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Heart Failure: कोरोना संक्रमण के बाद हार्ट फेल्योर से बचने के लिए अपनाएं यह तरीका... सुनिए, क्या कहते हैं विशेषज्ञ

Heart Failure Symptoms रांची मेदांता अस्पताल के हार्ट रोग विशेषज्ञ ने कोरेाना के बाद हार्ट संबंधित बीमारियों से जूझ रहे लोगों को जरूरी सलाह दी है। उन्होंने बेहतर जीवनशैली अपनाने का सुझाव दिया है। इस पर आप चाहें तो अमल कर हार्ट फेल्योर से बच सकते हैं।

By M EkhlaqueEdited By: Published: Sat, 21 May 2022 04:34 PM (IST)Updated: Sat, 21 May 2022 04:35 PM (IST)
Heart Failure: कोरोना संक्रमण के बाद हार्ट फेल्योर से बचने के लिए अपनाएं यह तरीका... सुनिए, क्या कहते हैं विशेषज्ञ
Heart Failure: कोरोना संक्रमण के बाद हार्ट फेल्योर से बचने के लिए अपनाएं यह तरीका... सुनिए, क्या कहते हैं विशेषज्ञ

रांची, जागरण संवाददाता। हार्ट फेल्योर एक ऐसी बीमारी है जिसमें दिल द्वारा ब्लड पम्प करने की क्षमता कम हो जाती है, या दिल में पर्याप्त मात्रा में ब्लड भर नहीं पाता है। ऐसे में मरीज के शरीर को पर्याप्त मात्रा में ब्लड नहीं मिल पाता है, जिससे मरीज को दैनिक दिनचर्या में तकलीफ तो होती ही है, साथ ही मरीज की जान भी जा सकती है। खास करके कोरोना से ठीक होने के बाद स्वास्थ्य को लेकर और सतर्क रहने की जरूरत है।

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रांची मेदांता के हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. मुकेश अग्रवाल बताते हैं कि हार्ट फेल्योर का प्रमुख कारण हार्ट अटैक, कार्डियोमायोपैथी, जन्मजात हार्ट की बीमारी, डायबिटीज, उच्च रक्तचाप, दिल का अनियंत्रित धड़कना, गुर्दा की बीमारी, मोटापा है। इसके साथ ही तम्बाकू, शराब या किसी नशा का सेवन करने से या वैसी दवाइयां जो दिल को नुकसान पहुंचाती हो को लेने से हार्ट का खतरा बढ़ता है।

हार्ट फेल्योर के प्रमुख लक्षण क्या हैं

हार्ट फेल्योर के प्रमुख लक्षणों के बारे में डॉ. मुकेश अग्रवाल बताते हैं कि सांस फूलना या सांस लेने में तकलीफ, थकावट, कमजोरी, पांव और पेट का फूलना, वजन का बढ़ना, रात में बार-बार पेशाब आना, धड़कन का बढ़ जाना, सूखी खांसी आना, भूख कम लगना और पेट भरा-भरा लगना जैसी तकलीफें हार्ट फेल्योर के शुरुआती लक्षण हैं। यदि हार्ट फेल्योर बहुत अधिक हो तो मरीज को बेड पर लेटने में तकलीफ होती है, लेटने पर सांस फूलने लगती है, कुछ केस में मरीज को सांस फूलने के कारण बेचैनी होती है और उसे बेड से उठना पड़ता है, खिड़की के पास जाकर सांस लेने तक की नौबत आ जाती है। ऐसे में लक्षणों को नजरंदाज नहीं करना चाहिए। लक्षण दिखते ही तुरंत डॉक्टर से सलाह लें। थोड़ी भी देरी मरीज के लिए जानलेवा साबित हो सकती है।

जीवनशैली को ठीक रखकर बचाएं जान

हार्ट फेल्योर के उपचार में डॉक्टर द्वारा मरीज को दवाएं दी जाती हैं, नियमित व्यायाम करने, सभी प्रकार के नशा का सेवन बंद करने, डायबिटीज, उच्च रक्तचाप एवं हाई कोलेस्ट्रॉल का उचित इलाज किया जाता है। गंभीर मरीजों को हार्ट की सर्जरी कर जान बचाई जाती है। पानी का सेवन अधिक करने एवं नमक का सेवन कम करने की जरूरत होती है। मरीज अपनी जीवनशैली को ठीक रख हार्ट फेल्योर से बच सकते है। जीवनशैली में सुधार लाने या अच्छी जीवनशैली अपनाने से इस बीमारी से बचा जा सकता है।


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