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तमाड़ पर सबकी निगाहें, विकास का सपना

रांची जिले के तमाड़ विधानसभा क्षेत्र पर सबकी निगाहें लगी हैं। यहां विकास होना बाकी है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 11 Nov 2019 02:43 AM (IST)Updated: Mon, 11 Nov 2019 02:43 AM (IST)
तमाड़ पर सबकी निगाहें, विकास का सपना
तमाड़ पर सबकी निगाहें, विकास का सपना

रणविजय सिंह, तमाड़ : रांची जिले के तमाड़ विधानसभा क्षेत्र पर सबकी निगाहें लगी हैं। वर्ष 2019 के चुनाव में इस सीट से कई चर्चित चेहरे दावेदारी कर रहे हैं। राजा पीटर से लेकर कुंदन पाहन तक इस सीट से चुनाव लड़ने की मंशा जाहिर कर चुके हैं। दरअसल राज्य की तमाड़ विधानसभा हमेशा से चर्चा के केंद्र में रही है। वर्ष 2009 के उप चुनाव में राज्य के कद्दावर नेता शिबू सोरेन तमाड़ विधानसभा चुनाव हार गए। यह इतना बड़ा घटनाक्रम रहा कि सूबे में राजनीतिक भूचाल सा आ गया। शिबू सोरेन राज्य के मुख्यमंत्री थे। उनके हारते ही झामुमो, काग्रेस और राजद गठबंधन की सरकार गिर गई। राज्य में राष्ट्रपति शासन लग गया। शिबू सोरेन जैसे कद्दावर नेता के लिए यह बड़ा राजनैतिक झटका था। राजनीति के एक नए खिलाड़ी जदयू के प्रत्याशी गोपाल कृष्ण पातर (उर्फ राजा पीटर) ने उन्हें लगभग नौ हजार से ज्यादा वोटों के अंतर से हराया था। घटना का झारखंड की राजनीति पर गहरा असर पड़ा। तमाड़ का यह चुनाव परिणाम झारखंड की सियासी इतिहास में एक न भूलनेवाला पन्ना बन गया। दरअसल शिबू सोरेन ने पहली बार संताल परगना छोड़कर छोटानागपुर से चुनाव लड़ने का फैसला लिया था। जब मधु कोड़ा की सरकार से उन्होंने सत्ता हासिल की तब वे सासद थे। अगस्त 2008 में वह मुख्यमंत्री बने थे। उन्हें छह महीने के अंदर विधानसभा की सदस्यता हासिल करनी थी। जदयू विधायक और सरकार में मंत्री रहे रमेश सिंह मुंडा के निधन के बाद तमाड़ सीट खाली हुई थी। पार्टी ने उन्हें तमाड़ से चुनाव लड़ाने का फैसला लिया। यह आत्मघाती साबित हुआ।

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विकास के सपने, कुछ पूरे, कुछ अधूरे

चर्चित विधानसभा क्षेत्र होने के बावजूद तमाड़ में मूलभूत सुविधाओं की कमी बरकरार रही। किसानों के लिए सिंचाई की व्यवस्था, पेयजल की व्यवस्था, शिक्षा व स्वास्थ्य जैसे क्षेत्रों में अब भी सरकारी योजनाएं पूरी तरह जमीन पर नहीं उतर सकीं। उच्च शिक्षा से लेकर बाजार तक की स्थिति बेहद दयनीय बनी हुई है। तमाड़ के किसानों को पानी देने के लिए मुख्य नहर का निर्माण करा दिया गया। सहयोगी नहरों का निर्माण नहीं होने के कारण खेतों तक पानी नहीं पहुंच सका है। विधानसभा के कई क्षेत्रों में पेयजल की आपूर्ति लिए पाईप लाइन बिछा दी गयी। घरों तक पानी नहीं पहुंच सका। क्षेत्र में पेयजल की घोर समस्या बनी हुई है। स्वास्थ्य सेवाओं के लिए अलग-अलग प्रखंड के पंचायतों में स्वस्थ्य उपकेंद्र बनाए गये है। चिकित्सकों व स्वास्थ्य कर्मचारियों की कमी बनी हुई है। तमाड़ स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र तक में इलाज की समुचित व्यवस्था नहीं हो सकी। शिक्षा के विकास के लिए कई पंचायतों में भवन का निर्माण करा दिया गया है। शिक्षकों की कमी के कारण पठन-पाठन की व्यवस्था दुरुस्त नहीं हो सकी। प्रखंड में उच्च शिक्षा के लिए डिग्री कॉलेज की मांग लंबे समय से की जा रही है। अब तक यह मांग अधूरी है। तमाड़ में सप्ताह में दो दिन बाजार लगता है। बाजार की स्थिति बरसात के दिनों में बेहद खराब हो जाती है। कीचड़ के कारण लोग बाजार जाने से परहेज करते हैं। किसान अपनी उपज को सही तरीके से बेच तक नहीं पाते।

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कहती है जनता

हमारे विधानसभा में विकास कोई ठोस पहल नहीं है। नयी सरकार से समस्याओं का समाधान करने की अपेक्षा रहेगा। हमारे जनप्रतिनिधियों को जनता से बात कर उनकी समस्याओं का समाधान करना चाहिये।

- राजेंद्र प्रसाद

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सरकार ग्रामीण इलाकों के विकास के लिए तमाम योजनाएं चलती है। ग्रामीण इलाकों तक इसका लाभ नहीं पहुंच पाता। प्रखंड-अंचल का चक्कर लगाकर लोग परेशान होते हैं।

- विमल पांडे

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तमाड़ चौक पर प्रकाश की व्यवस्था नहीं है। आठ वर्षाें से लोग इस बारे में स्थानीय जनप्रतिनिधि का ध्यान आकर्षित कराने का प्रयास कर रहे हैं। अब तक समाधान नहीं हुआ।

-राजेश कुमार

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आंकड़े की नजर में स्थिति

विधानसभा क्षेत्र : 58-तमाड़

चुनावी चरण : द्वितीय

नामांकन पत्र वितरण : 11 नवंबर से

नामांकन की अंतिम तिथि : 18 नवंबर

नामांकन पत्र की जांच : 19 नवंबर

नामांकन वापसी : 21 नवंबर

मतदान : 7 दिसंबर

मतगणना : 23 दिसंबर

आपत्ति : 29 दिसंबर

कुल मतदाता : 203729

पुरुष मतदाता : 102885

महिला मतदाता : 100844

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विधानसभा का प्रतिनिधित्व

वर्ष 2014

विजयी : विकास कुमार मुंडा

प्राप्त मत : 57428

पार्टी : आजसू

हारे : गोपाल कृष्ण पातर

प्राप्त मत : 31422

पार्टी : निर्दलीय


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