कैंपस कथा : जानते हैं नाराज को खुश करना
ऑफिस के बाबू लोगों का ट्रांसफर होने के बाद उनके ऊपर वालों की चिंता बढ़ गई है।
प्रणय कुमार सिंह, रांची : ऑफिस के बाबू लोगों का ट्रांसफर होने के बाद उनके ऊपर वालों की चिंता बढ़ गई है। कारण, अब ये लोग मान कर चल रहे हैं कि सिलसिला शुरू हुआ है तो रुकेगा नहीं। सभी डरे हैं, लेकिन राहत की बात है कि सूची तैयार हो रही है तो अभी बदलाव की भी गुंजाइश बची है। बस सही दिशा में कोशिश जारी रखी जाए। हर दिन तरह-तरह की बातें हो रही है। सबसे अधिक परेशान कचहरी के पास वाले ऑफिस के साहब हैं। जिधर बात करें, वहीं से खबर आती है कि इनका जाना तय है। अभी ये साहब दूसरी गली वाले ऑफिस के भी प्रभार में हैं। चर्चा है कि ऊपर वाले साहब इनकी कार्यप्रणाली से खुश नहीं हैं, लेकिन दूसरी ओर यह बात भी सच है कि साहब नाराज को खुश करना जानते हैं। दरअसल, यही उनकी सबसे बड़ी काबिलियित है। अब वे इसी राह पर बढ़ चले हैं।
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कम नहीं हो रही मैडम की परेशानी
बीच शहर के एक स्कूल की मैडम इन दिनों कुछ ज्यादा ही परेशान हैं। एक परेशानी कम होती है तब तक दूसरी दस्तक दे देती है। इनसे जुड़े समुदाय के लोग कहते हैं कि मैडम खुद परेशानी को बुलावा देती हैं। मैडम पहले केंद्र सरकार के कार्यालय में थीं। यहां लौटीं तो काम करने के वहीं के तरीकों को जारी रखे हुए हैं, लेकिन इन्हें कौन समझाए कि लोगों की बुरी आदतों को आप कितना बदलेंगी। यहां तो चोरी भी और सीनाजोरी भी की आदत है। मैडम कामकाज के तरीके सुधारने की बातें करती हैं तो इनके अधीनस्थ दूसरे तरीके से परेशान करने में लग जाते हैं। इधर, मैडम भी जिद्दी हैं। कहती हैं कि यहां से हटना मंजूर है, लेकिन झुकेंगी नहीं। सरकार पैसा देती है तो काम करना ही पड़ेगा।
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शुल्क नहीं तो फिर डिग्री कैसी
बिना परीक्षा दिए सीधे अगले सेमेस्टर में भेज देने से छात्र खुश हैं। अब इस जुगाड़ में लगे हैं कि परीक्षा से तो छूट मिल ही गई, शुल्क से भी मिल जाए। इसके लिए कभी वीसी कक्ष में ताला मार देते हैं तो कभी बाहर हंगामा। एक सप्ताह पहले तो विवि के बॉस को दो घंटे तक कक्ष में बंद कर बाहर से ताला जड़ दिया। शाम हो गई। घर जाने का समय होने लगा तो आखिरकार पुलिस बुलानी पड़ी। इसके बाद ताला खुला और बॉस बाहर निकले। बाहर छात्रों ने घेर लिया। एक नेता ने पूछा कि जब पढ़ाई ही नहीं हुई तो पैसा कैसा। बॉस तो चुप रहे। छात्रों को आश्वासन देते रहे कि जल्द ही उचित निर्णय लेंगे, लेकिन कुछ अधिकारी कह रहे थे कि जब पढ़ाई ही नहीं हुई तो डिग्री भी कैसे दे देंगे। इसलिए छात्र न पैसा दे और न ही डिग्री मांगे।
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फिर आएंगे वही साहब
राज्य के सबसे पुराने विवि में परीक्षा लेने वाले विभाग में अधिकारी की नियुक्ति का मामला लटका है। जेपीएससी ने कई महीने पहले नियुक्ति प्रक्रिया शुरू की थी, लेकिन अभी तक फाइनल रिजल्ट जारी नहीं कर सका है। सभी अभ्यर्थियों को रिजल्ट का इंतजार है। मुख्यालय में चर्चा है कि पुराने वाले साहब ही आने वाले हैं। पुराने वाले साहब पर कई तरह के आरोप लगे थे। इसके बाद उन्होंने उस समय पद से इस्तीफा दे दिया था। लाट साहब ने उनसे संबंधित रिपोर्ट भी मांगी थी। लेकिन जब जेपीएससी ने नियुक्ति प्रक्रिया शुरू की तो साहब ने भी साक्षात्कार दिया था। साक्षात्कार के बाद से ही लोग कहने लगे थे कि साहब फिर आएंगे। कारण, साक्षात्कार टीम में कई लोग उनके पक्ष के थे। इधर, विभाग में ऐसे लोग डरे हैं जो इस्तीफे के समय साहब के साथ नहीं खड़े थे।