BAU Ranchi: कृषि उत्पादों से नए प्रोड्क्टस बनाने की तकनीक सीखेंगे किसान
BAU Ranchi News बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के द्वारा अब किसानों को कृषि उत्पादों के प्रसंस्करण और मूल्यवर्धन की तकनीक का प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके तहत विभिन्न कृषि उत्पादों से नए प्रोड्कट बनाने की तकनीक किसानों को सिखाई जाएगी।
रांची, जासं । बिरसा कृषि विश्वविद्यालय की ओर से अब किसानों को कृषि उत्पादों के प्रसंस्करण और मूल्यवर्धन की तकनीक का प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके तहत विभिन्न कृषि उत्पादों से नए प्रोड्क्टस बनाने की तकनीक किसानों को सिखाई जाएगी। प्रशिक्षण कार्यक्रम के तहत विवि के गृह विज्ञान विभाग के द्वारा रागी (मडुआ), सोयाबीन, सब्जियों एवं फलों का वैज्ञानिक तकनीकों से विभिन्न उत्पादों का उत्पादन तथा प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके लिए विवि किसानों को नाबार्ड और अन्य वित्त इकाई से व्यापार खड़ा करने में भी मदद किया जाएगा। किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए विवि के बिजनेस प्लानिंग एंड डेवलपमेंट विभाग के द्वारा अलग किसानों की काउंसलिंग की जाएगी।
डीन एग्रीकल्चर डा एमएस यादव ने बताया कि कृषि कार्य को लाभकारी बनाने तथा किसानों में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के लिए उपेक्षित फसलों व अतिपोषित अनाजों जैसे - बाजरा, ज्वार, जौ, कसावा, राजमा, बोदी, ओल, अदरख, जिमीकंद एवं शकरकंद आदि के प्रसंस्करण एवं मूल्यवर्धन तकनीक को विकसित करने का परामर्श और प्रशिक्षण विवि के द्वारा दिया जाएगा। कृषि उत्पादों के प्रसंस्करण, मूल्यवर्धन एवं खाद्य सुरक्षा के नए आयामों को जोड़ने तथा बाजार व्यवस्था के अनुरूप व्यावसायिक उत्पादन के आधुनिक तरीकों को बढ़ावा देने से किसानों की आर्थिक हालत में सुधार होगा।
विभागाध्यक्ष डॉ रेखा सिन्हा ने किसानों को गेहूं, मड़ुआ (रागी), मकई, सोयाबीन, बाजरा, चना, ज्वार एवं चौलाई (एमेंरेनथश) के दानों के उपयोग से मल्टीग्रेन आटा बनाने तथा गेहूँ, मड़ुआ (रागी), सोयाबीन, जौ, बाजरा, जई तथा फेनु ग्रीक के दाने के उपयोग से डायबेटिक फ्रेंडली आटा को बनाने की तकनीक सिखाई जाएगी। साथ ही, मल्टीग्रेन आटा व डायबेटिक फ्रेंडली आटा की बिक्री तथा बैंक के लिए डीपीआर बनाने के बारे में भी बताया जाएगा।
वर्तमान में प्रसंस्करण एवं मूल्यवर्धन के नवीनतम तकनीकों से रागी (मडुआ) से बिस्कुट, केक, सेवई तथा सोयाबीन से टोफू (पनीर) का उत्पाद तैयार किया जाता है। साथ ही मशरूम के आचार, टोमेटो कैचप, सब्जियों के आचार तथा फलों के जेम व जेली उत्पाद का निर्माण कार्य के साथ प्रशिक्षण दिया जाता है।