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प्राण त्यागते समय यीशु ने दिया क्षमा का संदेश

रांची गुड फ्राइडे पर गुरुवार को मसीहियों ने प्रभु यीशु को याद किया। इस अवसर पर शहर के मसीही विश्वासियों ने प्रार्थना की।

By JagranEdited By: Published: Sat, 20 Apr 2019 06:01 AM (IST)Updated: Sat, 20 Apr 2019 06:33 AM (IST)
प्राण त्यागते समय यीशु ने दिया क्षमा का संदेश
प्राण त्यागते समय यीशु ने दिया क्षमा का संदेश

रांची : गुड फ्राइडे पर गुरुवार को मसीहियों ने प्रभु यीशु को याद किया। इस अवसर पर शहर के विभिन्न चर्च में विशेष प्रार्थना की गई। मौके पर पादरियों ने प्रभु यीशु के सात वचनों को दोहराया। इसी दिन प्रभु को क्रूस पर पर लटका दिया गया था। प्राण त्यागते समय प्रभु ने क्षमा और दया के मार्ग पर चलने का उपदेश दिया था। इसे क्रूस स्मृति भी कहा जाता है। प्रार्थना के दौरान प्रभु के क्रूस स्मृति का भी स्मरण कराया गया और विश्वासियों से प्रभु के बताए मार्ग का अनुसरण करने की अपील की गई। दीन-दुखियों की सेवा करने और दूसरों की तरक्की में माध्यम बनने का संदेश दिया गया। विभिन्न चर्चो में हुई प्रार्थना : प्रार्थना विभिन्न चर्चो में अलग-अलग समय आयोजित की गई। प्रार्थना के बाद प्रभु भोज का आयोजन किया गया। इसमें बड़ी संख्या में मसीही विश्वासियों ने उपस्थित होकर प्रभु वाणी का श्रवण किया। रविवार को पुनरुत्थान दिवस को ईस्टर के रूप में मनाया जाएगा। मान्यता है कि मृत्यु के तीन दिन बाद प्रभु जी उठते हैं। ईस्टर के दिन पितरों की स्मृति में कब्रिस्तान में कैंडल जलाने की परंपरा निभाई जाएगी। बहु बाजार संत पॉल्स चर्च में विशेष प्रार्थना : बहुबाजार स्थित संत पॉल्स कैथेड्रल परिसर में सुबह छह बजे विशेष प्रार्थना सभा आयोजित की गई। सर्व प्रथम खजूर के क्रूसों का संस्कार हुआ। इसके बाद क्रूस विश्वासियों में बांटे गए। भोपाल डायसिस के बिशप मनोज चरण ने यीशु मसीह की क्रूस स्मृति का स्मरण कराया। मृत्यु पूर्व प्रभु के दिए सात वचनों हे पिता, इन्हें क्षमा करना, क्यों कि ये नहीं जानते हैं कि इन्होंने क्या किया है। आज तू भी मेरे साथ स्वर्ग जाएगा आदि का स्मरण कराया। मौके पर बिशप ने कहा कि प्रभु ने क्षमा और शांति का संदेश दिया था। उनके बताये रास्ते पर ही विश्वासी चल रहे हैं। उन्होंने समझाया कि हाल के दिनों में चर्च पर कई प्रकार के हमले हुए, लेकिन उन्हें क्षमा कर दिया। इसी तरह आप सब को भी प्रभु मार्ग पर चलते हुए क्षमाशील बनना होगा। दूसरों के साथ नम्र व्यवहार रखें। किसी से घृणा ना करें। सबको पवित्र मानते हुए उनकी सेवा करें। दोपहर में अंग्रेजी भाषियों के लिए अलग से चर्च में प्रार्थना सभा की गई। मौके पर बिशप एमयू कसाब, बिशप बीबी बास्के, पुरोहित रेव्ह एसपी लुगुन, रेव्ह समुएल भूईया, रेव्ह जोसेफ बाड़ला, रेव्ह तिलमिंग, रेव्ह संजय तिग्गा, रेव्ह बोदरा आदि उपस्थित थे। जीईएल चर्च में बताया प्रेम का महत्व : मेन रोड स्थित जीईएल चर्च में विश्वासियों को प्रेम व क्षमा का महत्व समझाते हुए बिशप दुलाड़ लकड़ा ने कहा कि प्रभु यीशु ने क्रूस पर चढ़ते हुए भी दया, क्षमा और नम्रता का संदेश दिया। प्रभु ने खुद क्रूस पर चढ़ कर दुनिया के पापों को धो दिया। उनकी नजर में क्षमा और दया से बड़ा कोई धर्म नहीं है। इस संदेश का अनुसरण करते हुए फैलाना है। जिस समय प्रभु को क्रूस पर टांगा जा रहा था, उनकी मां की आंखों में आंसू थे। मां इकलौते बेटे के खोने से दुखी थीं। ममतामयी प्रभु ने अपनी मां की पीड़ा को देखते हुए अपने एक शिष्य को उन्हें समर्पित कर दिया। शिष्य से कहा, देख अब यही तुम्हारी मां है और मां अब यही तुम्हारा पुत्र है। प्रभु की मृत्यु हो गई, यह कहना ठीक नहीं होगा। प्रभु जगत का उद्धार करने के लिए ही धरती पर आये थे। जब काम पूरा हो गया तो यहां से चले गए। प्रार्थना का संचालन रेव्ह पीटर खाखा, रेव्ह अशप मिंज, रेव्ह सतीश टोप्पो, रेव्ह जयदीपक टोप्पो ने किया। मौके पर बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे। रिमझिम बारिश के बीच हुआ क्रूस रास्ता अनुष्ठान : पुरुलिया रोड स्थित संत मरिया चर्च की प्रार्थना सभा सुबह छह बजे शुरू हुई। बिशप फेलिक्स टोप्पो के सान्निध्य में विश्वासियों ने प्रार्थना की। प्रार्थना के उपरांत बिशप ने विश्वासियों को प्रभु का आशीष दिया। शाम साढ़े चार बजे से लोयला मैदान में बड़े स्तर पर प्रार्थना सभा की गई। इसमें सैकड़ों महिला-पुरुष शामिल हुए। प्रभु को समर्पित प्रार्थना के बीच क्रूस रास्ता अनुष्ठान पूर्ण कराया गया। मौके पर मुख्य अनुष्ठाता बिशप फेलिक्स टोप्पो ने कहा कि प्रभु ने अपना लहू दुनिया के कल्याण में समर्पित कर दिया। लहू बेकार नहीं होने दिया जाएगा। प्रभु के बताए मार्ग से ही विश्व में शांति की स्थापना होगी। क्रूस की महत्ता को बताते हुए उन्होंने कहा कि प्रभु यीशु ने क्रूस को स्वीकार कर इसे पवित्र बना दिया। क्रूस को अभिशाप नहीं समझें, यह अनुग्रह चिह्न है। यीशु ने इसे ईश्वर से जोड़ दिया। यह मेल मिलाप का प्रतीक है। आज पूरी दुनिया में बिकने वाली पुस्तक बाइबिल है। सबसे ज्यादा बिकने वाला चिह्न क्रूस ही है। कुछ लोग इसे आस्था से तो कुछ लोग इसे दिखावा के लिए धारण करते हैं। क्रूस रास्ता अनुष्ठान पूर्ण होने के बाद चर्च में देर रात तक प्रार्थना होती रही। विभिन्न टोलियों से आए विश्वासियों बारी-बारी से प्रार्थना की। मौके पर मौके पर पल्ली पुरोहित जेम्स भेंगड़ा, पल्ली पुरोहित थियोडोर टोप्पो, प्रफुल्ल तिग्गा सहित कई पुरोहित व विश्वासी उपस्थित थे।

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