राज्यपाल ने कहा, धरातल पर काम कर शिक्षक बदलाव के वाहक बनें
विनोबा भावे विश्वविद्यालय में बहुउद्देशीय भवन व अत्याधुनिक डिजिटल स्टूडियो का उद्घाटन करने पहुंचे राज्यपाल सह कुलाधिपति रमेश बैस ने शिक्षा के गिरते स्तर और शिक्षक विहीन संस्थान पर चिंता जाहिर की। शिक्षकों को बदलाव का वाहक बनने की वकालत की। कहा हमें धरातल पर काम करना होगा।
हजारीबाग,जासं। विनोबा भावे विश्वविद्यालय में बहुउद्देशीय भवन व अत्याधुनिक डिजिटल स्टूडियो का उद्घाटन करने पहुंचे राज्यपाल सह कुलाधिपति रमेश बैस ने शिक्षा के गिरते स्तर और शिक्षक विहीन संस्थान पर चिंता जाहिर की। शिक्षकों को बदलाव का वाहक बनने की वकालत की। कहा भाषण से नहीं हमें धरातल पर काम करना होगा। शिक्षा का स्तर व स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार देश व प्रदेश का भविष्य तय करता है। शिक्षक विहीन विद्यालय से हम गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की आस नहीं कर सकते ।
वैश्वीकरण के इस दौर में हमें अपने विद्यार्थियों को हर हाल में गुणात्मक शिक्षा प्रदान करनी होगी ताकि वे अपने ज्ञान व कौशल से रोजगार हासिल कर सके। इससे पूर्व राज्यपाल ने विभावि प्रशासनिक भवन स्थित राज्य के पहले अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त डिजिटल स्टूडियो और साढ़े चार करोड़ की लागत से निर्मित बहुउद्देशीय भवन का उद्घाटन किया। राज्य के किसी भी विश्वविद्यालय का यह पहला डिजिटल स्टूडियो है। कुलपति डा. मुकुल नारायण देव की पहल से इसे बनाया गया है। इस स्टूडियो में शिक्षक अपनी लेक्चर को रिकार्ड कर सकेंगे। लाइव इसे छात्रों तक प्रसारित भी कर सकेंगे। राज्यपाल ने उद्घाटन के बाद आनलाइन शिक्षा की भी वकालत की। कहा कि कोविड के बाद आनलाइन शिक्षा विकल्प है और यह स्टूडियो एक जरिया बनेगा।
बताया कि मेरी रुचि शिक्षा और स्वास्थ्य में रही है। जहां भी रहा उसे अपना घर माना और उसे संवारने का प्रयास किया। छतीसगढ़ और झाररखंड एक साथ अलग हुए, यहां विकास की संभावनाएं है। राज्य में शिक्षा और स्वास्थ्य ठीक हो जाए तो विकास करने से कोई नहीं रोक सकता। विभावि परिसर में उन्हें गार्ड आफ ऑनर दिया गया। दीप प्रज्वलन और संत विनोबा के चित्र पर पुष्पांजलि कर समारोह प्रारंभ हुआ। कुलपति डा. मुकुल नारायण देव ने उन्हें स्मृति चिन्ह और अंग वस्त्र भेंट कर स्वागत किया।
विषय प्रवेश कराते हुए कुलपति ने विभावि का रिपोर्ट कार्ड रखा। आगामी समय में प्रारंभ किए जाने वाले आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस व डेटा साइंस पाठ्यक्रम की जानकारी दी। बताया कि विभावि शिक्षक की कमी से जूझ रहा है। जनजातीय शोध संस्थान के प्रगति रिपोर्ट पेश करते हुए बताया कि विभावि राज्य का विश्वविद्यालय है, जिसने कोविड काल में भी 200 से भी अधिक परीक्षा करा उसका प्रकाशन भी किया। सांसद जयंत सिन्हा ने संबोधित करते हुए हजारीबाग को आगामी 100 साल से शिक्षा केंद्र होने की जानकारी दी। बताया कि उनकी प्राथमिकता शिक्षा और स्वास्थ्य रहा है। मेडिकल कॉलेज उसका एक उदाहरण है।
उन्होंने भी राज्यपाल से शिक्षक की कमी कही बातें कहीं और इसका असर मेडिकल कॉलेज में होने वाले नामांकन पर भी बताया। राज्यपाल ने समारोह के दौरान चार विभिन्न पुस्तकों का विमोचन किया। इनमें डा. एमे ङ्क्षसह की फ्यूचरिस्टिक जनरल, संत कोलंबा के डा. शत्रुघ्न पांडेय की अमेरिका का इतिहास, डा. सुनील दुबे की केदारनाथ की कविता में लोक रंग, लॉ कॉलेज प्राचार्य डा. जयदीप सान्याल का सैस्टिनेबल डेवलपमेंट आफ इंडिया है। समारोह में विनोद बिहारी महतो के कुलपति सह आयुक्त विमल जॉन लकड़ा, उप कुलपति डा. अजीत कुमार सहित अन्य की उपस्थित रहे।