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राजस्व बढ़ाने के लिए बंद पड़े उद्योग को खोले सरकार : चैंबर

लॉकडाउन में व्यापार व उद्योग जगत की कठिनाइयों का समाधान चैंबर के द्वारा हर स्तर पर किया गया है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 21 Jun 2020 02:10 AM (IST)Updated: Sun, 21 Jun 2020 02:10 AM (IST)
राजस्व बढ़ाने के लिए बंद पड़े उद्योग को खोले सरकार : चैंबर
राजस्व बढ़ाने के लिए बंद पड़े उद्योग को खोले सरकार : चैंबर

जागरण संवाददाता, रांची : लॉकडाउन में व्यापार व उद्योग जगत की कठिनाइयों का समाधान चैंबर के द्वारा हर स्तर पर किया गया। इसके साथ ही लगातार प्रयास करके तीन माह के लॉकडाउन में राज्य के सभी जिलों में आवश्यक वस्तुओं की निर्बाध आपूर्ति की जा सकी है। लॉकडाउन के आरंभ में राज्य में नई सरकार का गठन हुआ था, सरकार पर अत्यधिक बोझ न पडे़ इस उद्देश्य से सभी दायित्वों का निर्वहन किया है। अब सरकार अपना दायित्व निभाते हुए सभी बंद पडे़ सेक्टर्स को खोले ताकि सरकार का राजस्व संग्रह बढ़ सके। व्यापार खुलेंगे तो व्यापारी टैक्स के रूप में सरकार को राजस्व भी देंगे जिससे जनकल्याण के कार्य हो पाएंगे। ये बातें फेडरेशन ऑफ झारखंड चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष कुणाल अजमानी ने कार्यकारिणी समिति की बैठक में कहा। इस बैठक का आयोजन चैंबर भवन में किया गया।

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केंद्र के निर्णय का किया स्वागत

बैठक के दौरान सदस्यों ने कोल सेक्टर को प्रतिस्पर्धा के लिए पूरी तरह से खोलने के केंद्र के निर्णयों का स्वागत किया। कुणाल अजमानी ने कहा कि इस संशोधन के बाद कोयले की गुणवत्ता और आपूर्ति श्रृंखला में सुधार के साथ ही पूरा कोल सेक्टर आत्मनिर्भर बन पाएगा। चूंकि खदानों के आसपास रहनेवाले लोगों को अधिक कठिनाई होगी अत: उनके लिए सरकार एक ठोस आरएनआर पॉलिसी बनाए। उन्होंने कहा कि झारखंड में कार्यरत ऐसे सभी लाइसेंसधारी, जिनके ट्रेड लाइसेंस नवीनीकरण की समय सीमा लॉकडाउन की अवधि में समाप्त हुई थी। उनसे जुर्माना नहीं वसूलने के लिए विभागीय सचिव से वार्ता की जाएगी।

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बिजली शुल्क बढ़ाए जाने पर जताई आपत्ति

बैठक के दौरान सदस्यों ने जेबीवीएनएल के द्वारा प्रस्तावित बिजली शुल्क बढ़ोतरी के निर्णय पर आपत्ति जताई। सदस्यों की तरफ से कहा गया कि वर्तमान में शुल्क बढ़ोत्तरी का निर्णय उचित नहीं है। इसके साथ ही बिजली के फिक्स्ड चार्ज में राहत देने और सस्ते ब्याज दर पर व्यवसायियों को ऋण देने की बात पर भी चर्चा की गई। चैंबर की तरफ से बताया गया कि बाजार और उद्योग को खोलने का आदेश दे दिया गया है। मगर अभी तक ट्रांसपोर्टेशन की सुविधा नहीं है। इससे श्रमिकों को आने में कठिनाई हो रही है। ट्रेन भी बंद है जिस कारण मुरी, लोहरदगा से लेबर यहां नहीं आ पा रहे हैं। बड़ी बात ये हैं कि ट्रांसपोर्टेशन की सुविधा नहीं होने के कारण लोग रांची, जमशेदपुर व धनबाद के सुपर स्पेसिलिटी अस्पतालों में इलाज कराने भी नहीं आ पा रहे हैं।

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बनी हुई असमंजसता

बैठक के दौरान यह भी बात सामने आई कि अनलॉक से संबंधित भारत सरकार द्वारा निर्गत किए जा रहे निर्देशों को लेकर राज्य के कई जिलों में उपायुक्त स्तर पर असमंजसता बनी हुई है। इससे व्यापारियों को परेशानी हो रही है। बैठक में रामगढ़ चैंबर के अध्यक्ष बिमल बुधिया ने कहा कि वैवाहिक समारोह में 50 लोगों की ही अनुमति है जबकि इसमें कैटरिग और अन्य कार्य से जुड़े लोग भी होते हैं, ऐसे में सरकार को इस निर्देश में भी स्पष्टता लानी चाहिए। अभी लोगों में असमंजसता बनी हुई है। इस पर चैंबर अध्यक्ष ने कहा कि इसके लिए डीसी स्तर की वार्ता की जायेगी।

झारखंड कंज्यूमर प्रोडक्ट डिस्ट्रीब्यूटर एसोसिएशन के सचिव संजय अखौरी ने कहा कि आरबीआइ द्वारा हाल में दो बार रेपो रेट में कमी की गई है। लेकिन बैंकों द्वारा इसका लाभ अपने ग्राहकों को नहीं दिया जा रहा है। कॉस्मेटिक व्यापार एफएमसीजी ट्रेड से जुड़ा है, सरकार को इसे भी खोलने की इजाजत दे देनी चाहिए। बैठक में चैंबर अध्यक्ष कुणाल अजमानी, उपाध्यक्ष प्रवीण जैन छाबड़ा, राम बांगड़, महासचिव धीरज तनेजा, सह सचिव मुकेश अग्रवाल, विकास विजयवर्गीय, कोषाध्यक्ष मनीष सर्राफ, क्षेत्रीय उपाध्यक्ष निर्मल झुनझुनवाला, कार्यकारिणी सदस्य रोहित अग्रवाल, नवजोत अलंग, राहुल मारू, परेश गट्टानी, सुमित जैन, पूर्व अध्यक्ष आर के सरावगी, अरुण बुधिया, अंचल किगर, सज्जन सर्राफ, रंजीत टिबड़ेवाल, बिकास सिंह, पवन शर्मा, विनय अग्रवाल, रंजीत गाड़ोदिया, दीपक कुमार मारू, सदस्य संजय अखौरी, मनीष साहू, बिमल बुधिया, कमल सिघानिया सहित अन्य सदस्य उपस्थित थे।


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