चारा घोटाला : लालू ने ही अवैध निकासी बिल देखने के बाद जांच के लिए फाइल विजिलेंस के पास भेजने को कहा
Ranchi News चारा घोटाला मामले में लालू प्रसाद की ओर से बहस जारी है। गुरुवार को लालू प्रसाद के अधिवक्ता प्रभात कुमार ने कोर्ट के बताया कि सीबीआइ का यह आरोप पूरी तरह से गलत है कि लालू प्रसाद ने विजिलेंस से जांच कराने पर रोक लगा दी थी।
रांची, (राज्य ब्यूरो)। चारा घोटाला मामले में लालू प्रसाद की ओर से बहस जारी है। गुरुवार को लालू प्रसाद के अधिवक्ता प्रभात कुमार ने कोर्ट के बताया कि सीबीआइ का यह आरोप पूरी तरह से गलत है कि लालू प्रसाद ने इस मामले में जानकारी होने के बाद भी विजिलेंस से जांच कराने पर रोक लगा दी थी। उनकी ओर से इससे संबंधित दस्तावेज कोर्ट में पेश करते हुए कहा गया कि तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद को अवैध निकासी से संबंधित बिल दिखाया गया। जिसके बाद उन्होंने इसकी जांच के लिए संबंधित फाइल विजिलेंस को यहां भेजने का निर्देश दिया।
इस मामले में सचिवालय से होती हुई फाइल तत्कालीन विजिलेंस के डीजी डीएन सहाय के यहां पहुंची, तो उन्होंने इस दौरान संबंधित फाइल पर यह नोटिंग किया कि इस मामले में की जांच विधानसभा की पीएससी (लोक लेखा समिति) कर रही है, ऐसे में संवैधानिक संस्था पीएसी की जांच के बाद ही इस मामले में कार्रवाई किया जाना बेहतर होगा। इसके बाद यह फाइल फिर से मुख्य सचिव तक गई। इसके बाद बिहार में राष्ट्रपति शासन लागू हो गया। सरकार बनने के बाद फिर से इस मामले में सभी दस्तावेज लेकर जांच करने का आदेश दिया गया। लेकिन इस मामले में सीबीआइ ने विजिलेंस के तत्कालीन डीजी डीएन सहाय के गवाह नहीं बनाया और उनकी गवाही भी कोर्ट में दर्ज नहीं की गई। जबकि इससे संबंधित सवाल लालू को बयान दर्ज कराए जाने के दौरान कोर्ट ने उनसे पूछा था। जिस पर लालू प्रसाद ने कहा था कि उन्होंने सभी दस्तावेज एकत्र कर जांच करने का आदेश दिया था। इस पर अदालत ने सीबीआइ के अधिवक्ता से इस संबंधित दस्तावेजों के सत्यापन करने की बात कही।
अब इस मामले में सोमवार को लालू प्रसाद की ओर से बहस की जाएगी। बता दें कि डोरंडा कोषागार से 139.35 करोड रुपये के अवैध निकासी मामले में करीब 72 आरोपितों की ओर से बहस पूरी कर ली गई है। इस मामले में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद, ध्रुव भगत, आरके राणा, जगदीश शर्मा सहित 112 लोगों मुकदमें का सामना कर रहे हैं।