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निजी अस्पतालों के मुकाबले रिम्स में कम हो जांच शुल्क : कुलकर्णी

रांची स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव डॉ. नितिन मदन कुलकर्णी ने शुक्रवार को रिम्स में बैठक की।

By JagranEdited By: Published: Sat, 18 Jan 2020 02:22 AM (IST)Updated: Sat, 18 Jan 2020 06:18 AM (IST)
निजी अस्पतालों के मुकाबले रिम्स में कम हो जांच शुल्क : कुलकर्णी
निजी अस्पतालों के मुकाबले रिम्स में कम हो जांच शुल्क : कुलकर्णी

जागरण संवाददाता, रांची : स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव डॉ. नितिन मदन कुलकर्णी ने शुक्रवार को रिम्स निदेशक डॉ. डीके सिंह और विभागों के एचओडी के साथ बैठक की। बैठक के दौरान स्वास्थ्य सचिव ने रिम्स में निजी अस्पतालों से महंगे जाच शुल्कों को कम करने का निर्देश दिया है। वहीं आंकोलॉजी विभाग में लगने वाली लिनक मशीन के स्पेसिफिकेशन की जाच टाटा कैंसर अस्पताल के विशेषज्ञों से कराई जाए।

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रिम्स निदेशक द्वारा आर्डर किए गए 128 लाइट की दो सीटी स्कैन मशीन ट्रॉमा सेंटर में लगाई जाएगी। बैठक में इन मशीनों को रेडियोलॉजी विभाग में लगाने पर सहमति नहीं बनने पर यह निर्णय लिया गया। रेडियोलॉजी विभाग में 256 या 128 लाइट की मशीनों में से कौन सी लगाई जाएगी इस पर निर्णय विभाग द्वारा लिया जाएगा। लगातार मिल रही थी शिकायत : लगातार शिकायत मिल रही थी कि बाहर के पैथोलॉजी सेटरों के मुकाबले रिम्स में जांच के नाम पर अधिक शुल्क लिया जा रहा है। इस कारण मरीज रिम्स में न जांच करा परिसर स्थित हेल्थ मैप में जांच करा रहे थे।

नहीं सुलझा पेच : बैठक में बगैर टेंडर के खरीदे गए उपकरणों को लेकर कोई समाधान नहीं निकल सका। रेडियोलॉजी और ऑंकोलॉजी के एचओडी विभाग में आउटडेटेड मशीन लगाने को तैयार नहीं हुए। दोनों एचओडी ने कहा निदेशक द्वारा गठित डीपीसी कमेटी ने जो तय किया है उसी के अनुसार, वे विभाग में वहीं मशीनें लगाएंगे। दोनों एचओडी ने कहा कि निदेशक ने घटिया मशीन का ऑर्डर दिया है जो संस्थान के लिए उपयुक्त नहीं है।

बाहर से दवा खरीदने पर सचिव ने जताई आपत्ति

बैठक के दौरान ट्रॉमा सेंटर में बाहर से खरीदी जा रही दवाओं पर भी सचिव ने बड़े पैमाने पर आपत्ति दर्ज की। उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा कि अस्पताल में सभी दवाएं एजेंसी के बजाय अब सीधे कंपनी से खरीदी जाए। इसे गुणवत्ता और कीमत दोनों में फर्क पड़ेगा।

किचन टेंडर के मामले में चर्चा हुई, जिसमें वर्तमान की एजेंसी का टेंडर जून में ही खत्म होने के बाद अब तक टेंडर प्रक्रिया पूरी नहीं की गई इस पर भी सवाल उठाया गया। सचिव ने टेंडर के लिए किसी एक एजेंसी के लिए ले जा रहे हैं पक्ष पर भी नाराजगी जाहिर की।

मशीनों की खरीदारी व खराब मशीनों के मरम्मत पर भी हुई चर्चा

बैठक के दौरान पूरे साल रिम्स में क्या-क्या बदलाव होने है, बेहतरी के लिए कई विभाग खोले जाने है इसपर चर्चा की गई। रिम्स निदेशक ने बताया कि स्वास्थ्य सचिव ने जिन विभागों में मशीनें खराब पड़ी हैं उसे ठीक कराने का निर्देश दिया। वहीं किस विभाग के लिए उपकरणों की खरीदारी करनी है इसपर चर्चा की गई। डॉ. डीके सिंह ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्री बनने के बाद जीबी की बैठक होगी इसके एजेंडों का प्रारूप तैयार करने पर भी बातचीत हुई।


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