मोटरसाइकिल चोर से गिरोह का सरगना बना धीरज, वेतन पर रखता था गुर्गे
सुखदेवनगर क्षेत्र में पुलिस ने चोर गिरोह के सरगना धीरज जालान के हरमू रोड
राज्य ब्यूरो, रांची : सुखदेवनगर क्षेत्र में पुलिस ने चोर गिरोह के सरगना धीरज जालान के हरमू रोड स्थित आवास से एक करोड़ से अधिक की संपत्ति जब्ती के मामले में धीरज के पिता श्याम सुंदर जालान को मंगलवार को न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। यह बरामदगी डोरंडा थाने से एक दिन पूर्व जेल भेजे गए एक धीरज जालान के सहयोगी कुणाल पासवान की निशानदेही पर की गई थी। कुणाल ने जेल जाने से पूर्व कई अहम जानकारियां दी है, जिसपर पुलिस आगे की छानबीन कर रही है। करीब 16 साल पहले मोटरसाइकिल चुराने वाला धीरज जालान धीरे-धीरे अपना बड़ा गिरोह बना लिया। वह अपने गुर्गो को वेतन पर रखता था। उसके गिरोह में 50 से अधिक गुर्गे हैं, जिनमें अधिकतर को वह छह से आठ हजार रुपये मासिक वेतन देता था। हालांकि, धीरज चोरी के ही एक मामले में चार सितंबर को खूंटी जेल में बंद है। उसके गुर्गे अब भी घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं।
ये अपराधी मोटरसाइकिल चोरी, मोबाइल चोरी, चार पहिया वाहनों के शीशे तोड़कर बैग आदि उड़ाने की घटना को अंजाम देते रहे हैं। डोरंडा पुलिस धीरज जालान गिरोह के दो अन्य सदस्यों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है। दोनों टाटीसिलवे के रहने वाले हैं। गिरोह के अन्य साथियों के बारे में भी पुलिस जानकारी जुटा रही है ताकि गिरोह के अन्य साथियों तक पुलिस पहुंच सके। बरामद मोबाइल व लैपटॉप के ब्योरे खंगाले जा रहे हैं, ताकि यह पता चल सके कि चोरी कहां से हुई थी।
पुलिस की छानबीन में यह भी खुलासा हुआ है कि धीरज जालान ने अपराध के पैसे अपने पिता श्याम सुंदर जालान के कपड़े के कारोबार में लगाया है। उसके घर से पुलिस ने रविवार को छापेमारी में 28 लाख रुपये की विदेशी करेंसी भी बरामद किया था।
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गुर्गो से मिले चोरी के माल को खपाता था धीरज
जेल जाने से पूर्व कुणाल ने यह खुलासा किया कि धीरज जालान अपराध के माल को खपाता था। उसके गुर्गे चोरी के सभी माल उसे पहुंचाते थे। धीरज जालान उसे जहां-तहां सप्लाई करता था, बेच देता था। इतना ही नहीं, धीरज जालान नक्सलियों तक चोरी का मोबाइल व लैपटॉप पहुंचाता था। पुलिस धीरज जालान के बैंक खाते को भी खंगाल रही है, ताकि उसकी संपत्ति के बारे में और जानकारी मिल सके। अब रांची पुलिस खूंटी जेल में बंद धीरज जालान को रिमांड पर लेकर पूछताछ करेगी, ताकि उसके गिरोह का पूरी तरह खुलासा हो सके। धीरज जालान दो माह पहले ही बूटी मोड़ के पास यातायात पुलिस के हाथों पकड़ा गया था, लेकिन चकमा देकर फरार हो गया था। बाद में उसने खूंटी में आत्मसमर्पण किया था और तब से वह खूंटी जेल में बंद है।