राज्य में पहली बार होंगे जेलों के अपने डॉक्टर, नियुक्तियां शुरू
अलग राज्य बनने के बाद यह पहली बार है, जब जेल का अपना डॉक्टर होगा। इसकी प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। नियुक्तियां जारी हैं। राज्य की जेलों के लिए कुल 39 पदों पर चिकित्सकों को बहाल किया जाना है।
रांची, दिलीप कुमार। अलग राज्य बनने के बाद यह पहली बार है, जब जेल का अपना डॉक्टर होगा। इसकी प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। नियुक्तियां जारी हैं। राज्य की जेलों के लिए कुल 39 पदों पर चिकित्सकों को बहाल किया जाना है। इसमें 33 चिकित्सक जनरल फिजीशियन व छह विशेषज्ञ होंगे, जिनमें आंख के एक, स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ एक, एमडी मेडिसिन एक, मनोवैज्ञानिक एक व पैथोलोजिस्ट दो रहेंगे। इन 39 डॉक्टरों में अब तक आठ डॉक्टरों को बहाल कर लिया गया है।
इनमें सात अन्य विभाग से संबंधित हैं, जबकि आठवां मनोचिकित्सक है। इन डॉक्टरों में तीन चिकित्सकों ने बुधवार को योगदान भी दे दिया है। अब तक जेलों में स्वास्थ्य विभाग डॉक्टरों को अतिरिक्त प्रभार देकर भेजता था। जेल का अपना डॉक्टर नहीं होने के कारण बंदियों के इलाज में परेशानी हो रही थी। डॉक्टरों की बहाली के बाद से इस परेशानी का निदान होगा और बीमार बंदियों का तुरंत इलाज हो सकेगा।
सात डॉक्टर, जिनकी हो चुकी है बहाली : - डॉ. स्वाति बेरा : केंद्रीय कारा, घाघीडीह, जमशेदपुर। - डॉ. कपिलदेव चौधरी : बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा, होटवार, रांची। - डॉ. वैभव श्रीवास्तव : उपकारा, तेनुघाट। - डॉ. राज कमल रंजन : लोकनायक जयप्रकाश नारायण, केंद्रीय कारा, हजारीबाग। - डॉ. प्रियंका श्रीवास्तव : मंडल कारा, चास (बोकारो)। - डॉ. रश्मि कुमारी : उपकारा, रामगढ़। - डॉ. राजीव कुमार सिंह : मंडल कारा, धनबाद।
बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा में एक मनोचिकित्सक भी बहाल, नहीं जाना पड़ेगा रिनपास : राज्य की जेलों में मनोचिकित्सक को भी बहाल करने की प्रक्रिया चल रही है। इसी क्रम में बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा होटवार में एक डॉक्टर को बहाल भी कर लिया गया है। डाक्टर मोहम्मद शहनवाज जफर हैं, जो डोरंडा निवासी हैं। दो स्थायी कक्षपाल भी पदस्थापित : कारा प्रशासन ने हजारीबाग स्थित जयप्रकाश नारायण केंद्रीय कारा में बुधवार को दो स्थाई कक्षपालों को भी पदस्थापित किया है। इन कक्षपालों में चंद्रशेखर कुमार व अनिल तांती शामिल हैं। कक्षपालों की बहाली की भी प्रक्रिया अभी तेज है।