छात्रों का भविष्य लिखते हैं परीक्षक, ना बरतें लापरवाही
रांची : झारखंड एकेडमिक काउंसिल के अध्यक्ष डॉ. अरविंद प्रसाद सिंह ने मुख्य परीक्षकों को छात्रों की कापियां जांचने के टिप्स दिए ।
जागरण संवाददाता, रांची : झारखंड एकेडमिक काउंसिल के अध्यक्ष डॉ. अरविंद प्रसाद सिंह ने मुख्य परीक्षकों को छात्रों की कापियां जिम्मेदारीपूर्वक जांचने के टिप्स दिए।
उन्होंने मुख्य परीक्षकों को कहा कि कोई भी परीक्षक फर्स्ट डिवीजनर को फेल करने की गड़बड़ी न करें। स्क्रूटनी में हजारों ऐसे विद्यार्थी मिलते हैं जिन्हें 74 की जगह 14 अंक मिले रहते हैं। बाद में उन्हें सुधारकर 74 करना पड़ता है। स्टैंडर्ड मार्क्स फाइल करने में सेवंटी (70) को सेवंटीन (17) समझ जाते हैं। हमें समझना होगा कि हम किसी का भविष्य लिखने जा रहे हैं इसलिए गंभीर और जिम्मेदार रवैया अपनाना होगा। परीक्षक बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ नहीं न्याय करें। परीक्षक के कारण विद्यार्थी परेशान होते हैं और बदनामी जैक की होती है।
जैक अध्यक्ष मंगलवार को जिला स्कूल में शिक्षा विभाग व जैक के संयुक्त तत्वावधान में प्रधान परीक्षकों के लिए आयोजित उन्मुखीकरण कार्यशाला में बोल रहे थे। ये परीक्षक 2019 की मैट्रिक व इंटरमीडिएट की उत्तरपुस्तिकाओं के मूल्यांकन में भाग लेंगे। इस बार खुद मार्किग नहीं करेंगे प्रधान परीक्षक :
जैक अध्यक्ष ने कहा कि हम बार-बार स्टेप मार्किंग की बात करते हैं, लेकिन इस प्रक्रिया को अभी तक पूरी तरह नहीं अपनाया गया है। चेयरमैन ने कहा कि इस बार प्रधान परीक्षक को कॉपी का मूल्यांकन नहीं करना है, बल्कि उन्हें सहायक परीक्षकों द्वारा मूल्यांकित कॉपियों को देखना है कि उसमें सही अंक मिले हैं या नहीं। प्रधान परीक्षक के पारिश्रमिक में कमी नहीं की गई है। कार्यक्रम का संयोजन अशोक सिंह ने किया। उत्तरपुस्तिका पूरी खाली हो तभी करें जीरो मार्किंग
जैक सचिव महीप सिंह ने परीक्षक को फेल को पास करने का फार्मूला बताया। उन्होंने कहा कि जीरो मार्किंग तभी करें जब उत्तरपुस्तिका बिल्कुल खाली हो या प्रश्न संस्कृत में है और परीक्षार्थी ने उत्तर अंग्रेजी में दे दिया हो। परीक्षार्थी के मनोभाव, उम्र, नादानी और क्षमता का भी ख्याल रखें :
एक परीक्षक ने कहा कि कई बार परीक्षार्थी प्रश्न को ही उतार देते हैं। इस पर सचिव ने कहा कि आप प्रश्न पूछ रहे हैं और वह उसे उतार दे रहा है यह भी बड़ी बात है। सचिव ने कहा परीक्षार्थी की उम्र 14 वर्ष और परीक्षक की कम से कम 30 वर्ष होती है। आप खुद को उसकी उम्र में ले जाएं फिर अंक दें। मार्किंग करते समय पॉजिटिव होना होगा। 24 अंक लाने वाले 33 अंक भी ला सकते हैं। इस बात पर ध्यान देना होगा। कहां-कहां सही है देखें, गलती नहीं
जैक सचिव ने कहा कि परीक्षक कॉपी के मूल्यांकन के समय उसमें देखें कि कहां-कहां सही है, अभी तक गलतियां देखा करते थे। हम फेल नहीं पास करने के लिए मूल्यांकन करते हैं। अपने साथ मोबाइल नहीं रखें तो घर की समस्या से दूर रहेंगे फिर ध्यान भटकेगा। आपके व्यक्तित्व पर शक नहीं है। पांचों सेट की प्रैक्टिस से रिजल्ट होगा 100 फीसद :
सचिव ने कहा मूल्यांकन से पहले सभी परीक्षक प्रश्नों को देखें फिर उसका उत्तर तैयार कर लें। इसमें सभी का सहयोग लें। उन्होंने कहा कि जैक के वेबसाइट पर मॉडल प्रश्नपत्र हैं। छात्रों से पांचों सेट की प्रैक्टिस करवा लें तो रिजल्ट 100 फीसद होगा। परीक्षक मूल्यांकन में सही समय पर पहुंचे। सिलेबस के अनुसार प्रश्न सेट करें। सचिव ने कहा कि केंद्र निदेशक को-आर्डिनेटर बनाने में ध्यान रखें कि अपने नजदीकी को या तृतीय या चतुर्थ वर्ग के कर्मचारी को को-आर्डिनेटर नहीं बनाएं। कॉपी के वजन के हिसाब से नहीं दें अंक
दक्षिणी छोटानागपुर के क्षेत्रीय शिक्षा उप निदेशक अशोक शर्मा ने कहा कि मार्क्स फाइल करते समय रिटोटलिंग जरुर कर लें। कॉपी के वजन के हिसाब से अंक नहीं दें। बच्चों की मेधा के साथ अन्याय नहीं हो। मूल्यांकन में सीबीएसई पैटर्न को अपनाएं। जैक के शैक्षणिक पदाधिकारी प्रशांत पांडेय ने कहा कि यदि विद्यार्थी सही फार्मूले लिखे हैं या भूगोल में मैप में सही लोकेशन बताने की कोशिश कर रहा है तो अंक मिलनी चाहिए। रिसोर्स पर्सन ओपी मिश्रा ने कहा कि गणित में जोड़ व घटाव संबंधी गलतिया हुई है तो उस पर ध्यान न दें। इवेल्यूशन चाइल्ड ओरिएंटेड हो। सभी क्वेश्चन टच किए हैं तो फेल नहीं करना चाहिए। रिसोर्स पर्सन एके मिश्रा ने स्टेप मार्किंग पर फोकस किया।