जेल में भिड़े पूर्व मंत्री योगेंद्र साव और एनोस एक्का ने किया समझौता, केस वापस लेने को भेजा आवेदन
Yogendra Saw and Enos Ekka. पुलिस असंमजस में पड़ गई है। पुलिस ने दोनों से पूछताछ के लिए कोर्ट में आवेदन दे दिया है। दोनों नेताओं ने केस दर्ज कर एक दूसरे पर गंभीर आरोप लगाया है।
रांची, जासं। होटवार स्थित बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा में बंद पूर्व मंत्री एनोस एक्का और योगेंद्र साव के बीच विवाद और मारपीट के मामले ने यू टर्न ले लिया है। दोनों पूर्व मंत्रियों ने जेल के भीतर समझौता कर लिया। इसके बाद दोनों ने खेलगांव थाने में दर्ज केस को समाप्त करने के लिए समझौता आवेदन भेजा है। जेल प्रशासन के माध्यम से खेलगांव थाने को बंदी आवेदन पत्र भेजा गया है। यह आवेदन पहुंचने के बाद पुलिस असमंजस में पड़ गई है। पुलिस ने दोनों से पूछताछ के लिए कोर्ट को आवेदन तक दे रखा है।
कोर्ट की अनुमति के बाद दोनों से पुलिस को पूछताछ करना था। बताते चलें कि बीते 31 मार्च को एनोस एक्का व योगेंद्र यादव ने बंदी आवेदन पत्र के माध्यम से खेलगांव ओपी में मामला दर्ज कराया था। मामले में बीते नौ अप्रैल को एफआइआर दर्ज किया गया है। बिरसा मुंडा केद्रीय कारा में एनोस एक्का व योगेंद्र यादव के बीच विवाद हो गया था। जेल परिसर में ही दोनों के बीच गाली-गलौज और मारपीट हुई थी। दोनों के विवाद को सुलझाने के लिए राजा पीटर व जेल प्रशासन को हस्तक्षेत्र करना पड़ा था।
क्या था एक दूसरे का आरोप
करीब एक साल जेल में बंद कोलेबीरा के पूर्व विधायक एनोस एक्का की ओर से दिए गए आवेदन में आरोप लगाया गया था कि योगेंद्र साव उनके जेल के वार्ड में आए। उनके साथ गाली-गलौज करते हुए मारपीट कर दी। जाति सूचक गाली भी दी है। साथ ही दुमका जेल भिजवाने और जान से मरवा देने की धमकी दी है। इनके आवेदन पर योगेंद्र साव के खिलाफ आइपीसी की धारा 504, 506 और एसटी-एससी एक्ट के तकतक केस दर्ज किया गया है।
जबकि बड़कागांव के पूर्व विधायक योगेंद्र साव का आरोप था कि एनोस एक्का उनके वार्ड में आए। दो हजार रुपये रंगदारी मांगी। रंगदारी की रकम वह अक्सर उससे मांगता था। इंकार करने पर एनोस उनके साथ 31 मार्च की रात अचानक हमला कर दिया। इससे आंख, कान व गले में चोट लगी। कपड़े भी फाड़ डाले गए। इनके आवेदन पर एनोस एक्का के खिलाफ आइपीसी की धारा 323, 341, 385, 352, 427, 506, के तहत केस दर्ज किया गया।