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मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट का रोड़ा खत्म, गैस पाइप लाइन योजना को मिलेगी गति

ऊर्जा गंगा परियोजना के तहत पूर्वी भारत के निवासियों को पाइप्ड नेचुरल गैस (पीएनजी) और वाहनों के लिए सीएनजी उपलब्ध कराई जाएगी।

By BabitaEdited By: Published: Sat, 28 Jul 2018 12:26 PM (IST)Updated: Sat, 28 Jul 2018 12:26 PM (IST)
मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट का रोड़ा खत्म, गैस पाइप लाइन योजना को मिलेगी गति
मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट का रोड़ा खत्म, गैस पाइप लाइन योजना को मिलेगी गति

रांची, आनंद मिश्र। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट ‘ऊर्जा गंगा गैस पाइप लाइन परियोजना’ के जमीन संबंधी गतिरोध झारखंड सरकार ने दूर कर लिया है। झारखंड जल, गैस व ड्रेनेज पाइप लाइन (भूमि में उपयोगकर्ता के अधिकारों का अर्जन) बिल से किसानों से भू-अधिग्रहण सुगम होगा और गैस पाइप लाइन योजना को गति दी जा सकेगी।

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खास बात है कि किसानों से ली गई जमीन पाइप लाइन बिछाने के बाद उन्हें वापस दे दी जाएगी जिसका उपयोग वे दोबारा कृषि कार्य के लिए कर सकेंगे। ऊर्जा गंगा परियोजना के तहत पूर्वी भारत के निवासियों को पाइप्ड नेचुरल गैस (पीएनजी) और वाहनों के लिए सीएनजी उपलब्ध कराई जाएगी।

ज्ञात हो, पूर्वी भारत के विकास को गति देने के लिए जगदीशपुर से पश्चिम बंगाल के हल्दिया तक गैस पाइप

लाइन बिछाई जा रही है। गैस अथारिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (गेल) द्वारा लागू की जा रही इस योजना में उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल और ओडिशा को शामिल किया गया है। गेल के इस निर्माणाधीन प्रोजेक्ट के तहत झारखंड में 551 किलोमीटर लंबी पाइप लाइन बिछाई जाएगी। झारखंड में इस योजना की अनुमानित लागत 4,366 करोड़ रुपये आंकी गई है। इस प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए 2020 की मियाद तय की गई है। 

क्या था रोड़ा

गैस पाइप लाइन प्रोजेक्ट में जमीन की बाधा के चलते प्रोजेक्ट तकरीबन थम सा गया था। झारखंड में इस प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए 4000 से अधिक किसानों से जमीन का दखल प्रमाणपत्र लिया जाना है। इसके अलावा फारेस्ट (वन) भूमि का भी रोड़ा है। दस जिलों से गुजरने वाली इस पाइप लाइन के लिए 114.8 हेक्टेयर वन भूमि ली जानी है। इसमें 63.5 हेक्टेयर अधिसूचित वन क्षेत्र है जबकि 51.3 हेक्टेयर जंगल-झाड़ी। 

क्या होगा फायदा 

रांची में पाइप लाइन से नेचुरल गैस (पीएनजी) की सप्लाई हो सकेगी। प्रथम चरण में इससे 30 हजार परिवारों को पाइप लाइन से रसोई गैस की आपूर्ति हो सकेगी। वहीं, सीएनजी वाहनों के स्टेशन भी स्थापित होंगे।

- जमशेदपुर में प्रथम चरण में 25 हजार परिवारों को नेचुरल गैस की आपूर्ति की जाएगी। यहां भी सीएनजी वाहनों के लिए स्टेशन स्थापित होंगे। 

-रांची व जमशेदपुर के बाद बोकारो, हजारीबाग, धनबाद, रामगढ़ और गिरिडीह में गैस पाइप लाइन से रसोई गैस की आपूर्ति सुनिश्चित की जा सकेगी। 

- झारखंड में गैस आधारित इंडस्ट्री की स्थापना में भी यह सहायक होगी।

- सिंदरी के पुनरुद्धार में भी यह सहायक साबित होगी।

- एफसीआइ सिंदरी, सेल बोकारो, जिंदल स्टील एंड पॉवर, मुरी हिंडाल्को, एचईसी, ऊषा मार्टिन

सहित अन्य कंपनियों को इस पाइप लाइन प्रोजेक्ट का सीधा फायदा होग


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