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चारा घोटाला: पूर्व एजी पर दर्ज होगा मुकदमा

पशुपालन विभाग में अवैध निकासी के मामले में एजी की भूमिका पर सवाल उठते हैं। एजी अगर सही से काम करता तो अवैध निकासी नहीं होती।

By BabitaEdited By: Published: Sat, 17 Mar 2018 11:08 AM (IST)Updated: Sat, 17 Mar 2018 11:08 AM (IST)
चारा घोटाला: पूर्व एजी पर दर्ज होगा मुकदमा
चारा घोटाला: पूर्व एजी पर दर्ज होगा मुकदमा

रांची, जेएनएन। दुमका कोषागार से अवैध निकासी से संबंधित चारा घोटाला में बिहार के तत्कालीन एजी पीके मुखोपाध्याय, डिप्टी एजी बीएन झा व सीनियर एकाउंट ऑफिसर प्रमोद कुमार को सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश शिवपाल सिंह की अदालत ने प्रारंभिक तौर पर आरोपित माना। साथ ही इन पर मुकदमा दर्ज करने के लिए कोर्ट ने याचिकाकर्ता लालू प्रसाद से ही अभियोजन स्वीकृति लाने का आदेश दिया। कहा, सक्षम अधिकारी से इन तीनों अधिकारियों पर अभियोजन स्वीकृति आदेश प्राप्त कर 16 अप्रैल तक अदालत में जमा करें। माना कि पशुपालन विभाग में अवैध निकासी के मामले में एजी की भूमिका पर सवाल उठते हैं। एजी अगर सही से काम करता तो अवैध निकासी नहीं होती। 

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गौरतलब है कि तत्कालीन एजी सहित तीनों को मामले में आरोपित किए जाने को लेकर लालू प्रसाद की ओर से याचिका दाखिल की गई थी। लालू की ओर से कहा गया था कि जब घोटाला हो रहा था उस दौरान एजी ने अपनी रिपोर्ट में कभी इस बात का जिक्र नहीं किया कि ज्यादा पैसे की निकासी हो रही है। ऐसे में भी उन्हें भी आरोपित किया जाना चाहिए। यह अपील तब की गई जब लालू के खिलाफ अदालत ने फैसले की तारीख तय कर दी थी। गुरुवार को सुनवाई के बाद सीबीआइ कोर्ट ने याचिका पर फैसला सुरक्षित रखते हुए शुक्रवार की तिथि निर्धारित की थी। वहीं इस मामले में आने वाला फैसला भी टाल दिया था। 

लालू-जगन्नाथ सहित 31 अभियुक्तों पर फैसला आज

दुमका कोषागार से अवैध निकासी से संबंधित चारा घोटाला मामले में फैसला शनिवार को आएगा। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री सह राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद व डॉ. जगन्नाथ मिश्र से जुड़े चौथे मामले में सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश शिवपाल सिंह फैसला सुनाएंगे। अदालत ने सभी अभियुक्तों को अदालत में सशरीर उपस्थित होने का आदेश दिया है। दुमका कोषागार से अवैध निकासी से संबंधित चारा घोटाला कांड संख्या

आरसी 38ए/96 से संबंधित मामले में 31 अभियुक्तों के भाग्य का निर्णय होगा।  

मूल आवंटन 1.5 लाख के मुकाबले 3.76 करोड़ रुपये की अवैध निकासी को लेकर सीबीआइ ने वर्ष 1996 में प्राथमिकी दर्ज की थी। इस मामले में 49 अभियुक्तों के खिलाफ अदालत में चार्जशीट दाखिल की गई थी। तीन सरकारी गवाह बन गए थे। एक आरोपित दुमका के तत्कालीन कमिश्नर एसएन दुबे पर लगा आरोप ऊपरी अदालत से क्वैस (निरस्त) हो गया था। ट्रायल के दौरान 14 अभियुक्तों का निधन हो गया। इस मामले में गुरुवार को ही फैसला होना था लेकिन लालू की एजी को आरोपी बनाए जाने की अपील पर सुनवाई के कारण तिथि आगे बढ़ाई गई।


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