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सरकारी स्कूल के बच्चों की ऑनलाइन पढ़ाई के प्रति बढ़ी रुचि, पहले पायदान पर धनबाद

रिपोर्ट के अनुसार दूसरे पायदान पर गिरिडीह है। रांची पांचवें पायदान पर पहुंचा। 57216 विद्यार्थी परीक्षा में जुड़ रहे हैं। जिला शिक्षा कार्यालय के अनुसार शिक्षकों के साथ लगातार समन्वय की वजह से विद्यार्थियों की संख्या बढ़ रही है।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Wed, 07 Oct 2020 08:33 AM (IST)Updated: Wed, 07 Oct 2020 09:58 AM (IST)
सरकारी स्कूल के बच्चों की ऑनलाइन पढ़ाई के प्रति बढ़ी रुचि, पहले पायदान पर धनबाद
ऑनलाइन पढ़ाई करता एक बच्‍चा। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर।

रांची, जासं। ऑनलाइन पढ़ाई के प्रति सरकारी स्कूल के विद्यार्थियों की रुचि बढ़ रही है। इसका उदाहरण साप्ताहिक जारी होने वाली रिपोर्ट में देखने को मिल रहा है। दो सप्ताह पहले रांची जिला इस मामले में पूरे प्रदेश में 15वें पायदान से भी नीचे था। अब वह पांचवें पायदान पर पहुंच गया है। डीजी साथ क्विज के 25वें सप्ताह में रांची जिले से 57216 विद्यार्थियों ने ऑनलाइन क्विज में हिस्सा लिया।

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इससे इतर इस मामले में पहले पायदान पर धनबाद और दूसरे पायदान पर गिरिडीह जिला चल रहा है जहां 74000 से अधिक विद्यार्थी क्विज कार्यक्रम में हिस्सा ले रहे हैं। जिला शिक्षा कार्यालय का मानना है कि इस मामले में शिक्षकों के साथ लगातार समन्वय की वजह से विद्यार्थियों की संख्या डीजी साथ क्विज में बढ़ी है। कक्षा 3 से 5 में 23847, छह से सात में 23667, 9वीं के विज्ञान संकाय से 4687 और दसवीं विज्ञान से 5015 विद्यार्थी क्विज में हिस्सा ले रहे हैं।

सरकारी स्कूलों में छमाही परीक्षा ऑनलाइन व ऑफलाइन दोनों लेने की तैयारी

सरकारी स्कूलों के बच्चों के लिए छमाही परीक्षा (समेटिव असेसमेंट-1) ऑनलाइन एवं ऑफलाइन दोनों लेने की तैयारी चल रही है। झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद तथा जेसीईआरटी इसे लेकर प्रस्ताव तैयार कर रहा है। इसके तहत जो बच्चे ऑनलाइन क्लास से जुड़े हैं, उनके लिए यह परीक्षा ऑनलाइन होगी। वहीं, जो बच्चे ऑनलाइन क्लास से नहीं जुड़ सके हैं, वे अपने घरों में ही यह परीक्षा ऑफलाइन देंगे। इसके लिए प्रश्नपत्र एवं उत्तर पत्र अभिभावकों को स्कूल बुलाकर दिए जाएंगे।

प्रश्नों को हल करने के बाद उत्तर पत्र स्कूलों में बने ड्रॉप बॉक्स में डालेंगे। चूंकि ऐसे बच्चों की पढ़ाई नहीं हो सकी है, इसलिए उन्हें किताब देखकर भी प्रश्नों को हल करने की छूट रहेगी। बता दें कि सरकारी स्कूलों के बच्चों को वाट््सएप के माध्यम से डिजिटल सामग्री भेजकर पढ़ाई कराई जा रही है। हालांकि, अभी तक 11 लाख बच्चे ही इससे जुड़ पाए हैं। बड़ी संख्या में बच्चे इससे वंचित हैं।


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