Move to Jagran APP

ईसाई मिशनरियों को आर्थिक सहायता देना ओडिशा सरकार की हिंदू विरोधी मानसिकता

विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के राष्ट्रीय महामंत्री मिलिंद परांडे ने कहा है क‍ि ईसाई मिशनरियों के प्रति तुष्टीकरण की नीति अपना रही ओड‍िशा सरकार। यह ओड‍िशा सरकार के ह‍िंंदू व‍िरोधी मानस‍िकता को दर्शाता है। इससे ह‍िंंदू समाज को आघात पहुंचा है।

By M EkhlaqueEdited By: Published: Sun, 09 Jan 2022 10:57 PM (IST)Updated: Sun, 09 Jan 2022 10:57 PM (IST)
ईसाई मिशनरियों को आर्थिक सहायता देना ओडिशा सरकार की हिंदू विरोधी मानसिकता
पत्रकारों से बातचीत करते हुए मिलिंद परांडे व अन्‍य व‍िह‍िप नेता। जागरण

रांची, जागरण संवाददाता। मिशनरी आफ चैरिटी संस्थाओं को ओडिशा सरकार की ओर से मुख्यमंत्री राहत कोष से चार जनवरी को 78.76 लाख रुपये दिए जाने की विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने कड़ी निंदा की है। विहिप के राष्ट्रीय महामंत्री मिलिंद परांडे ने कहा कि स्वामी लक्ष्मणानंद सरस्वती की हत्या जिन ईसाईयों के षड्यंत्रों का परिणाम था, उस विषय पर आज तक ह‍िंंदुओं को न्याय नहीं मिला। वहीं, मिशनरियों को राशि देकर उन ईसाईयों के प्रति तुष्टीकरण की नीति अपनाई जा रही है।

loksabha election banner

हिंदुओं को आघात पहुंचाया जा रहा

ओड‍िशा की राजधानी भुवनेश्वर में पत्रकारों से बातचीत करते हुए मिलिंद परांडे ने कहा कि ओडिशा में मिशनरियों द्वारा अबाध रूप से मतांतरण का खेल चल रहा है। राज्‍य विधानसभा में पारित मतांतरण विरोधी कानून का अनुपालन करने में भी राज्‍य सरकार की कोई दिलचस्पी दिखाई नहीं देती है। केवल तीन प्रतिशत ईसाईयों की तुष्टीकरण के लिए प्रदेश के 97 प्रतिशत हिंदुओं को आघात पहुंचाया जा रहा है। इसका ताजा उदाहरण मिशनरियों को मुख्यमंत्री राहत कोष की राशि दिया जाना है। जबकि, मिशनरी आफ चैरिटी के विरुद्ध कई आरोप हैं।

मंदिरों और अनाथालयों पर ध्यान नहीं

मिलिंद परांडे ने कहा कि कोविड के समय कष्टमय जीवन जी रहे मंदिरों के पुजारियों को सरकार द्वारा किसी प्रकार का अनुदान नहीं दिया गया। जीर्ण अवस्था के पुराने मठों की सरकार को कोई चिंता नहीं है। प्रदेश में बालाश्रम, अनाथालय सहित अनेक संस्थाएं आर्थिक दुर्गति का सामना कर रहीं हैं। मुख्यमंत्री ने कभी अपने राहत कोष से उन संस्थाओं के प्रति सहयोग का हाथ नहीं बढ़ाया। सरकार के इस दोहरे मापदंड व हिंदू विरोधी मानसिकता का परिषद विरोध करती है।

महात्मा गांधी ने मतांतरण का किया था विरोध

विहिप के महामंत्री ने कहा कि महात्मा गांधी ने भी मतांतरण का विरोध किया था। उन्होंने कहा था, एक ईसाई द्वारा किसी भी हिंदू को ईसाई बनाने की इच्छा क्यों रखनी चाहिए? यदि कोई भी हिंदू अच्छा है या धार्मिक है, इससे संतुष्ट क्यों नहीं हो सकता। महात्मा गांधी ने उस समय जो कहा था उसका ध्यान लोगों को रखना चाहिए। इस अवसर पर क्षेत्रीय संगठन मंत्री सपन मुखर्जी, राज्य सभापति प्रोफेसर प्रफुल्ल कुमार मिश्र, राज्य संगठन मंत्री आनंद कुमार पांडे सहित विहिप व बजरंग दल के कई पदाधिकारी मौजूद थे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.