मंडल डैम से झारखंड नहीं बिहार को फायदा : बाबूलाल
रांची, राज्य ब्यूरो। झारखंड के प्रथम मुख्यमंत्री सह झाविमो सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी ने दावा किया है कि पांच जनवरी को प्रधानमंत्री के हाथों दोबारा प्रस्तावित मंडल डैम के शिलान्यास से झारखंड नहीं बिहार को फायदा होगा।
रांची, राज्य ब्यूरो। झारखंड के प्रथम मुख्यमंत्री सह झाविमो सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी ने दावा किया है कि पांच जनवरी को प्रधानमंत्री के हाथों दोबारा प्रस्तावित मंडल डैम के शिलान्यास से झारखंड नहीं बिहार को फायदा होगा। उन्होंने कहा है कि इस परियोजना में झारखंड की 2855 वर्ग किलोमीटर जमीन जाएगी। इससे बिहार की 91.917 (83 फीसद), जबकि झारखंड की 19.604 (17 फीसद) हेक्टेयर भूमि सिंचित होगी। इतना ही नहीं इससे 15 गांवों के लगभग 1600 परिवार विस्थापित होंगे। यही वजह रही कि संबंधित डैम के निर्माण से झारखंड को लाभ नहीं होता देख अपने मुख्यमंत्रित्व काल में इसे ठंडे बस्ते में डाल दिया था।
बाबूलाल ने कहा कि संबंधित परियोजना की आधारशिला 1972 में रखी गई थी, जबकि 1980 में कार्य शुरू हुआ। अबतक 792 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं। तब डैम निर्माण की अनुमानित राशि 1622 करोड़ रुपये थी, जो बढ़कर 2391 करोड़ रुपये हो गई है।
मरांडी ने कहा कि झारखंड बनने से पूर्व विकास के नाम पर 30 लाख एकड़ से अधिक भूमि का अधिग्रहण किया जा चुका है। बड़े-बड़े कारखाने, डैम, खदान आदि परियोजनाओं से हजारों गांव उजड़ गए, लाखों लोग विस्थापित हुए। विस्थापितों को न तो मुआवजा मिला और न ही उनका पुनर्वास हुआ।
पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने कहा कि संबंधित क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले पलामू और चतरा के सांसद मूल रूप से बिहार के निवासी हैं, जबकि मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ के। ऐसे में उन्हें झारखंड की जनता का हित कैसे दिखेगा। झाविमो इस परियोजना का विरोध करेगा। आवश्यकता पड़ी तो पार्टी आंदोलन भी करेगी।