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नेत्रदान कर जिनकीआंखों में अंधेरा उन्हें दी जा सकती है रोशनी

रिम्स ऑडिटोरियम में नेत्रदान पखवाड़ा के तहत बुधवार को नेत्रदाता परिवारों को किया गया सम्मानित।

By Edited By: Published: Thu, 05 Sep 2019 04:48 AM (IST)Updated: Thu, 05 Sep 2019 04:48 AM (IST)
नेत्रदान कर जिनकीआंखों में अंधेरा उन्हें दी जा सकती है रोशनी
नेत्रदान कर जिनकीआंखों में अंधेरा उन्हें दी जा सकती है रोशनी
जागरण संवाददाता, रांची : रिम्स ऑडिटोरियम में नेत्रदान पखवाड़ा के तहत बुधवार को नेत्रदाता परिवार सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। इस दौरान मुख्य रूप से रिम्स निदेशक डॉ. डीके सिंह, नेत्र विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. वीबी सिन्हा, राज्य कार्यक्रम अधिकारी डॉ. मार्शल आइंद, डॉ. राहुल प्रसाद, डॉ. राजीव कुमार गुप्ता, आई बैंक के मैनेजर अभिमन्यु कुमार आदि मौजूद थे। समारोह के दौरान 16 परिजनों को सम्मानित किया गया। वहीं सभी परिजनों ने नेत्रदान के लिए लोगों को जागरूक करने की शपथ ली। इस दौरान निदेशक डॉ. डीके सिंह ने कहा कि नेत्रदान महादान है।
इसके करने से जिनकी आंखों में अंधेरा है, उनके जीवन को रोशनी दी जा सकती है। इसके प्रति लोगों को जागरूक करना बेहद जरूरी है। लोगों को जब यह महसूस होगा की उनके दान किए अंग का सही इस्तेमाल हो रहा है। तो लोग खुद आगे आ कर इसे करने की इच्छा जाहिर करेंगे और लोगों को भी इसके लिए प्रेरित करेंगे। देशभर में नेत्रदाताओं की कमी है। फीसद के अनुसार देखा जाए तो 100 फीसद में नेत्र सिर्फ 20 फीसद लोगों की मिल पाता है। आई बैंक के मैनेजर अभिमन्यु ने बताया कि कार्यक्रम में कुल 25 परिजनों को आमंत्रित किया गया था। लेकिन व्यस्तता के कारण इसमें सिर्फ 16 परिजन ही शामिल हो सके।
कार्यक्रम में इनके परिजनों को किया सम्मानित
इस कार्यक्रम में नेत्रदाता के परिवार वालों को सम्मानित किया गया। जिसमें नेत्रदाता सावित्री देवी, रामेश्वर महतो, प्रदीप तिर्की, अवध प्रसाद यादव, रंजित उराव, सुरज महतो, अनिमा, धमर्ेंद्र प्रजापति, नितू उराव, महेंद्र रविदास, बसंती देवी, सुखदेव महली, गौतम मछुवा, पूनम जैन, मनमोहन सिंह मुंडा आदि के परिवार वाले शामिल रहे। इस कार्यक्रम के दौरान नेत्रदान प्रक्रिया में सहयोग करने वाले रिम्स के 23 कर्मचारियों को भी सम्मानित किया गया।

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