Jharkhand: सरकारी कार्यालय व अस्पतालों में रोज होगी फूड सैंपलिंग, भोजन की गुणवत्ता में आएगा सुधार
Food Sampling in Jharkhand सैंपलिंग से खाने की गुणवत्ता में सुधार होगा। रिम्स के मरीजों को भी राहत मिलेगी। अक्सर खाने को लेकर शिकायत होती थी। लापरवाही बरतने वाले कार्रवाई के दायरे में आएंगे। फूड सैंपलिंग नहीं होने से कई कैंटीन संचालकों की मनमानी चल रही थी।
रांची, [शक्ति सिंह]। होटल, रेस्तरां और दुकानों में खाद्य पदार्थ की जांच के बाद, अब सरकारी कार्यालयों के कैंटीन से भी खाद्य का नमूना जांच के लिए लिया जाएगा। यानी प्रशासन की नजरें सरकारी कार्यालयों में बन रहे खाने की गुणवत्ता पर रहेगी। यही नहीं, सरकारी अस्पतालों की रसोइयों में इस व्यवस्था को देखा जाएगा। इसके लिए नियमित अंतराल पर फूड सेफ्टी ऑफिसर खाद्य पदार्थों का नमूना संग्रहित करेंगे। इसे जांच के लिए नामकुम स्थित लेबोरेटरी में भेजा जाएगा।
अब तक विशेष परिस्थिति में ही कुछ संस्थानों में खाद्य पदार्थों का नमूना संग्रह किया जाता था। लेकिन इस कार्य को फूड सेफ्टी ऑफिसर रूटीन वर्क में शामिल करेंगे। फिलहाल इस नई व्यवस्था से खाने की गुणवत्ता में सुधार होगी। थोड़ी सी भी लापरवाही बरतने पर संबंधित कैंटीन के संचालक फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड एक्ट के तहत कार्रवाई के दायरे में आएंगे। अमूमन इन क्षेत्रों में फूड सैंपलिंग नहीं होने से कई कैंटीन संचालकों की मनमानी चल रही थी।
लोगों के स्वास्थ्य के हित को देखते हुए क्षेत्रों से नियमित फूड सैंपलिंग का कार्य किया जाएगा। रिम्स जैसे संस्थान से कई बार खाने की गुणवत्ता को लेकर मरीजों द्वारा शिकायत की जाती है। लेकिन नियमित सैंपलिंग की जांच नहीं होने के कारण संबंधित संचालक पर कोई कार्यवाही नहीं होती है। ऐसे में मरीजों को रिम्स द्वारा जो खाना उपलब्ध कराया जाता है, उसे खाना पड़ता है। फिलहाल इस नई व्यवस्था से मरीजों को काफी सहूलियत होगी और नियमित मॉनिटरिंग से खाने की गुणवत्ता में सुधार होगा।
'सरकारी कार्यालय और अस्पतालों में बन रहे खाने की गुणवत्ता की जांच होगी। इसके लिए नियमित फूड सैंपलिंग किया जाएगा। लापरवाही बरतने वाले कार्रवाई के दायरे में आएंगे।' -एस एस कुल्लू, फूड सेफ्टी ऑफिसर, रांची।