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आय से अधिक संपत्ति मामले में झारखंड के पूर्व मंत्री दुलाल भुइयां को पांच वर्ष की सजा, जुर्माना

सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश एके मिश्रा की अदालत ने पूर्व मंत्री दुलाल भुइयां को आय से अधिक संपत्ति मामले में दोषी ठहराते हुए पांच वर्ष की सजा सुनाई।

By Sachin MishraEdited By: Published: Thu, 21 Jun 2018 10:11 AM (IST)Updated: Thu, 21 Jun 2018 06:01 PM (IST)
आय से अधिक संपत्ति मामले में झारखंड के पूर्व मंत्री दुलाल भुइयां को पांच वर्ष की सजा, जुर्माना
आय से अधिक संपत्ति मामले में झारखंड के पूर्व मंत्री दुलाल भुइयां को पांच वर्ष की सजा, जुर्माना

जागरण संवाददाता रांची। आय से अधिक संपत्ति मामले में आज कोर्ट ने झारखंड के पूर्व भू राजस्व मंत्री दुलाल भुइयां को सजा सुनाई है। सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश एके मिश्रा की अदालत ने दुलाल भुइयां को आय से अधिक संपत्ति मामले में दोषी ठहराते हुए पांच वर्ष की सजा सुनाई है। साथ ही, 10 लाख रुपये जुर्माना भी लगाया है। 

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अदालत पिछले दिनों दोनों पक्षों की अंतिम दलीलें सुनने के बाद मामले में फैसले की तारीख 21 जून निर्धारित की थी। दुलाल भुइयां पर मंत्री पद पर रहने के दौरान एक करोड़ तीन लाख चार हजार 547 रुपये की अवैध चल-अचल संपत्ति बनाने का आरोप था। अर्जित अवैध संपत्ति के तहत रांची और जमशेदपुर में कई जगह भूखंड, कई वाहन खरीदे। कई बैंकों में जमा राशि और फिक्स डिपाजिट भी इसमें शामिल हैं। यह संपत्ति उन्होंने 10 मार्च, 200 5 से एक सितंबर, 2009 की अवधि में अवैध तरीके से अर्जित की। 26 अक्टूबर, 2015 को उन्होंने अदालत में आत्मसमर्पण किया था। कुछ दिनों जेल में रहने के बाद वह वर्तमान में जमानत पर थे।

मामले की सुनवाई के दौरान अदालत में सीबीआइ ने 21 गवाहों को प्रस्तुत किया था। दुलाल भुइयां की ओर से भी अपने बचाव में 21 गवाहों को प्रस्तुत किया गया था। दुलाल भुइयां के खिलाफ वर्ष 2013 में सीबीआइ ने कांड संख्या आरसी 21ए/2013 के तहत प्राथमिकी दर्ज की थी। अनुसंधान के बाद सीबीआइ ने दस फरवरी, 2014 को अदालत में चार्जशीट दाखिल की। इसमें आय से अधिक 1.03 करोड़ रुपये से अधिक अर्जित को सही पाया गया था।

मकान व कंपनियों में किया निवेश
दुलाल ने 5 मकान, पांच फार्म हाउस, तीन हथियार, पांच वाहनों में निवेश कर ब्लैक मनी को व्हाइट करने की कोशिश की। 2004-05 में दो कंपनियों में निवेश दिखाया, जो अस्तित्व में नहीं थीं। चार्जशीट में खुलासा हुआ है कि पूर्व मंत्री ने दो कंपनियों में लाखों का निवेश दिखाया है। उन्होंने मां कामख्या समेत एक अन्य कंपनी में 2004 व 2005 में निवेश किया है, जबकि आईटी रिटर्न में उन्होंने दोनों कंपनियों के अस्तित्व में आने की अवधि वर्ष 2010 बताई थी।  


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