रक्षा, इसरो, रेलवे, स्टील प्लांट और माइनिंंग सेक्टर के लिए उपकरण बनाने का काम ठप, जानिए क्यों
बकाया वेतन भुगतान की मांग को लेकर एचईसी में लगातार हड़ताल जारी है। हड़ताल समाप्त होने पर ही हो सकेगी 110 करोड़ रुपये नुकसान की भरपाई। एचईसी पहुंचे निदेशक। सोमवार को करेंगे यूनियन प्रतिनिधियों के साथ बैठक। एक माह कार्य होने पर कई उपकरण किए जा सकेंगे डिस्पैच।
रांची, जागरण संवाददाता। केंद्रीय उद्योग मंत्रालय ने एचईसी प्रबंधन को स्पष्ट कर दिया है कि वह अपने संसाधन से कंपनी को चलाए। एचईसी के पदाधिकारी दिल्ली में बैठक करने के बाद शनिवार को रांची पहुंचे। सोमवार से पदाधिकारी एचईसी में उत्पादन कार्य शुरू करने और हड़ताल को खत्म करने की दिशा में काम करेंगे। साथ ही 110 करोड़ रुपये का वर्कऑर्डर, जो प्रभावित होने की दिशा में है उसे बचाने की दिशा में काम करेंगे। इधर, 17वें दिन भी एचईसी में उत्पादन कार्य ठप रहा।
हड़ताल के कारण यह काम है बाधित
एचईसी में रक्षा, इसरो, रेलवे, स्टील प्लांट, माइनिंंग सेक्टर से संबंधित कई कंपनियों और संस्थानों के महत्वपूर्ण उपकरणों के निर्माण की प्रक्रिया बाधित हो गई है। हड़ताल से करोड़ों रुपये का नुकसान हो रहा है। एचएमटीपी में रेलवे और स्टील प्लांट से संबंधित कार्य फंसे हैं। एचईसी में एचएमटीपी में रेलवे, इसरो, स्टील प्लांट और माइनिंंग सेक्टर सहित कई कंपनियों में इस्तेमाल होने वाले मशीनों के टूल्स बनते हैं।
आठ करोड़ का काम रुका पड़ा है यहां
हड़ताल के कारण प्लांट में आठ करोड़ रुपये के उपकरणों का निर्माण रुका पड़ा है। एचएमबीपी में 22 करोड़ रुपये का कार्य प्रभावित है। दुर्गापुर स्टील प्लांट का वर्क आर्डर पूरा नहीं होने पर कार्यादेश प्रभावित हो सकता है, जबकि दुर्गापुर स्टील प्लांट का कार्य अंतिम चरण में है और उपकरण को डिस्पैच करना बाकी है।
एफएफपी प्लांट में 74 करोड़ रुपये का कार्य प्रभावित
अगर समय रहते कार्य को पूरा कर लिया गया तो एचईसी को नुकसान नहीं उठाना होगा। एफएफपी प्लांट में 74 करोड़ रुपये का कार्य प्रभावित है। इसमें बिलासपुर स्टील प्लांट, दुर्गापुर स्टील प्लांट, जेएसपीएल, बीएसएल, आकांक्षा, राउरकेला स्टील प्लांट और भेल सहित कई कंपनियों के उपकरणों के फोर्जिंग संबंधी काम पूरी तरह से ठप है।
सोमवार को होगी यूनियन के साथ बैठक
एचईसी के निदेशक सोमवार को यूनियन के प्रतिनिधियों के संग बैठक करेंगे। बैठक में उद्योग मंत्री से मिले दिशा-निर्देश को लेकर यूनियनों को अवगत कराएंगे। यह बताएंगे कि उत्पादन कार्य कैसे होगा और हड़ताल को खत्म कैसे करेंगे। क्योंकि उत्पादन होने के बाद ही एचईसी की मौजूदा स्थिति में सुधार हो सकता है। लंबे दिनों से हड़ताल होने के कारण कई वर्क आर्डर अब खतरे में पड़ गया है। दूसरी तरफ कर्मियों से भी मिलकर अनुरोध करेंगे वह अपनी हड़ताल वापस लें। एचईसी प्रबंधन ने भी कर्मियों से अपील की है कि अब एचईसी को अपने संसाधन से ही सारे कार्य पूरे करने हैं। ऐसे में सभी को इसके लिए एकजुट होकर काम करना होगा।