Move to Jagran APP

CAA Support: गिरिडीह में तिरंगा यात्रा पर पथराव मामले में 5 एफआइआर, दो गिरफ्तार

नागरिकता संशोधन अधिनियम के समर्थन में शहर में निकाली गई तिरंगा यात्रा पर अराजक तत्वों द्वारा किए गए पथराव समेत अन्य मामलों को लेकर सोमवार को भी शहर में निषेधाज्ञा जारी रही।

By Alok ShahiEdited By: Published: Tue, 14 Jan 2020 10:22 AM (IST)Updated: Tue, 14 Jan 2020 03:49 PM (IST)
CAA Support: गिरिडीह में तिरंगा यात्रा पर पथराव मामले में 5 एफआइआर, दो गिरफ्तार
CAA Support: गिरिडीह में तिरंगा यात्रा पर पथराव मामले में 5 एफआइआर, दो गिरफ्तार

खास बातें

prime article banner
  • सोमवार को भी निषेधाज्ञा जारी, भारी संख्या में पुलिस बल तैनात
  • दर्ज मामलों में विधायक, पूर्व विधायक, जिप उपाध्यक्ष, वार्ड पार्षद सहित कई को बनाया गया आरोपित
  • आपत्तिजनक नारे लगाने और छेड़छाड़ का भी मामला दर्ज किया गया

रांची, जेएनएन। गिरिडीह में नागरिकता संशोधन अधिनियम के समर्थन में रविवार को शहर में निकाली गई तिरंगा यात्रा पर अराजक तत्वों द्वारा किए गए पथराव समेत अन्य मामलों को लेकर सोमवार को भी शहर में निषेधाज्ञा जारी रही। इस दौरान कुल पांच प्राथमिकी दर्ज की गई। चार प्राथमिकी जहां नगर थाने में दर्ज हुई वहीं एक मामला महिला थाने में दर्ज कराई गई। इसके आधार पर नगर पुलिस ने दो युवकों को गिरफ्तार किया है। जिसमें एक आजाद नगर निवासी मुन्ना जबकि दूसरा नगीना सिंह रोड निवासी आसिफ अंसारी शामिल है। दोनों आरोपितों को अदालत में पेश करने के बाद जेल भेज दिया गया।

घटना को लेकर पहली प्राथमिकी विश्व हिन्दू परिषद के जिला सहमंत्री राकेश कुमार आर्या ने दर्ज कराई है। जिसमें वार्ड संख्या 26 के पार्षद सैफ अली गुड्डू, बड़ा चौक निवासी गुलाम सरवर, राजा असलम, गुफरान, सोनू दानिश, लड्डन मियां व बीबीसी रोड निवासी सरफराज समेत करीब डेढ़ सौ अज्ञात पर हरवे हथियार से लैश होकर जुलूस पर हमला करने की बात कही है।

जबकि दूसरी प्राथमिकी पथराव व मारपीट में जख्मी हुए स्टेशन रोड़ निवासी शहनवाज अहमद के आवेदन पर दर्ज की गई। इसमें गांडेय के पूर्व विधायक जयप्रकाश वर्मा, जमुआ विधायक केदार हाजरा, पूर्व नप अध्यक्ष दिनेश यादव, धरियाडीह निवासी दीपक यादव, पूर्व नगर पार्षद उपाध्यक्ष विभाकर पांडेय, जिप उपाध्यक्ष कामेश्वर पासवान, संदीप डंगैइच, बक्सीडीह रोड निवासी शिवम आजाद, वार्ड पार्षद सुमित कुमार, विवेश जालान व उदनाबाद मुखिया प्रतिनिधि दिलीप उपाध्याय का आरोपित बनाया गया है।

इन लोगों पर जुलूस के दौरान आपत्तिजनक नारे लगाने, अल्पसंख्यक समुदाय व उनके धर्म के विरूद्ध नारे लगाने की बात कही गई। वहीं, तीसरी प्राथमिकी दंडाधिकारी के रूप में पदम चौक के समीप प्रतिनियुक्त दंडाधिकारी सह मनरेगा के कनीय अभियंता मनोज कुमार के आवेदन पर दर्ज कराई गई है।

चौथी प्राथमिकी कालीबाड़ी चौक के समीप प्रतिनियुक्त दंडाधिकारी सह पथ निर्माण विभाग के कनीय अभियंता विजय कुमार रवानी ने नगर थाने में दर्ज कराई है। जबकि एक प्राथमिकी जुलूस में चल रहे लोगों पर छेड़छाड़ करने का आरोप लगाते हुए दो किशोरियों ने दर्ज कराई है। इन्होंने दोषियों पर कार्रवाई करते हुए न्याय की गुहार लगाई है।

राष्ट्रगान की ताकत

सीएए के समर्थन और विरोध में चल रहे प्रदर्शनों के बीच जहां गिरिडीह में तिरंगा यात्रा पर एक समूह द्वारा पथराव कर माहौल बिगाडऩे की कोशिश हुई, वहीं राष्ट्रगान का धुन बजते ही लाठी-डंडे और पत्थर चलाने वाले दोनों पक्षों के लोगों का उपद्रव छोड़ सावधान की मुद्रा में खड़े हो जाने की घटना एकसाथ कई संदेश दे गई। इस घटना ने बताया कि देश के प्रति यहां के सभी नागरिक प्रेम, सम्मान और गौरव का भाव रखते हैैं।

एक-दूसरे के खिलाफ तलवारें तानने वाले एक सूत्र में बंधे

यहां विवाद और टकराव की वजहें कुछ और हैैं। बहकावे में आकर और गलतफहमियों का शिकार होकर लोग भले ही उन्मादी हो कर एक-दूसरे पर तलवारें तान रहे हों, लेकिन उन्हें एकता के सूत्र में बांधनेवाली धाराएं भी हर समाज में समानांतर रूप से चल रही हैैं। धन्यवाद के पात्र गिरिडीह के डीसी और एसपी भी हैैं जिन्होंने इस भावना को महसूस किया और लोगों को शांत करने के लिए मौके पर राष्ट्रगान बजवाया।

नागरिकता संशोधन कानून को लेकर पक्ष और विपक्ष में लगातार प्रदर्शन

हाल के दिनों में नागरिकता संशोधन कानून को लेकर पक्ष और विपक्ष में लगातार प्रदर्शन हो रहे हैैं। या यूं कहें कि लोगों के बीच प्रदर्शनों की होड़ मची है। इसमें दलों, संगठनों, बुद्धिजीवियों, नेताओं समेत सभी लोगों को यह समझना होगा कि केवल राजनीतिक स्वार्थ के लिए केवल विरोध करने के लिए विरोध नहीं होना चाहिए। लोकतंत्र में सबको अपनी बात रखने का अधिकार है, लेकिन कोशिश होनी चाहिए कि इससे जाने-अनजाने में प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से किसी भी तरह समाज में विलगाव, असंतोष या असुरक्षा की भावना को बढ़ावा न दे।

देश की संसद ने सर्वसम्मति से पास कानून का करें सम्‍मान

देश की संसद ने सर्वसम्मति से जिस कानून को पास कर दिया है उसे लेकर भ्रम की स्थिति तो साफ की जानी चाहिए लेकिन अनावश्यक विरोध नहीं होना चाहिए। इसका फायदा विदेशी ताकतें भी उठा सकती हैैं। केंद्र समेत राज्य सरकारों की भी जिम्मेदारी है कि इसे लेकर स्थिति साफ करे और जनता को सही जानकारी दी जाय। शिक्षण संस्थानों का इस आग में झुलसना और भी दुखद है। इस चिंता को देशभर के प्रतिष्ठित संस्थानों के कुलपतियों की ओर से पीएम को लिखे गए पत्र से भी महसूस किया जा सकता है। जरूरत इस बात की है कि जनता जागरूक बने और सही-गलत का भेद समझ सके, ताकि उसे कोई बरगला न सके।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.