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'मंत्री जी, आपके एक बयान ने किसानों की दुनिया उजाड़ दी'

मंत्री रामेश्वर उरांव ने दिया है किसानों का गीला धान नहीं खरीदने का आदेश इसके बाद बंद हो गई है धान की खरीद

By JagranEdited By: Published: Wed, 09 Dec 2020 07:16 AM (IST)Updated: Wed, 09 Dec 2020 07:16 AM (IST)
'मंत्री जी, आपके एक बयान ने किसानों की दुनिया उजाड़ दी'
'मंत्री जी, आपके एक बयान ने किसानों की दुनिया उजाड़ दी'

रांची, जागरण टीम : बंपर पैदावार हुई है इस बार धान की। बड़ी उम्मीदें थीं किसानों को। कर्जे चुकाने थे। बेटियों के हाथ पीले करने थे। मगर, सारी उम्मीदें टूट रही हैं। बिचौलिए किसानों से धान औने-पौने भाव खरीद रहे। सरकारी क्रय केंद्र पर धान बिकता तो दो हजार से अधिक मिलते, लेकिन बिचौलियों को महज एक हजार रुपये प्रति क्विंटल बेचना पड़ रहा धान। कर्जा क्या टूटेगा, लागत मुश्किल से निकल रही। राज्य के किसान खून के आंसू रोने को मजबूर हैं। किसानों की बदहाली की जिम्मेवार राज्य सरकार को बताते हुए सांसद अन्नपूर्णा देवी कहती हैं, एक तो धान क्रय केंद्र खुले ही नहीं लेकिन खुले भी तो मंत्री रामेश्वर उरांव ने यह बयान दे दिया कि गीला धान न खरीदें किसानों से। अब किसान क्रय केंद्रों से लौटा दिए जा रहे कि धान गीला है। किसानों की तो दुनिया ही उजड़ गई है। गढ़वा के चमरही गांव के मोहम्मद इब्ने अली कहते हैं कि गेहूं की खेती के लिए पैसे की जरूरत थी। इसलिए धान बेचने के अलावा कोई उपाय नहीं था। उनके गांव के किसान दस रुपये प्रति किलो ही धान बेच रहे हैं। क्रय केंद्र कब खुलेगा, कोई सूचना नहीं है। मधेया गांव के बसंत चौबे कहते हैं कि किसान की कमाई का मजा बिचौलिए और कारोबारी उठा रहे हैं। कल्याणपुर गांव के कन्हाई चंद्रवंशी कहते हैं कि धान गीला होने की बात कहना मजाक जैसा है। खेत में पांजा सुखाने के बाद ही उसे खलिहान में लाया जाता है। फिर दवनी की जाती है। ऐसे में धान गीला कैसे रह जाएगा।

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पलामू जिले के लेस्लीगंज प्रखंड के पथरही गांव की कौशल्या कुंवर ने कहा कि खेती के लिए कर्ज लिया था। ससमय कर्ज चुकाने के लिए धान बेचना पड़ा। स्थानीय साहूकार ने 1100 रुपये प्रति क्विटल की दर से खरीद लिया। सरकारी दर की तुलना में नुकसान तो हुआ, पर क्या करती? धान क्रय केंद्र खुले ही नहीं हैं।

चतरा जिले के लोवागड्डा गांव के महादेव महतो कहते हैं कि किसान पैक्स में धान बेचकर काफी संतुष्ट रहते थे। भले ही पैसे का भुगतान विलंब से होता था, लेकिन इस वर्ष समय पर खरीद शुरू नहीं होने से अरमानों पर पानी फिर गया। बिचौलिए इस मजबूरी का फायदा उठा ले गए।

------- 30 किसानों से चार लाख रुपये का धान लेकर बिचौलिया फरार

हजारीबाग के टाटीझरिया के बड़ा डहरभंगा के 30 किसानों से लगभग चार लाख रुपये का धान खरीद कर बिचौलिया भाग गया है। सहदेव यादव, छक्कन यादव का क्रमश: 40-40 हजार, बैजनाथ यादव का 25 हजार, अमृत यादव, सरजू यादव, बजरंग सिंह का क्रमश: 20-20 हजार, ब्रजेश यादव का 15 हजार, दशरथ यादव, नरेश यादव, जगदीश यादव का क्रमश: दस दस हजार, दिनेश यादव, मनोज यादव का क्रमश: नौ नौ हजार के अलावा कैलाश यादव, राहुल, बासुदेव, अशोक, खेमलाल यादव, इंद्रदेव, राजकुमार, खीरू यादव व विकास यादव आदि के पैसे डूब गए हैं। इन किसानों ने बताया कि आरोपित आशीष वर्णवाल झरपो गांव का निवासी है। पांच दिन पहले 1300 रुपये क्विटल की दर से धान खरीदा। छह दिसंबर को पैसा देने की बात कही। इसके बाद से उसका मोबाइल बंद है। जब लोग उसके घर गए तो मां ने बताया कि मुंबई चला गया है। किसानों ने टाटीझरिया थाने में प्राथमिकी के लिए एक आवेदन दिया है।

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एक किलो धान के बदले 10 रुपये किलो वाला थमा रहे नमक

हजारीबाग के चुरचू प्रखंड क्षेत्र में इसबार बिचौलिए वाहन में चूड़ा, तेल, नमक और साबुन आदि जरूरी सामान लेकर किसानों के दरवाजे पर पहुंच जा रहे हैं। 11 से 12 रुपये प्रति किलो की दर से धान खरीद ले जा रहे हैं। धान के बदले में वे सामान थमा देते हैं। एक किलो धान के बदले 10 रुपये किलो वाला नमक, तीन किलो धान पर एक किलो चूड़ा, आठ से दस किलो धान पर एक किलो सरसों तेल देकर खरीदारी कर रहे हैं।


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