Jharkhand Governor: राज्यपाल ने राष्ट्रपति को दी टीएसी के गठन में राज्यपाल की शक्तियां समाप्त किए जाने की जानकारी
Jharkhand Governor राज्यपाल रमेश बैस ने झारखंड में टीएसी के गठन तथा सदस्यों के मनोनयन में राज्यपाल की शक्तियां समाप्त किए जाने की जानकारी राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द को दी है। नई दिल्ली में आयोजित राज्यपालों के 51वें सम्मेलन में कहा कि वे इस पर विधि परामर्श ले रहे हैं।
रांची, राब्यू। राज्यपाल रमेश बैस ने झारखंड में जनजातीय परामर्शदातृ परिषद (टीएसी) के गठन तथा सदस्यों के मनोनयन में राज्यपाल की शक्तियां समाप्त किए जाने की जानकारी राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द को दी है। उन्होंने गुरुवार को नई दिल्ली में आयोजित राज्यपालों के 51वें सम्मेलन में कहा कि वे इस पर विधि परामर्श ले रहे हैं। परामर्श मिलने के बाद इस पर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने राज्य में नगर निगम, नगर पालिका के मेयर व अध्यक्ष के अधिकारों को भी सरकार द्वारा समाप्त किए जाने की भी जानकारी दी। राज्यपाल ने यह भी राष्ट्रपति को जानकारी दी कि राज्य में सरना धर्म कोड लागू करने की लगातार मांग उठ रही है। इस संदर्भ में कई प्रतिनिधिमंडल ने राजभवन में उनसे मुलाकात कर इस पर पहल करने की मांग की। हालांकि आधिकारिक रूप से यह मामला अभी उनके समक्ष नहीं आया है।
राज्यपाल ने अपने संबोधन में कहा कि झारखंड में राज्यपाल की पूर्व सहमति व स्वीकृति के बिना ही टीएसी का गठन किया गया। इससे पहले नई नियमावली बनाकर सदस्यों की नियुक्ति में राज्यपाल की शक्तियां समाप्त कर दी गईं। राज्यपाल ने स्टेट रिपोर्ट में कहा कि वामपंथी उग्रवाद आज कई राज्यों की समस्या है तथा झारखंड भी इससे अछूता नहीं है, लेकिन सुरक्षा बलों की सख्ती एवं सतर्कता से उग्रवादी संगठनों से निबटा जा रहा है तथा आत्मसमर्पण के माध्यम से उन्हें मुख्यधारा में लाने का प्रयास किया जा रहा है।
राज्यपाल ने खेल के क्षेत्र में झारखंड की राष्ट्रीय स्तर पर एक विशिष्ट पहचान होने का जिक्र करते हुए कहा कि उन्हें गर्व है कि टोक्यो ओलिंपिक में भारतीय महिला हॉकी टीम की सदस्य के रूप में झारखंड की दो बेटियां सलीमा टेटे एवं निक्की प्रधान ने अपने बेहतर प्रदर्शन से सबको प्रभावित किया। राष्ट्रपति ने अपने समापन भाषण में झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस का विशेष रूप से उल्लेख करते हुए उनके द्वारा राजभवन में सौर ऊर्जा की दिशा में किए जा रहे कार्यों की सराहना की।
वर्ष 2008 के बाद नहीं हुई कालेजों में शिक्षकों की नियुक्ति
राज्यपाल ने अपने संबोधन में कहा कि राज्य में झारखंड लोक सेवा आयोग ने विश्वविद्यालयों में वर्ष 2008 के बाद कोई भर्ती नहीं की है। विश्वविद्यालय सिर्फ 30 प्रतिशत शिक्षकों की क्षमता पर ही कार्य कर रहे हैं। हालांकि अब नियुक्तियों की प्रक्रिया शुरू करा दी गई हैं। उन्होंने मारांग गोमके जयपाल सिंह मुंडा पारदेशीय छात्रवृत्ति योजना के तहत इस वर्ष अनुसूचित जनजाति के छह छात्र-छात्राओं को लंदन के उच्च शिक्षण संस्थानों में शिक्षण हेतु छात्रवृति प्रदान किए जाने की भी जानकार दी।
झारखंड में तीव्र गति से हो रहा टीकाकरण
राज्यपाल ने राज्य में टीकाकरण का कार्य तीव्र गति से होने की जानकारी दी। कहा कि राज्य में कोरोना संक्रमण से बचाव को लेकर सभी आवश्यक कार्रवाई की जा रही है। कोरोना संक्रमण को रोकने तथा संभावित तीसरी लहर से बचाव एवं रोकथाम हेतु टेस्ट, ट्रैक, आइसोलेट, ट्रीट तथा वैक्सीनेट की रणनीति अपनाई जा रही है।
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