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चर्चित मनी लांड्रिंग मामले में एमएसएस हेल्थकेयर के चेयरमैन पर प्राथमिकी

करीब 2.28 करोड़ के मनी लांड्रिंग के इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने इस ट्रस्ट के चेयरमैन गोरखनाथ भगत सहित छह के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है।

By Alok ShahiEdited By: Published: Wed, 01 Apr 2020 04:15 PM (IST)Updated: Wed, 01 Apr 2020 04:15 PM (IST)
चर्चित मनी लांड्रिंग मामले में एमएसएस हेल्थकेयर के चेयरमैन पर प्राथमिकी
चर्चित मनी लांड्रिंग मामले में एमएसएस हेल्थकेयर के चेयरमैन पर प्राथमिकी

रांची, राज्य ब्यूरो। रांची के बहुचर्चित मेसर्स एमएसएस हेल्थकेयर आयुर्वेदिक ट्रस्ट के खिलाफ जालसाजी के दर्ज मामले को प्रवर्तन निदेशालय ने टेकओवर कर लिया है। करीब 2.28 करोड़ के मनी लांड्रिंग के इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने इस ट्रस्ट के चेयरमैन गोरखनाथ भगत सहित छह के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। इस मामले में ईडी की विशेष अदालत में 24 अप्रैल को सुनवाई होगी। ईडी की टीम ने ट्रस्ट के नाम पर एसबीआई की विभिन्न शाखाओं में जमा दो करोड़ 14 लाख 69 हजार 645 रुपये को जब्त कर लिया है। इसके साथ ही अरगोड़ा पुलिस के हाथों बरामद 13.35 लाख रुपये भी जब्त किया है। जिनके खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ है, उनमें चेयरमैन गोरखनाथ भगत के अलावा ट्रस्ट के मुख्य सचिव हेमंत सिन्हा, सचिव संजय कुमार, उपाध्यक्ष राकेश पोद्दार, कोषाध्यक्ष सह संयुक्त सचिव मुकेश पोद्दार शामिल हैं। मेसर्स एमएसएस एंड हेल्थकेयर आयुर्वेदिक ट्रस्ट पर आरोप है कि उसने निवेशकों को 16 महीने के भीतर जमा राशि चौगुना करने का लालच दिया था।

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क्या है मामला 

ईडी ने जांच में पाया कि आरोपितों ने वर्ष 2007 में हरमू हाउसिंग कॉलोनी के एमआईजी, एम-5 में मेसर्स एमएसएस एंड हेल्थ केयर आयुर्वेदिक ट्रस्ट बनाया था। वह निवेशकों से 3000 रुपये लेकर सदस्य बनाता था और 2300 के चार पोस्ट डेटेड चेक देते थे। इतना ही नहीं, 700 रुपये की आयुर्वेदिक दवा का कूपन भी देता था। निवेशकों को ठगने के लिए 16 महीने में जमा धन चौगुना करने का लालच देता था। 16 महीने के बाद कुछ निवेशकों के पैसे चार गुना हुए भी। इसके बाद अन्य निवेशकों में कंपनी ने अपना विश्वास जमा लिया। सदस्य बननेवालों की संख्या बढ़ गई। इस ट्रस्ट ने करीब तीन करोड़ रुपये से अधिक का निवेश भी करवा लिया और एकाएक कार्यालय बंद कर दिया। कंपनी के सभी सदस्य अगस्त 2010 में फरार हो गए। इसके बाद निवेशकों ने अरगोड़ा थाना में 13 अगस्त 2010 को प्राथमिकी दर्ज कराई थी। अरगोड़ा थाने की पुलिस किसी भी आरोपित को नहीं पकड़ सकी थी। सभी आरोपितों को भगोड़ा घोषित कर पुलिस ने चार्जशीट दाखिल कर दिया था। दर्ज प्राथमिकी में सभी आरोपितों का पता रांची में ही बताया गया है।


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