सत्यनारायण ने निभाया पिता धर्म, खुद की जान दे बेटी को बचाया Ranchi News
Jharkhand. सत्यनारायण बेदिया को तैरना नहीं आता था। इसके बावजूद उसने अपनी दो वर्षीया पुत्री को बचाने के लिए कुएं में छलांग लगा दी।
ओरमांझी (रांची), जासं। जब परिवार या परिजन पर आफत आता है, तो आदमी वह सभी काम कर जाता है, जो उससे संभव है। चाहे वह उसमें माहिर हो या नहीं। यही बात बुधवार को ओरमांझी थाना क्षेत्र के तापे गांव में सामने आई। 30 वर्षीय किसान सत्यनारायण बेदिया तैरना नहीं जानता था, लेकिन उसने पिता का धर्म निभाया और जिंदगी देकर अपनी दो वर्षीया बेटी की जान बचा ली। बताया गया कि किसान सत्यनारायण बुधवार को दिन में करीब 11:00 बजे अपने घर के सामने खेत में काम कर रहा था।
वहीं, उसकी दो वर्षीया जुड़वा बेटियां ऋद्धि-सिद्धि व पांच वर्षीय बेटा रोहित बेदिया खेल रहे थे। खेलने के दौरान ही सिद्धि अचानक समीप के गहरे कुएं में गिर गई। बेटी को गिरता देख सत्यनारायण बेदिया ने उसे बचाने के लिए कुएं में छलांग लगा दी, जबकि उसे तैरना नहीं आता था। उसने किसी तरह अपनी बेटी को पकड़ कर ऊपर उठा लिया। इस दौरान सिद्धि और पिता को कुएं में गिरते देख उसका बेटा रोहित बेदिया चिल्लाने लगा।
चिल्लाने की आवाज सुनकर दूर खेत में काम कर रहे सत्यनारायण के भाई महेश बेदिया व गांव के उमेश बेेदिया वहां पहुंचे। जब रोहित ने अपनी समझ के अनुसार उन्हें घटना की जानकारी दी, तो वे दोनों पिता-पुत्री को बचाने के लिए कुएं में कूद गए। लेकिन, तब तक पिता-पुत्री दोनों ही गहरे पानी में डूब गए थे। महेश व उमेश ने पानी में नीचे जाकर उन्हें बचाने का प्रयास किया।
बेटी को तो पानी में ढूंढकर बाहर निकाल लिया, लेकिन पिता सत्यनारायण बेदिया को ढूंढ नहीं पाए। पिता अंदर ही रह गया। काफी प्रयास के बाद सत्यनारायण को बाहर निकाला गया, लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी। सूचना मिलने के बाद ओरमांझी थाने की पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस ने लोगों से पूछताछ कर घटना की जानकारी ली और शव को पोस्टमार्टम के लिए रांची स्थित राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान भेज दिया।