घाघरी जलप्रपात में उठाएं प्रकृति के मनोरम दृश्य का लुत्फ
प्रखंड के घाघरी जलप्रपात में नववर्ष से पहले ही लोग पिकनिक मनाने पहुंचने लगे हैं।
लापुंग : प्रखंड के घाघरी जलप्रपात में नववर्ष से पहले ही लोग पिकनिक मनाने पहुंचने लगे हैं। लापुंग के घाघरी जलप्रपात में लोग सालों भर आते हैं और यहां के प्राकृतिक मनोरम दृश्य का आनंद लेते हैं यहां की प्राकृतिक छटा इतनी मनोरम है कि लोगों को एकाएक अपनी ओर आकर्षित कर लेती है।
घाघरी जलप्रपात घने जंगलों से घिरा हुआ है। इसके बीच में पहाड़ों से गिरता हुआ झरने का पानी कल-कल करते हुए दिल को छू लेता है। जंगलों के बीच में पहाड़ों से गिरता हुआ पानी घाघरी जलप्रपात की सुंदरता को चार चांद लगा देता है। इसी जलप्रपात के पास है अति प्राचीन शिव मंदिर जो लोगों को पिकनिक के साथ भक्तिमय माहौल भी देता है। लोग यहां पिकनिक मनाने के साथ-साथ पूजा करने के लिए पूरे साल आते हैं। यहां का शिवलिग अनोखा है। यह शिवलिग तीन खंडों में बंटा हुआ है। ऐसी मान्यता है कि लोग सच्चे मन से पूजा करने के दौरान बैठकर शिवलिग के दोनों ओर से हाथ बढ़ाते हैं तो हथेली मिल जाती है तो उनकी सारी मनोकामना पूरी होती है। इसी के साथ यहां पर पार्वती मंदिर और बजरंगबली मंदिर भी है, जो लोगों का आकर्षण का केंद्र है। वहीं इस जगह पर एक गुफा भी है, जहां लोग पूजा-अर्चना करते हैं।
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रोजगार का साधन बना जलप्रपात व मंदिर
मंदिर और जलप्रपात से कई लोगों का रोजगार भी जुड़ा हुआ है। यहां बड़ी संख्या में लोगों के आने के कारण स्थानीय लोग छोटी-छोटी दुकानें खोलकर रोजगार से जुड़ गए हैं।
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बन सकता है पर्यटन स्थल :
घाघरी धाम, साईं मंदिर और लतरातू डैम को मिलाकर लापुंग पर्यटन स्थल बन सकता है। स्थानीय ग्रामीण इसे पर्यटन स्थल बनाने की मांग लंबे समय से कर रहे हैं। यदि सरकार इस ओर ध्यान दे तो यह पर्यटक स्थल बन सकता है।