थित थे। कार्यक्रम में पूरे प्रदेश से आए 30 हजार से अधिक लोग शामिल हुए। बिहार, उत्तर प्रदेश एवं दिल्ली से भी बड़ी संख्या में लोग इस सम्मेलन में शामिल होने आए थे।
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सामाजिक समरसता कायम करने के लिए निर्धारित होगी एक दिशा : रवींद्र राय
पूर्व सांसद रवींद्र राय ने कहा कि प्रदेश की कृषि व्यवस्था, सामाजिक समरसता और सभी के सम्मान की रक्षा के लिए इस महाधिवेशन का आयोजन किया गया है। ब्रह्मर्षि समाज अपने स्मान व स्वाभिमान की रक्षा करते हुए पूरे झारखंड की आर्थिक उन्नति व सामाजिक समरसता को कायम करने के लिए एक दिशा निर्धारित करेगा। यह सम्मेलन देश के हित में एक नया संदेश देगा। कहा, जब समाज एकजुट होता है तो उसके पास सारी ताकत चारों ओर मंडराने लगती है। एकता ही कलियुग की ताकत का सबसे बड़ा परिचायक होता है। संघे शक्ति कलियुगे है। ब्रह्मर्षि उसपर विचार करेंगे। सामाजिक, आर्थिक व राजनीतिक हिस्सेदारी जीवन से जुड़ा हुआ है। हम उससे इन्कार नहीं कर सकते।
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सामाजिक समरसता के लिए बदलें रीति : सीमा शर्मा
भाजपा नेता सीमा शर्मा ने कहा कि समय के साथ कोई परिवर्तित नहीं होता है तो उसे कई कठिनाईयों का सामाना करना पड़ता है। आज ब्रह्मर्षि समाज परंपरा की कई रूढि़यों को साथ लेकर चल रहा है। आज जिस प्रकार से बदलाव आया है, हमें भी परिवर्तन लाना होगा। जब हम सभी समरसता के लिए कुछ रीतियों को बदलेंगे, तभी यह संभव होगा। हम सभी को दहेज प्रथा छोड़ना होगा। इसी प्रकार, तिलकोत्सव, श्राद्धकर्म, कुटुंब भोज समेत अन्य कार्यक्रमों में कम से कम आइटम अर्थात नौ प्रकार का आइटम बनाएं और सम्मान के साथ खिलाएं। किसी की बेटी विधवा हो जाए तो उसकी शादी कराने का प्रयास करें। यदि किसी बेटी की शादी टूट जाए तो उसका भी ख्याल रखें। भोज में कम से कम प्लास्टिक का उपयोग करें। सखुआ के पत्ते से निर्मित पत्तल व कागज से निर्मित कप का प्रयोग करें।