बिल्डरों के हितों का ख्याल रखे सरकार, प्रोजेक्ट में करे मदद
केंद्र सरकार के नए बजट से बिल्डरों को काफी उम्मीदें हैं। इस संबंध में कई लोगों ने अपनी बात रखी।
जागरण संवाददाता, रांची : केंद्र सरकार के नए बजट से बिल्डरों को काफी उम्मीदें हैं। मंदी के कारण पिछले कुछ वर्षाें में इस क्षेत्र में काम कर रहे लोगों को काफी कठिनाई का सामना करना पड़ा है। कई नए प्रोजेक्ट या तो शुरू नहीं हो सके हैं अथवा पूरे नहीं किए जा सके हैं। कई प्रोजेक्ट पूरे होने के बाद कोई खरीदने वाला नहीं मिल रहा। लिहाजा बिल्डरों को उम्मीद है कि सरकार निर्माण क्षेत्र को ध्यान में रखकर बजट तैयार करेगी। मांग की जा रही है कि अगर सरकार सबके घर का सपना पूरा करना चाहती है तो बिल्डरों को ऋण में रियायत दी जाए। जमीन सस्ते दर पर मुहैया करायी जाए।
:::::::: हाउसिंग स्कीम में टैक्स बेनिफिट को बढ़ाया जाना चाहिए। साथ ही कंज्यूमर ड्यूरेबल प्रोडक्ट्स पर जीएसटी की दर को कम किया जाना चाहिए। इसके अलावा 80 सी के डिडक्शन लिमिट को 1.5 लाख से बढ़ाकर 2.5 लाख किया जाना चाहिए।
रोहित अग्रवाल, अध्यक्ष, बिल्डर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया, झारखंड रिजन बिल्डर्स को इस बजट से काफी उम्मीदें है। बजट में सरकार रियल स्टेट सेक्टर को ध्यान में रखे। यह सेक्टर अभी वित्तीय संकट से जूझ रहा है। ऐसे में किस तरह से फाइनेंसियल इंस्टिट्यूशन से इन्हें और मदद की जा सकती है इस ओर भी ध्यान दिया जाना चाहिए। इसके अलावा अफोर्डेबल हाउसिंग की पॉलिसी में और सुधार किए जाने की जरूरत है।
बिजय अग्रवाल, उपाध्यक्ष, क्रेडाई जीएसटी का सरलीकरण किया जाना चाहिए। 80 ईईए के तहत आवासीय हाउसिंग लोन में ब्याज में मिलने वाले छूट को दो लाख से बढ़ाकर 4 लाख किया जाना चाहिए। बिल्डरों को इनपुट क्रेडिट का लाभ मिलना चाहिए।
संजीत सिंह, पूर्व अध्यक्ष, बिल्डर एसोसिएशन ऑफ इंडिया कैसे इकॉनोमी में पैसा आएगा बजट में सरकार को यह ध्यान में रखना होगा। युवा उद्यमियों को ज्यादा से ज्यादा इनक्रेज करने वाले निर्णय लिए जाने चाहिए। जहां रिबेट की जरूरत है दिया जाना चाहिए और प्रोडक्शन बढ़ाने पर फोकस होना चाहिए। जिससे इम्प्लॉयमेंट जेनरेट हो।
चंद्रकांत रायपत, बिल्डर