Move to Jagran APP

CAG Report: जिस बैंक के नाम पर जारी हुआ स्टांप पेपर, वह बैंक ही अस्तित्व में नहीं, जानें पूरा मामला

प्रधान महालेखाकार ने बुधवार को सरकारी योजनाओं की ऑडिट रिपोर्ट में भारी अनियमितता उजागर किया है। उन्होंने पथ निर्माण विभाग में पथ प्रमंडल गोड्डा के अधीन पड़ने वाले 22.44 किलोमीटर पथ का निर्माण का ठेका लेने वाली कंपनी यूनिक कंस्ट्रक्शन सूरत का फर्जीवाड़ा उजागर किया है।

By Vikram GiriEdited By: Published: Fri, 10 Sep 2021 02:13 PM (IST)Updated: Fri, 10 Sep 2021 02:13 PM (IST)
CAG Report: जिस बैंक के नाम पर जारी हुआ स्टांप पेपर, वह बैंक ही अस्तित्व में नहीं, जानें पूरा मामला
CAG Report: जिस बैंक के नाम पर जारी हुआ स्टांप पेपर, वह बैंक ही अस्तित्व में नहीं। जागरण

रांची, राज्य ब्यूरो । प्रधान महालेखाकार ने बुधवार को सरकारी योजनाओं की ऑडिट रिपोर्ट में भारी अनियमितता उजागर किया है। उन्होंने पथ निर्माण विभाग में पथ प्रमंडल गोड्डा के अधीन पड़ने वाले 22.44 किलोमीटर पथ का निर्माण का ठेका लेने वाली कंपनी यूनिक कंस्ट्रक्शन सूरत का फर्जीवाड़ा उजागर किया है। उन्होंने बताया है कि इस कंपनी ने 51.62 करोड़ में निर्माण का कार्य लिया था। इस कंपनी ने इसके बदले 5.60 करोड़ रुपये का जो बैंक गारंटी दिया था, वह फर्जी था।

loksabha election banner

इतना ही नहीं, जिस बैंक के स्टांप पेपर पर बैंक गारंटी बना था, वह स्टांप पेपर फर्जी था, क्योंकि जिस सूरत स्थित देना बैंक की रस्ता शाखा से स्टांप पेपर निर्गत होने की जानकारी दी गई थी, वह बैंक ही अस्तित्व में नहीं था। कंस्ट्रक्शन कंपनी ने एक साल के भीतर ही निर्माण कार्य रोक दिया। फर्जी बैंक जमानत तथा फर्जी होने के संदेहास्पद एकरारनामा होने के आधार पर कार्य आवंटन होने के चलते 13.24 करोड़ के सरकारी धन का नुकसान हो चुका है।

यहां-यहां हुई अनियमितता

- हजारीबाग-कटकमसांडी-चतरा सड़क पर पथ निर्माण विभाग ने सड़क के एक हिस्से के चौड़ीकरण व सुदृढ़ीकरण कार्य तथा उसी सड़क के डीपीआर तैयार करने की अविवेकपूर्ण स्वीकृति दी। इसके चलते अलकतरा बिछाने के कार्य पर 5.03 करोड़ का खर्च हुआ।

- जिला कल्याण पदाधिकारी चतरा ने अपने कर्मी के साथ मिलकर 13.59 करोड़ का गबन किया। जांच में पता चला कि जिला कल्याण कार्यालय चतरा के बैंक खातों से 19 संस्थाओं-व्यक्तियों के बैंक खातों में जिसमें कर्मी, उनके रिश्तेदार, गैर सरकारी संगठन, आपूर्तिकर्ता, गैर शैक्षणिक संस्थान शामिल थे, उन्हें धोखाधड़ी कर राशि स्थानांतरित की गई। इसमें सभी के विरुद्ध प्राथमिकी भी दर्ज है।

- कृषि पशुपालन एवं सहकारिता विभाग में दो पौधशालाओं के संचालन के लिए उनके निर्माण के चार साल के बाद भी पानी-बिजली की आपूर्ति नहीं हुई, जिससे 2.78 करोड़ रुपये का खर्च बेकार हो गया।

- सूकर प्रजनन नाभिक इकाई के लिए 1.59 करोड़ की लागत से निर्मित सूकर सेड दिसंबर 2014 से निष्क्रिय हो गए।

- जल संसाधन, राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग में भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया को पूरा किए बगैर गिरिडीह जिले के तिसरी प्रखंड स्थित चरकी पहाड़ी मध्यम सिंचाई योजना पर काम शुरू करने के कारण 1.30 करोड़ का व्यय निष्क्रिय हुआ तथा 3.93 करोड़ का काम रूका।

- झारखंड ऊर्जा संचरण निगम लिमिटेड को उपयोगकर्ताओं से शुल्क वसूलने में विफलता के कारण 12.18 करोड़ का नुकसान हुआ।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.