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भूख से मौत के बाद जागी सरकार, अब आधार के बगैर भी मिलेगा राशन

जिनके पास आधार नहीं है उन्हें भी सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत मिलने वाला राशन मिलेगा।

By Sachin MishraEdited By: Published: Fri, 27 Oct 2017 10:10 AM (IST)Updated: Fri, 27 Oct 2017 10:10 AM (IST)
भूख से मौत के बाद जागी सरकार, अब आधार के बगैर भी मिलेगा राशन
भूख से मौत के बाद जागी सरकार, अब आधार के बगैर भी मिलेगा राशन

नई दिल्ली, प्रेट्र। झारखंड में बच्ची की भूख से मौत के बाद केंद्र सरकार जागी और फरमान जारी किया कि जिनके पास आधार नहीं है उन्हें भी सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत मिलने वाला राशन मुहैया कराया जाए। राज्यों को निर्देश हैं कि उन लाभार्थियों के नाम सूची से न हटाए जाए, जिनके पास आधार नहीं है या फिर जिनका राशन कार्ड 12 नंबर की बायोमेट्रिक व्यवस्था ने अभी नहीं जुड़ सका है।

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उल्लेखनीय है कि झारखंड के सिमडेगा में 11 साल की बच्ची की मौत हो गई, क्योंकि उसे सार्वजनिक वितरण प्रणाली का राशन देने से मना कर दिया गया था। राज्य के अधिकारियों का कहना था कि उनके पास आधार नहीं है और इस वजह से उनका राशन कार्ड रद कर दिया गया था। आधार की लगातार पैरवी कर रही केंद्र ने इसके बाद ही अपना पैंतरा बदला और आनन-फानन में नया फरमान जारी कर दिया।

इसमें कहा गया है कि राशन कार्ड को तभी रद किया जा सकता है जब यह साबित हो जाए कि इसे गलत तरीके से बनाया गया या फिर उसमें जो सूचनाएं दर्ज हैं उनमें फर्जीवाड़ा किया गया है। यूआइडीएआइ के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अजय भूषण पांडेय का कहना है कि राज्यों को कहा गया है कि व्यक्ति अगर सही है तो उसे आधार न होने की वजह से योजना का लाभ देने से इन्कार न किया जाए। हालांकि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा एक्ट के तहत दिसंबर तक राशन कार्ड को आधार से लिंक करना जरूरी है, लेकिन केंद्र ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में कहा कि समय सीमा को 31 मार्च तक बढ़ा दिया गया है।

उनका कहना है कि 82 फीसद राशन कार्ड आधार से जोड़े जा चुके हैं। उनका कहना है कि गरीबों को रियायती खाना वोटर कार्ड, राशन कार्ड जैसे पहचान पत्रों पर दिया जाए।

सुप्रीम कोर्ट ने किया तत्काल सुनवाई से इन्कार

आधार कार्ड से मोबाइल नंबर को जोड़ने के मामले में सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस जे चेलेमेश्वर व एस अब्दुल नजीर की बेंच ने तत्काल सुनवाई से इन्कार कर दिया। तहसीन पूनावाला की याचिका पर उनका कहना था कि इस तरह के मामलों की सुनवाई चीफ जस्टिस दीपक मिश्र कर रहे हैं, लिहाजा 30 अक्टूबर को अपनी दरखास्त उनके समक्ष रखें। याचिका में इस मामले में जारी की गई अधिसूचना को रद करने की मांग की गई थी।

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