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राष्ट्रपति के हाथों गोल्ड पा कर दमक उठे चेहरे

रांची विवि के दीक्षा समारोह में विद्यार्थियों के चहरे पर काफी खुशी थी।

By JagranEdited By: Published: Tue, 01 Oct 2019 04:12 AM (IST)Updated: Tue, 01 Oct 2019 04:12 AM (IST)
राष्ट्रपति के हाथों गोल्ड पा कर दमक उठे चेहरे
राष्ट्रपति के हाथों गोल्ड पा कर दमक उठे चेहरे

जागरण संवाददाता, रांची : रांची विवि का 33वां दीक्षा समारोह। छात्र-छात्राओं व अतिथियों से खचाखच भरा दीक्षांत मंडप। हर ओर चहल-पहल। राष्ट्रपति के हाथों गोल्ड मेडल पाने का इंतजार। ठीक 10:12 मिनट में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के दीक्षांत मंडप में प्रवेश करते ही छात्र-छात्राएं चहक उठते हैं। सभी खड़े हो कर उनका अभिवादन करते हैं तो राष्ट्रपति भी प्रसन्न मुद्रा में हाथ जोड़कर अभिवादन करते हैं। राष्ट्रपति ने जब कहा कि झारखंड में खूब प्राकृतिक संसाधन हैं, लेकिन रिसोर्स ऑफ टैलेंट सबसे अधिक है तो तालियों की गड़गड़ाहट से दीक्षांत मंडप गूंज उठा। राष्ट्रपति जब विद्यार्थियों को गोल्ड मेडल दिए तो सभी के चेहरे सोने की तरह दमक उठे। मंच पर प्रथम लेडी, राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू, मुख्यमंत्री रघुवर दास, शिक्षा मंत्री डॉ. नीरा यादव, वीसी डॉ. रमेश कुमार पांडेय व प्रोवीसी डॉ. कामिनी कुमार थीं। मंच संचालन रजिस्ट्रार डॉ. अमर कुमार चौधरी ने किया। वीसी ने राष्ट्रपति को, प्रोवीसी ने प्रथम लेडी, गवर्नर और शिक्षा मंत्री तथा रजिस्ट्रार ने सीएम को स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया। पहला गोल्ड अनीषा को

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समारोह में राष्ट्रपति के हाथों पहला गोल्ड 10:33 मिनट में पीजी गणित की टॉपर अनीषा कुमारी को मिला। इसके बाद जयंत, विशाल सहित नौ को राष्ट्रपति ने अपने हाथों से मेडल दिए। अंतिम मेडल रिम्स की नेहा को 10:37 मिनट में मिला। उम्मे को राष्ट्रपति के हाथों नहीं मिला गोल्ड

राष्ट्रपति के हाथों 11 विद्यार्थियों को गोल्ड मेडल मिलना था। लेकिन बीएड की टॉपर रंजीता कुमारी समारोह में नहीं पहुंची और उर्दू की टॉपर मांडर कॉलेज की उम्मे बरीरा विवि द्वारा निर्धारित परिधान में नहीं थी इस कारण इन्हें राष्ट्रपति के हाथों गोल्ड मेडल नहीं मिल सका। जब गोल्ड मेडल के लिए विद्यार्थी कतार में लगे थे उसी समय उम्मे बरेरा दीक्षांत मंडप में पहुंची। वह कतार में लग गई। वह पिंक कलर का सलवार-सूट पहनी थी और गले में विवि द्वारा उपलब्ध कराए गए अंगवस्त्र था। लेकिन विवि द्वारा तय ड्रेस में नहीं होने के कारण इन्हें राष्ट्रपति के हाथों गोल्ड नहीं मिला। उम्मे ने कहा कि उसे विवि द्वारा निर्धारित ड्रेस की जानकारी नहीं थी। राष्ट्रपति के जाने के बाद प्रो. ज्ञान सिंह उम्मा को लेकर गए और प्रोवीसी डॉ. कामिनी कुमार के हाथों गोल्ड मेडल दिलाया। इस बीच उम्मे के बड़े भाई भी वहां पहुंचे थे।


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