फैक्टरी से निकल रही दुर्गध, महिलाओं ने किया घेराव
चिलदाग में मशरूम फैक्टरी से निकलने वाली दुर्गंध को ले शनिवार को ग्रामीणों ने घेराव किया।
संसू, अनगड़ा : चिलदाग में मशरूम फैक्टरी से निकलने वाली दुर्गंध को ले शनिवार को ग्रामीणों ने फैक्टरी का घेराव किया। ग्रामीण फैक्टरी से निकलने वाली दुर्गध को बंद करने की मांग कर रहे थे। घेराव की सूचना मिलते ही अनगड़ा थाना पुलिस मौके पर पहुंची। थानेदार ब्रजेश कुमार ने उग्र महिलाओं को शात कराया। मामले के समाधान को लेकर दोनों पक्षों की अंचल कार्यालय अनगड़ा में बैठक हुई। अध्यक्षता अंचल पदाधिकारी पुष्पक रजक ने की। ग्रामीणों का नेतृत्व विधायक प्रतिनिधि राजेन्द्र मुंडा, भाजपा मंडल अध्यक्ष रामनाथ महतो, मुखिया संगीता देवीए पंसस उमावती देवी व समाजसेवी अब्दुल इमाम अंसारी कर रहे थे। ग्रामीण व फैक्टरी प्रबंधन में इस बात पर सहमति बनी की जबतक फैक्टरी प्रबंधन दुर्गंध को नहीं हटा लेता है, उत्पादन बंद रहेगा। फैक्टरी संचालक ओम मोदी ने बताया कि चिमनी का निर्माण किया जा रहा है। एयर को ट्रीटमेंट करके बाहर निकाला जाएगा। दो तीन-दिनों के अंदर दुर्गंध कम हो जाएगी। बॉक्स
लोगों को घर पर मिलेगा रोजगार
चिलदाग में करीब दो एकड़ भूमि में राची एग्रो फार्म द्वारा व्हाइट बटन मशरूम का उत्पादन किया जाता है। चार करोड़ की लगात से फैक्टरी का निर्माण किया गया है। फैक्टरी मालिक ओम मोदी ने बताया कि फैक्टरी में करीब डेढ़ सौ लोगों को प्रत्यक्ष रूप से रोजगार दिया जाएगा। इससे इस क्षेत्र से पलायन रुकेगा। स्थानीय लोगों को घर में ही रोजगार उपलब्ध हो सकेगा। बॉक्स
मशरूम का जैविक उत्पादन
व्हाइट बटन मशरूम का उत्पादन होने में ढाई माह का समय लगता है। कच्चा माल को कंपोष्ट करके बंकर में भेजा जाता है। इसके बाद एक सप्ताह टनल में ब्लोअर चलाकर रखा जाता है। इसके बाद इसे वातानुकुलित रूम में भेजा जाता है। इसमें डेढ़ माह का समय लगता है। एसी रूम में एक माह बाद उत्पादन शुरू होता है। ओम मोदी ने बताया कि टनल में जाने के बाद जंक पूरी तरह से खत्म हो जाता है, जिससे मशरूम का जैविक तरह से उत्पादन होता है। फोटोण्ण्2ण्ण्फैक्टरी से निकलने वाली दुर्गंध का विरोध करती महिलाएं