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गिरिडीह के पूर्व मेयर सुनील पासवान की याचिका खारिज

रांची झारखंड हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस डा. रवि रंजन व जस्टिस एसएन प्रसाद की खंडपीठ ने नगर निगम के चुनाव में निर्वाचित होने के बाद गलत प्रमाणपत्र पाए जाने पर निर्वाचन रद करने के प्रविधान को असंवैधानिक घोषित करने के लिए दाखिल याचिका खारिज कर दी।

By JagranEdited By: Published: Fri, 26 Feb 2021 08:04 PM (IST)Updated: Fri, 26 Feb 2021 08:04 PM (IST)
गिरिडीह के पूर्व मेयर सुनील पासवान की याचिका खारिज
गिरिडीह के पूर्व मेयर सुनील पासवान की याचिका खारिज

रांची : झारखंड हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस डा. रवि रंजन व जस्टिस एसएन प्रसाद की खंडपीठ ने नगर निगम के चुनाव में निर्वाचित होने के बाद गलत प्रमाणपत्र पाए जाने पर निर्वाचन रद करने के प्रविधान को असंवैधानिक घोषित करने के लिए दाखिल याचिका खारिज कर दी। अदालत ने कहा कि झारखंड नगर निगम निर्वाचन नियमावली-2020 में किया गया प्रविधान बिल्कुल सही है और इसे असंवैधानिक घोषित नहीं किया जा सकता। इसके बाद अदालत ने नियम को चुनौती देने वाली गिरिडीह के पूर्व मेयर सुनील कुमार पासवान की याचिका खारिज कर दी।

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पूर्व मेयर सुनील कुमार पासवान ने हाई कोर्ट में दायर याचिका में कहा था कि वे वर्ष 2018 में गिरिडीह नगर निगम के मेयर निर्वाचित हुए थे। चुनाव के बाद उनपर आरोप लगा कि वे गलत जाति प्रमाणपत्र देकर चुनाव लड़े हैं। इसके बाद उन्हें अयोग्य करार देते हुए हटा दिया गया। सुनवाई के दौरान प्रार्थी के अधिवक्ता विनोद सिंह ने अदालत को बताया कि झारखंड नगर निगम एक्ट 2011 की धारा 18 में निर्वाचित जनप्रतिनिधि को अयोग्य घोषित करने के लिए 15 आधार दिए गए हैं। लेकिन, निर्वाचन को लेकर बनाई गई नई नियमावली में एक नया आधार जोड़ दिया गया है, जो कि गलत है। क्योंकि, बिना एक्ट में बदलाव किए नियमावली में नए प्रविधान को नहीं जोड़ा जा सकता है। इस कारण नियमावली की उक्त कंडिका को निरस्त कर देना चाहिए।

सरकार की ओर से अदालत को बताया कि यह नियमावली बिल्कुल सही है। इसके तहत एसटी, एससी, ओबीसी और महिलाओं को स्थानीय निकायों में 50 फीसद तक आरक्षण दिए जाने का प्रविधान किया गया है। उस उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए यह नियमावली बनाई गई है। हाई कोर्ट ने राज्य सरकार की ओर से दी गई दलीलों को स्वीकार करते हुए सुनील कुमार पासवान की याचिका खारिज कर दी और नियमावली को असंवैधानिक घोषित करने से इन्कार कर दिया।

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