रघुवर की मांग, कृषि आशीर्वाद योजना हो शुरू
रांची पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने राज्य सरकार पर मुख्यमंत्री कृषि आशीर्वाद योजना दोबारा शुरू करने की मांग हेमंत सरकार से की है।
रांची : पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने राज्य सरकार पर मुख्यमंत्री कृषि आशीर्वाद योजना दोबारा शुरू करने का दबाव बनाया है। इस पक्ष में तर्क देते हुए उन्होंने कहा कि अन्नदाताओं को आíथक रूप से संबल बनाने और उन्हें छोटी-मोटी चीजों के लिए ऋण न लेना पड़े, इसके लिए इस योजना की शुरुआत की गई थी। इससे किसानों को काफी राहत मिली थी। किसानों को सालाना पाच हजार से 25 हजार रुपये तक की आíथक सहायता मिल रही थी। इस राशि से खाद, बीज, उर्वरक आदि की खरीद के अलावा ओलावृष्टि और मौसम के कारण फसल को हुए नुकसान की थोड़ी भरपाई हो जाती थी।
उन्होंने कहा है कि वर्तमान सरकार ने यह योजना बंद कर दी। इसका प्रतिकूल असर किसानों की आíथक सेहत पर पड़ रहा है। ओलावृष्टि से फसल नष्ट होने के कारण किसानों की कमर टूट गई है और किसानों की आत्महत्या की घटनाएं बढ़ी हैं। उन्होंने राज्य सरकार से आग्रह किया है कि फिर से इस योजना को शुरू कर किसानों के खाते में राशि दी जाए ताकि अन्नदाताओं को किसी का कर्जदार न बनना पड़े और वे भी स्वाभिमान के साथ जीवन यापन कर सकें। भाजपा ने दो रिलीफ टीमों का किया गठन -अन्नपूर्णा देवी और पीएन सिंह को सौंपी गई कमान राज्य ब्यूरो, रांची : कोरोना संकट के बीच जरूरतमंदों की मदद करने के लिए प्रदेश भाजपा ने दो रिलीफ टीम का गठन किया है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश के निर्देश पर क्वारंटाइन सेंटर रिलीफ टीम और हाइवे रिलीफ टीम का गठन किया गया है।
भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष प्रदीप वर्मा ने बताया कि क्वारंटाइन सेंटर रिलीफ टीम की प्रदेश संयोजक सासद अन्नपूर्णा देवी बनाई गई है जबकि टीम में सदस्य के रूप में डॉ दिनेशानंद गोस्वामी, विधायक मनीष जायसवाल, बिरंची नारायण, पूर्व विधायक राज पालिवार और प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव शामिल है। वहीं, हाईवे रिलीफ टीम के प्रदेश संयोजक सासद पशुपति नाथ सिंह बनाये गए है। इनकी टीम में पूर्व सासद रवींद्र पांडेय, गणेश मिश्र, लुइस मराडी, चंद्र भूषण झा और सुनील साहू (बरही) शामिल है। प्रदीप वर्मा ने बताया कि यह प्रदेश टीम जिला एवं मंडलों में भी टीम का गठन कर बनाकर सेवा कार्य को गति देगी। उन्होंने कहा कि हाईवे रिलीफ टीम राज्य के विभिन्न हाईवे से गुजर रहे मजदूरों, नागरिकों के भोजन-पानी व चिकित्सा की चिंता करेगी। वहीं, क्वारंटाइन सेंटर टीम ऐसे सेंटरों में रह रहे लोगों के भोजन, जाच चिकित्सा की चिंता करेगी।