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Jharkhand Budget 2020: झारखंड के किसानों का 50 हजार रुपये तक का कर्ज माफ

झारखंड में धान की उत्पादकता बढ़ाने के लिए किसानों को प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। पशुओं के स्वास्थ्य के मद्देनजर डायग्नोस्टिक एवं अन्य प्रशिक्षण प्रयोगशाला की होगी स्थापना।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Tue, 03 Mar 2020 09:07 PM (IST)Updated: Tue, 03 Mar 2020 09:07 PM (IST)
Jharkhand Budget 2020: झारखंड के किसानों का 50 हजार रुपये तक का कर्ज माफ
Jharkhand Budget 2020: झारखंड के किसानों का 50 हजार रुपये तक का कर्ज माफ

खास बातें

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  • किसानों का कर्ज उतारने को 2000 करोड़ खर्च करेगी सरकार
  • मोबाइल पशु क्लीनिक भी किए जाएंगे शुरू, एपीएल परिवारों को भी अनुदान पर गाय
  • 200 करोड़ का प्रावधान किया गया है, धान उत्पादन एवं बाजार सुलभता नामक नई योजना के लिए 
  • 100 करोड़ के किसान राहत कोष का होगा सृजन, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में होगा बदलाव 
  • 90 प्रतिशत अनुदान पर एपीएल परिवार की महिलाओं को भी दुधारू गाय का होगा वितरण
  • 30 करोड़ की लागत से दो शीत गृह का निर्माण किया जाएगा ताकि अनाज न हों खराब

रांची, राज्य ब्यूरो। हेमंत सरकार ऋण के बोझ तले किसानों को उबारने का प्रयास करेगी। इस दिशा में किए गए प्रयासों की झलक बजट में स्पष्ट दिखाई देती है। राज्य सरकार ने किसानों के लिए अल्पकालिक कृषि ऋण राहत योजना शुरू करने की बात कही है। इस मद में 2000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। फिलहाल 50 हजार रुपये तक के कृषि ऋण को माफ करने की योजना है। झामुमो और कांग्रेस ने अपने  चुनाव घोषणापत्र में किसानों को कर्ज से मुक्ति दिलाने का वादा किया था।

धान की उत्पादकता बढ़ाने और किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए 'धान उत्पादन एवं बाजार सुलभता' नामक नई योजना शुरू की जाएगी। इस मद में 200 करोड़ रुपये का बजटीय प्रावधान किया गया है। किसानों व महिला स्वयं सहायता समूह की कृषि यंत्र वितरण की चल रही योजना को भी सरकार ने आगे बढ़ाने का निर्णय लिया है। इस मद में 50 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इस योजना के तहत संचित जल का उपयोग सिंचाई कार्य में करने के लिए पंप सेट, एचडीपीई पाइप के साथ अन्य कृषि यंत्र उपलब्ध कराए जाएंगे।

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के स्वरूप में बदलाव करते हुए वर्ष 2020 के खरीफ मौसम से झारखंड राज्य किसान राहत कोष सृजित करने की योजना का जिक्र बजट में किया गया है। इस मद में 100 करोड़ का प्रावधान किया गया है। कृषि उत्पादों के बेहतर रखरखाव के लिए जिलों में बड़े आकार और अधिक क्षमता वाले मॉडल कोल्ड स्टोरेज बनाए जाएंगे। इस कड़ी में अगले वित्तीय वर्ष 30 करोड़ की लागत से दो शीत गृह का निर्माण किया जाएगा।

पशुपालन एवं मत्स्य

पशुओं के स्वास्थ्य के मद्देनजर एंबुलेंस सेवा शुरू की जाएगी। इसके अलावा डायग्नोस्टिक एवं अन्य प्रशिक्षण प्रयोगशाला भी स्थापित की जाएगी। मोबाइल पशु चिकित्सा क्लीनिक शुरू करने की भी योजना का जिक्र बजट में किया गया है। महिलाओं के आर्थिक उन्नयन के लिए 90 प्रतिशत अनुदान पर दुधारू गाय वितरण योजना से अब एपीएल परिवारों को भी जोड़ा जाएगा।

कामधेनु डेयरी, फार्मिंग योजना के तहत प्रगतिशील दुग्ध उत्पादक परिवारों को आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी और अनुदानित दर पर चारा काटने की मशीन एवं संतुलित पशु आहार उपलब्ध कराया जाएगा। मत्स्य पालन को बढ़ावा देने के लिए नई हैचरियों का निर्माण किया जाएगा। मत्स्य पालाकों को प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। मत्स्य विपणन योजना के तहत स्टाल आटो रिक्शा, मोबाइल रिटेल किओस्क अनुदानित दर पर उपलब्ध कराए जाएंगे।

जनता से किए गए वादों को बजट में दी जगह : बादल

कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता मंत्री बादल ने कहा कि मतदाताओं से किए वादों को हमने अपने बजट में जगह दी है। आगामी वित्त वर्ष में इसे जमीन पर उतारने का काम भी पूरी ईमानदारी से किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह बजट किसानों के लिए राहत से भरा है। किसानों के ऋण माफी की बात हमारे घोषणा पत्र में थी। जिसे हेमंत सोरेन की सरकार ने लागू करने का काम किया है।

हमने अपने बजट में कृषि ऋण राहत योजना के नाम से दो हजार करोड़ रुपये का उपबंध किया है। धान उत्पादन एवं बाजार सुलभता नाम की नई योजना की शुरुआत भी की गई है, जिसके लिए 200 करोड़ों रुपए का उपबंध किया गया है। हमारी सरकार की प्राथमिकता है कि सही समय पर आम लोगों तक उनका अधिकार पहुंच सकें।


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