गढ़वा में भूमि विवाद में दो पक्षों में गोलीबारी, पुलिस ने एक को हिरासत में लिया Garhwa Crime Update
Jharkhand Hindi Samachar Garhwa News घटना के बाद अमस्था टोला में अफरा-तफरी मच गई। उक्त घटना के बाद गांव में तनाव की स्थिति बनी हुई है। थाना प्रभारी ने एक पक्ष के प्रवीण सिंह द्वारा पांच राउंड फायरिंग करने की पुष्टि की है। हालांकि इसमें कोई हताहत नहीं हुआ है।
गढ़वा, जासं। गढ़वा जिले के कांडी थाना क्षेत्र के सरकोनी गांव के अमस्था टोला में बुधवार को भूमि विवाद को लेकर दो पक्षों में छह-सात राउंड गोली चली। हालांकि इस घटना में कोई हताहत नहीं हुआ है। लेकिन गोलीबारी की घटना से गांव में तनाव की स्थिति बनी हुई है। पुलिस इस मामले में एक पक्ष के प्रवीण कुमार सिंह को हिरासत में लेकर कांडी थाना ले आई है। साथ ही उसके लाइसेंसी राइफल को भी जब्त कर लिया है।
जानकारी के अनुसार प्रवीण कुमार सिंह एवं दूसरे पक्ष के रघुवीर प्रजापति के बीच कई वर्षों से भूमि विवाद चला आ रहा है। बुधवार को रघुवीर प्रजापति के पुत्र शंभू प्रजापति द्वारा उक्त विवादित भूमि पर बने मकान की छत की ढलाई कराई जा रही थी। इसकी जानकारी मिलने पर प्रवीण कुमार सिंह ने इसका विरोध करते हुए काम बंद करने के लिए कहा। इस पर दोनों पक्ष में बहस होते-होते गोलीबारी होने लगी। इससे गांव में कुछ देर के लिए अफरा-तफरी मच गई।
फायरिंग के आरोपित प्रवीण कुमार सिंह एवं ग्रामीणों के अनुसार शंभू प्रजापति द्वारा फायरिंग शुरू की गई थी। इसके पश्चात प्रवीण कुमार सिंह द्वारा फायरिंग की गई। जबकि कांडी के थाना प्रभारी नीतीश कुमार के अनुसार प्रवीण कुमार सिंह द्वारा ही फायरिंग किए जाने का प्रमाण मिला है। दूसरे पक्ष द्वारा गोलीबारी करने का कोई प्रमाण नहीं मिला है। इधर, इस घटना को लेकर एसडीपीओ गढ़वा अवध कुमार यादव भी कांडी थाना पहुंचे और अपने स्तर से मामले की जांच शुरू कर दी है। एसडीपीओ ग्रामीणों से गोलीबारी की घटना को लेकर जानकारी ले रहे हैं।
बताया जा रहा है कि रघुवीर प्रजापति ने उक्त भूमि को विमला देवी पति सुरेश्वर मेहता से खरीदा था। इसके पश्चात उक्त भूमि के एक अन्य हिस्सेदार महेश्वर मेहता ने न्यायालय में मामला दायर किया था। न्यायालय से महेश्वर मेहता के पक्ष में फैसला हुआ। तब महेश्वर मेहता ने उक्त भूमि को प्रवीण कुमार सिंह के नाम पर रजिस्ट्री कर दी। कांडी अंचल कार्यालय द्वारा उक्त भूमि का नामांतरण प्रवीण कुमार सिंह के पक्ष में कर दिया गया। जबकि शंभू प्रजापति ने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास का निर्माण कार्य उक्त भूमि पर शुरू कर दिया। इसकी छत ढलाई के दौरान गोलीबारी की घटना हुई।