Money Laundering Case: पूर्व स्वास्थ्य सचिव डॉ. प्रदीप व उनके भाई को जेल
ED Court. मनी लांड्रिंग के एक मामले में पूर्व स्वास्थ्य सचिव डॉ. प्रदीप कुमार और उनके भाई को जेल की सजा सुनाई गई है।
By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Mon, 03 Jun 2019 02:21 PM (IST)Updated: Mon, 03 Jun 2019 08:27 PM (IST)
रांची, जासं। 1.76 करोड़ रुपये के मनी लांड्रिंग मामले में पूर्व स्वास्थ्य सचिव डॉ. प्रदीप कुमार एवं उनके भाई राजेंद्र कुमार ने सोमवार को ईडी की विशेष अदालत में सरेंडर किया। यहां से दोनों भाइयों को जेल भेज दिया गया। इससे पूर्व अभियुक्तों की ओर से जमानत याचिका दाखिल की गई। मामले में डॉ. प्रदीप कुमार की याचिका पर बहस पूरी हो गई। जमानत पर फैसले के लिए 12 जून की तिथि निर्धारित की गई है। वहीं राजेंद्र कुमार के मामले में आंशिक बहस हुई। इस मामले की भी अगली सुनवाई 12 जून निर्धारित की गई है।
इसके अलावा राजेंद्र कुमार ने आय से अधिक संपत्ति मामले में भी अदालत में सरेंडर किया। बता दें कि मनी लांड्रिंग मामले में ईडी ने 2012 में पूर्व स्वास्थ्य सचिव सहित पांच लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई थी। इसी से जुड़े मामले में एक जून को एक अभियुक्त श्यामल चक्रवर्ती ने भी सरेंडर किया था जिसे जेल भेज दिया गया। बाकी अभियुक्तों को सरेंडर करने का आदेश दिया गया है।इस मामले में नंदलाल, धर्मेंद्र कुमार धीरज और एनके केजरीवाल को भी आरोपी बनाया गया है।
अभियोजन पक्ष ने जमानत देने का किया विरोध
सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से दोनों भाइयों को जमानत देने का विरोध किया गया। विशेष लोक अभियोजक एसआर दास ने यह कहते हुए जमानत का विरोध किया कि दोनों की जमानत याचिका हाईकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व में ही खारिज कर दी है। इनके खिलाफ पर्याप्त सुबूत हैं।
विशेष लोक अभियोजक ने अदालत को बताया कि इसी मामले में एक अभियुक्त श्यामल चक्रवर्ती को जेल भेजा गया है। जबकि उससे ज्यादा सुबूत इनके खिलाफ हैं। मालूम हो कि डॉ. प्रदीप कुमार ने अग्रिम जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। इस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने तीन जून तक स्थानीय अदालत में सरेंडर करने का आदेश दिया था।
दवा घोटाला में बेल पर हैं डॉ. प्रदीप कुमार
पूर्व स्वास्थ्य सचिव डॉ. प्रदीप कुमार चर्चित दवा घोटाला में ट्रायल फेस कर रहे हैं। मामले की जांच सीबीआइ कर रही है। सीबीआइ जांच में उनके खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मामला पाया गया था। इस मामले में सीबीआइ ने तीन अलग-अलग मामला दर्ज कराया था। वहीं, बीते दिनों मनी लाउंड्रिंग के आरोप में ईडी ने डॉ. प्रदीप कुमार की रांची समेत अन्य जगहों पर करोड़ों की संपत्ति को अटैच किया था। डॉ. प्रदीप कुमार अब रिटायर हो चुके हैं।
इसके अलावा राजेंद्र कुमार ने आय से अधिक संपत्ति मामले में भी अदालत में सरेंडर किया। बता दें कि मनी लांड्रिंग मामले में ईडी ने 2012 में पूर्व स्वास्थ्य सचिव सहित पांच लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई थी। इसी से जुड़े मामले में एक जून को एक अभियुक्त श्यामल चक्रवर्ती ने भी सरेंडर किया था जिसे जेल भेज दिया गया। बाकी अभियुक्तों को सरेंडर करने का आदेश दिया गया है।इस मामले में नंदलाल, धर्मेंद्र कुमार धीरज और एनके केजरीवाल को भी आरोपी बनाया गया है।
अभियोजन पक्ष ने जमानत देने का किया विरोध
सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से दोनों भाइयों को जमानत देने का विरोध किया गया। विशेष लोक अभियोजक एसआर दास ने यह कहते हुए जमानत का विरोध किया कि दोनों की जमानत याचिका हाईकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व में ही खारिज कर दी है। इनके खिलाफ पर्याप्त सुबूत हैं।
विशेष लोक अभियोजक ने अदालत को बताया कि इसी मामले में एक अभियुक्त श्यामल चक्रवर्ती को जेल भेजा गया है। जबकि उससे ज्यादा सुबूत इनके खिलाफ हैं। मालूम हो कि डॉ. प्रदीप कुमार ने अग्रिम जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। इस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने तीन जून तक स्थानीय अदालत में सरेंडर करने का आदेश दिया था।
दवा घोटाला में बेल पर हैं डॉ. प्रदीप कुमार
पूर्व स्वास्थ्य सचिव डॉ. प्रदीप कुमार चर्चित दवा घोटाला में ट्रायल फेस कर रहे हैं। मामले की जांच सीबीआइ कर रही है। सीबीआइ जांच में उनके खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मामला पाया गया था। इस मामले में सीबीआइ ने तीन अलग-अलग मामला दर्ज कराया था। वहीं, बीते दिनों मनी लाउंड्रिंग के आरोप में ईडी ने डॉ. प्रदीप कुमार की रांची समेत अन्य जगहों पर करोड़ों की संपत्ति को अटैच किया था। डॉ. प्रदीप कुमार अब रिटायर हो चुके हैं।
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