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Make Small Strong: ग्राहकों की अपेक्षाओं पर खरा उतर चुनौतियों को अवसर में बदला

Google Make Small Strong कोरोना वायरस लॉक डाउन के दौरान प्रेमसंस मोटर्स ने व्यवसायिक परेशानियों का मजबूती से मुकाबला किया। इसका असर भी दिखने लगा। ग्राहकों को लॉक डाउन के दौरान उन्होंने वाहन के हर तरह के विकल्प दिए।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Fri, 16 Oct 2020 12:30 AM (IST)Updated: Fri, 16 Oct 2020 01:49 PM (IST)
Make Small Strong: ग्राहकों की अपेक्षाओं पर खरा उतर चुनौतियों को अवसर में बदला
रांची में प्रेम संस मोटर्स का शो रूम। जागरण

रांची, जासं। कोरोना संक्रमण ने पूरी मानवता के समक्ष गंभीर चुनौती पेश की। कुछ लोगों ने इस चुनौती के आगे हार मानने की बजाए डटकर मुकाबला किया। ग्राहकों की अपेक्षाओं को परखा, उस पर खरा उतरे। मुश्किल दौर को अवसर में बदला और खींच डाली सफलता की लंबी लकीर। रांची के व्यवसायी पुनीत कुमार पोद्दार ने कोरोना के कारण लागू लॉकडाउन और अनलॉक की अवधि के दौरान पैदा हुई समस्याओं को हर संभव अवसर में बदलने का प्रयास किया। संक्रमण का प्रसार रोकने के लिए सार्वजनिक यातायात व्यवस्था पर रोक लगने के बाद लोग निजी वाहनों की खरीद की तरफ अग्रसर हुए।

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पुनीत ने अपने ग्राहकों के लिए अलग-अलग विकल्प दिए। वाहन की खरीद में आने वाली मुश्किलों को दूर करने में लोगों की भरपूर मदद की। मामला फाइनेंस से जुड़ा हो या खरीद के लिए किया जाने वाला डाउन पेमेंट का। पुनीत ने इन सभी परेशानियों में लोगों को अधिकतम सहूलियत देने की पहल की।

ग्राहकों के लिए 100 वर्षों का विश्वास

रांची के कांके में वर्ष 2005 में प्रेमसंस मोटर्स की शुरुआत हुई। इसके बाद दिनोंदिन व्यापार प्रगति करता गया। वर्तमान में लगभग पूरे झारखंड में प्रेमसंस मोटर्स के शोरूम हैं। प्रेमसंस मोटर्स के मालिक पुनीत कुमार पोद्दार की पिछली तीन पीढिय़ों का संबंध ग्राहकों के साथ रहा है। उन्होंने ग्राहकों को उत्पाद के साथ भरोसा भी दिया है। व्यवसाय के नाम पर सेवा की है।

पुनीत पोद्दार ने कहा कि हमारी तीन पीढिय़ों से गारमेंट का कारोबार चल रहा है। अपर बाजार में बाबूलाल प्रेम कुमार पोद्दार सबसे पुरानी कपड़ों की दुकान में से एक है। इसकी स्थापना करीब 100 वर्ष पहले हुई थी। बाद में मैं और मेरे भाई पंकज पोद्दार ने व्यापार को बढ़ाने की सोची। हमने 26 जून 2005 को कांके में प्रेमसंस मोटर्स की शुरुआत की। तब से यह सफर निरंतर जारी है। पिता झारखंड चैंबर आफ कामर्स के अध्यक्ष रहे हैं।

पुनीत कुमार पोद्दार के पांच ट्रू वैल्यू और दो मेन शो रूम हैं। दो ई आउटलेट हैं। यहां सेल और सर्विस दोनों है। रांची के बाहर गुमला, डालटनगंज, खूंटी, सिमडेगा, गढ़वा, बुंडू, सिल्ली, लातेहार, हजारीबाग, ओरमांझी, गढ़वा में शो रूम हैं। रांची में दो नेक्सा शोरूम, बुटी मोड़ में एक कामर्शियल गाड़ी का शोरूम है। इसके साथ ही धनबाद में होंडा टू व्हीलर का कारोबार भी है। बेहतर व्यवसाय के लिए उनके वेंचर को झारखंड रत्न का सम्मान मिला है।

ग्राहकों की सुविधा ही सर्वोपरि

पुनित कुमार पोद्दार ने अपने व्यवसाय का एक सिद्धांत बनाया है-'ग्राहक सेवा सर्वोंपरि। इस सिद्धांत का अनुसरण उनके पूरे कारोबार में किया जाता है। ग्राहक को न्यूनतम समय में अधिकतम सुविधाएं देने के लिए सभी कर्मचारी हमेशा तत्पर रहते हैं। समय-समय पर इसकी पड़ताल भी कराई जाती है। ग्राहक संतुष्टि की रिपोर्ट की नियमित निगरानी होती है। कोई भी ग्राहक शो रूम से निराश होकर वापस नहीं लौटे, इसका सबको ध्यान रखने के लिए कहा गया है।

गाडिय़ों से विशेष लगाव

पुनीत कुमार पोद्दार को खुद भी गाडिय़ों से बेहद लगाव है। वाहन व्यवसाय से जुडऩे से पहले से शौकिया तौर पर अलग-अलग गाडिय़ों के बारे में जानकारी रखते थे। व्यवसाय शुरू करने के बाद यह शौक जुनून बन गया। गाडिय़ों के मॉडल का नाम सुनकर पुनीत विशेषताएं बता सकते हैं। कई बार वह खुद भी ग्राहकों को गाडिय़ों की खूबियों के बारे में जानकारी देते नजर आते हैं।

व्यवसाय विस्तार के बावजूद सभी केंद्रों के बारे में अपडेट रिपोर्ट रखते हैं। शो-रूम में नई गाडिय़ां पहुंचने पर कई बार अपने दोस्त अथवा अपने कर्मचारियों को लेकर लांग ड्राइव पर निकल जाते हैं। इसका एकमात्र उद्देश्य नई मॉडल के बारे में ज्यादा से ज्यादा जानकारी रखना है।

मुश्किल हालात का भी किया सामना

ऑटोमोबाइल सेक्टर में उतार-चढ़ाव का दौर चलता रहता है। पुनीत कुमार पोद्दार ने वाहन व्यवसाय के क्षेत्र में कई बार मुश्किल हालातों का भी सामना किया। इन परेशानियों के आगे हार मानने की बजाए मुकाबला किया। धीरे-धीरे इस क्षेत्र में बदलाव आने का फायदा मिला। उनका का मानना है कि हर धंधे में उतार-चढ़ाव लगा रहता है।

एक सफल व्यापारी वही होता है, जो धैर्य रखकर सही समय का इंतजार करे। व्यवसाय में कभी भी परिस्थितियां एक समान नहीं रहतीं। वर्तमान समय में ऑटोमोबाइल सेक्टर में ग्रोथ दिख रहा है। उम्मीद की जानी चाहिए कि यह स्थिति आगे भी कायम रहेगी।


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