झारखंड के पूर्व सीएम मधु कोड़ा की पत्नी गीता कोड़ा ने थामा कांग्रेस का दामन
पूर्व सीएम मधु कोड़ा की पत्नी गीता कोड़ा ने राहुल गांधी की मौजूदगी में कांग्रेस पार्टी की सदस्यता ग्रहण की।
रांची, राज्य ब्यूरो। झारखंड में हाशिये पर चल रही कांग्रेस के लिए गुरुवार का दिन उपलब्धियों भरा रहा। पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा की पत्नी जगन्नाथपुर की विधायक गीता कोड़ा ने जहां एक ओर नई दिल्ली में राहुल गांधी के समक्ष कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण की वहीं राज्य में विपक्षी गठबंधन की दिशा में अहम प्रयास हुए।
झारखंड मुक्ति मोर्चा के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन, झारखंड विकास मोर्चा के अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी और निरसा से मार्क्सवादी समन्वय समिति (एमसीसी) के विधायक अरूप चटर्जी ने इस सिलसिले में कांग्रेस आलाकमान संग बैठक की। राजद की प्रदेश अध्यक्ष अन्नपूर्णा देवी को भी बैठक में मौजूद रहना था लेकिन वह व्यक्तिगत कारणों से इसमें शामिल नहीं हो पाईं।
बैठक में विपक्षी गठबंधन के फार्मूले पर चर्चा हुई। जल्द हीं इसकी आधिकारिक घोषणा होगी। इस मौके पर प्रदेश कांग्र्रेस प्रभारी आरपीएन सिंह, सह प्रभारी उमंग सिंघार, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डा. अजय कुमार, कांग्र्रेस विधायक दल के नेता आलमगीर आलम भी मौजूद थे। प्रदेश कांग्रेस मीडिया प्रभारी राजेश ठाकुर के मुताबिक राज्य में विपक्षी गठबंधन एकजुट होकर भाजपानीत गठबंधन से आगामी चुनावों में मुकाबला करेगा।
गीता कोड़ा ने भाजपा को दिया झटका : गीता कोड़ा के कांग्रेस में शामिल होने से भाजपा को झटका लगा है। पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा की पत्नी गीता कोड़ा नियमित तौर पर एनडीए विधायक दल की बैठकों में शिरकत करती थीं। उनका झुकाव भाजपा की तरफ था। यह भी कयास लगाया जाने लगा था कि वह भाजपा ज्वाइन कर सकती हैं। वैसे गीता कोड़ा के पति मधु कोड़ा के कांग्र्रेस से मधुर संबंध रहे हैं।
जब निर्दलीय विधायक रहते हुए उन्होंने सत्ता संभाली थी तो कांग्र्रेस ने उनकी सरकार को बाहर से समर्थन दिया था। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुवा ने भी माना कि वह एनडीए का साथ दे रही थीं। हमें मदद कर रही थीं। हालांकि उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में सबको निर्णय लेने का अधिकार है। गीता कोड़ा के पति निर्दलीय रहते हुए मुख्यमंत्री बने तो उनके पास संख्याबल था।
गीता कोड़ा के कदम से कोल्हान की राजनीति पर असर : गीता कोड़ा पश्चिम सिंहभूम जिले की जगन्नाथपुर विधानसभा सीट का नेतृत्व करती हैं। उनसे पहले मधु कोड़ा इस सीट से चुनाव लड़ा करते थे। पिछले विधानसभा चुनाव में उन्होंने जगन्नाथपुर से सटी मझगांव सीट पर किस्मत आजमाया था। वे इसमें नाकामयाब रहे। विपक्षी गठबंधन में गीता कोड़ा के शामिल होने से 'हो' समुदाय के मत प्रभावित होंगे।
कोल्हान में इस समुदाय की बहुसंख्यक हैं। यह भी संभव है कि मधु कोड़ा लोकसभा चुनाव में चाईबासा संसदीय सीट से अपनी दावेदारी करें। फिलहाल इसपर भाजपा का कब्जा है। हालांकि पश्चिम सिंहभूम की एक भी सीट पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा की झोली में नहीं आई थी। जगन्नाथपुर सीट को छोड़कर झारखंड मुक्ति मोर्चा ने पश्चिम सिंहभूम की सभी विधानसभा सीटों पर कब्जा जमाया था।
गीता कोड़ा के भाजपा विरोधी गठबंधन में शामिल होने से भाजपा को यहां पांव जमाने में काफी मशक्कत का सामना करना पड़ेगा। पश्चिम सिंहभूम से सटे सरायकेला-खरसावां और पूर्वी सिंहभूम में भी पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा के आंशिक प्रभाव का इस्तेमाल विपक्षी गठबंधन कर सकता है।